तिरुपति लड्डू मामला: CBI की कार्रवाई से घी कारोबारियों में हड़कंप, कई दुकानें बंद, मालिक हुए अंडरग्राउंड

आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बीयुक्त मिलावटी तेल और घी के मामले के तार ग्वालियर से जुड़े हैं. यही वजह है कि इस मामले में CBI की स्पेशल टीम तीन दिन तक ग्वालियर में डेरा डाले रही. सीबीआई की चार सदस्यीय टीम ने दाल बाजार के कुछ तेल और घी कारोबारियों को नोटिस देकर तलब किया था. इस के बाद इंदरगंज और कोतवाली थाना क्षेत्र के कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है.
कुछ व्यापारी सीबीआई की एसआईटी के बुलाने पर भी थाने नहीं पहुंचे तो टीम ने कोतवाली और इंदरगंज थाना की मदद ली और उनको थाना लाकर बयान लिए गए. सीबीआई के ग्वालियर आने के बाद से दाल बाजार में कई फर्म के दफ्तर तक नहीं खुले हैं. कुछ खुले हैं तो वहां के मालिक लापता हैं. हाई कोर्ट के निर्देश पर गठित सीबीआई की एसआईटी देश में दक्षिण से लेकर उत्तर तक के क्षेत्रों में कार्रवाई कर रही है.
घी और तेल कारोबारी दुकान छोड़कर गायब
दरअसल, तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद कांड की जांच में जुटी सीबीआई की एसआईटी ग्वालियर के दाल बाजार के आसपास डेरा जमाए हुए थी. पता लगा है कि सीबीआई सीपी ट्रेडिंग कंपनी मैना वाली गली के नितिन अग्रवाल उर्फ मोनू, व्यापारी मोहित अग्रवाल, अजीत कुमार-राकेश कुमार के नोटिस लेकर आई थी. इन सभी कारोबारियों का घी और तेल के कारोबार से जुड़ाव है.
जानकारी के अनुसार सीबीआई की टीम ने पहले दिन कुछ व्यापारियों को नोटिस देकर तलब किया था. लेकिन व्यापारी डर के चलते नहीं मिले और अपने प्रतिष्ठान पर ताला लटकाकर गायब हो गए थे. मजबूरन स्पेशल टीम को कोतवाली और इंदरगंज थाना पुलिस की मदद लेनी पड़ी. टीम ने इंदरगंज सीएसपी रोबिन जैन व कोतवाली थाना प्रभारी मोहिनी मिश्रा से संपर्क करके मदद मांगी थी.
ग्वालियर में तीन दिन तक डेरा डाले रही टीम
इंदरगंज थाना और कोतवाली थाना पुलिस की मदद से उक्त व्यापारियों को सीबीआई के समक्ष पेश किया गया. जहां उनके बयान लिए गए. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सीबीआई की टीम ग्वालियर में तीन दिन तक डेरा डाले रही. ताजा जानकारी के अनुसार सीबीआई टीम गंतव्य के लिए रवाना हो गई है. मामला गंभीर और हाई प्रोफाइल है. ऐसे में ग्वालियर पुलिस भी खुलकर बोलने से बच रही है.