देश में बढ़ते हिंदू-मुस्लिम विभाजन का नतीजा है पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा- बोले फारूक अब्दुल्ला

वक्फ संशोधन कानून को लेकर पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई है. बीजेपी इस मुद्दे को लेकर राज्य की ममता सरकार पर लगातार हमला कर रही है. इस बीच नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का बयान सामने आया है. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि जान-बूझकर हिंदू-मुसलमानों के बीच नफरत पैदा की जा रही है जिसकी वजह से अब यह नफरत हिंसा में बदल रही है. उन्होने कहा कि ‘खतरा पाकिस्तान या चीन से नहीं बल्कि देश के अंदर उन लोगों से है जो धर्म के नाम पर नफरत फैला रहे हैं.
रविवार (20 अप्रैल) को जम्मू के मढ़ में पत्रकारों से बात करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सांप्रदायिक नफरत देश को कमजोर कर रही है और पश्चिम बंगाल में हाल की हिंसा देश में बढ़ते हिंदू-मुस्लिम विभाजन का प्रत्यक्ष परिणाम है. वहां बुलडोजर चलाए गए, मस्जिदें गिरा दी गईं, स्कूलों को तबाह कर दिया गया, मुसलमानों के घर ढहा दिए गए. उन्होंने सवाल किया कि इन लोगों का क्या गुनाह था.
‘धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वालों से है खतरा…’
फारूक अब्दुल्ला कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाई, लेकिन रोक के बाद भी कार्रवाई की गई. अध्यक्ष ने सवाल किया कि क्या कानून सिर्फ हमारे लिए अलग है और उनके लिए अलग है. उन्होंने लोगों से एकजुट होने और एकता दिखाने का आग्रह किया और कहा कि ‘खतरा पाकिस्तान या चीन से नहीं बल्कि देश के अंदर उन लोगों से है जो धर्म के नाम पर नफरत फैला रहे हैं.
सीएम ममता ने की शांति बनाए रखने अपील
वहीं बीते शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सार्वजनिक किए गए एक ओपन लेटर के जरिए लोगों से शांति बनाए रखने अपील की, साथ ही यह भी आरोप लगाया कि ‘ये ताकतें’ (बीजेपी और आरएसएस) उकसावे पर हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पृष्ठभूमि का इस्तेमाल विभाजनकारी राजनीति खेलने के लिए कर रही हैं.
मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में 3 लोगों की मौत
दरअसल वक्फ संशोधन कानून को लेकर राज्य के मुर्शिदाबाद में प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई. उपद्रवियों ने बड़ी संख्या में घरों में आग लगा दी. हिंसा की चपेट में आए कई लोग बेघर भी हो गए थे. हिंसा की वजह से राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर लगातार हमले किए जा रहे हैं.