पश्चिम बंगाल में लगे राष्ट्रपति शासन… याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम पर लग रहे कार्यपालिका में अतिक्रमण के आरोप

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जारी हिंसा और सुप्रीम कोर्ट पर हो रही बयानबाजी के बीच पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई. इस याचिका पर सुनवाई की मांग वकील विष्णु शंकर जैन ने सुप्रीम कोर्ट से की थी. विष्णु ने कहा कि बंगाल में पैरा मिलिट्री फोर्स की तत्काल तैनाती की आवश्यकता है. मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर दाखिल 2 याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी चर्चा का विषय बन गई है.
याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि आप चाहते हैं कि हम इसे लागू करने के लिए राष्ट्रपति को परमादेश जारी करें? वैसे भी हम पर कार्यपालिका में अतिक्रमण करने के आरोप लग रहे हैं. विष्णु ने कहा कि याचिका में एक आवेदन दाखिल करने की मंजूरी दें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा ठीक है.
दूसरी याचिका वकील शशांक शेखर झा की ओर से दायर की गई है. याचिका के जरिए मुर्शिदाबाद हिंसा की की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी के गठन की मांग की गई है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. वक्फ एक्ट के खिलाफ पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया था. इस दौरान वहां पर हिंसा भड़क उठी जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई.
निशिकांत दुबे के बयान के बाद सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बीते दिन कहा था कि देश में जितने भी गृहयुद्ध हो रहे हैं, उसके लिए सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई संजीव खन्ना जिम्मेदार हैं. इस मामले पर विपक्ष बीजेपी पर हमलावर है, तो वहीं पार्टी ने अपने सांसद के इस बयान से कन्नी काट ली है. ऐसे में ये बयान सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी चर्चा में रहा है. कोर्ट ने कहा कि हम पर आरोप लग रहे हैं और आप चाहते हैं कि हम देश के राष्ट्रपति को आदेश जारी करें?
राज्यपाल ने किया था मुर्शिदाबाद का दौरा
मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद वहां कई घर ऐसे मिले जहां से परिवार पलायन कर चुके हैं और लूटपाट के बाद उनके घरों को जला दिया गया है. सिर्फ राज्यपाल ही नहीं महिला आयोग की टीम ने भी मुर्शिदाबाद का दौरा किया. जिसके बाद महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा कि यहां लोग इतने दर्द में हैं. जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.