August 3, 2025 11:03 am
ब्रेकिंग
अमेरिका के फैसले से चिंतित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू, बताया टैरिफ से क्या होगा नुकसान, ऐसे न... इंडियो की फ्लाइट में थप्पड़ खाने वाला शख्स हो गया था ‘गायब’, फिर मिला असम के एक रेलवे स्टेशन पर दिल्ली में 5 दिन बारिश से राहत नहीं, UP-बिहार समेत 15 राज्यों में अलर्ट, पहाड़ों का क्या है हाल? जिंदगी की जंग हार गई पुरी की बेटी, दिल्ली AIIMS में तोड़ा दम; बदमाशों ने किडनैप कर जलाया था 98 मौतें, 1500 से ज्यादा घर जमींदोज, 387 सड़कें ब्लॉक…हिमाचल में मौसम का कहर; उत्तराखंड में भी तबाही भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुनील गुप्ता रायपुर में हुए सम्मानित विश्व स्तनपान सप्ताह 2025के संबंध में चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी ने किया कार्यशाला रायपुर-बिलासपुर में खुलेंगे मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज, प्रदेश को मिले 3 विशेषज्ञ डॉक्टर 20वीं किस्त में कटे बिलासपुर के तीन हजार किसानों के नाम, पति-पत्नी ले रहे थे दोहरा लाभ सुकमा में सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी, दो लाख के इनामी समेत तीन माओवादी गिरफ्तार
विदेश

न चीन, न रूस और न तुर्किए… ईरान को बचाने आगे आए ये 3 सुपरपावर देश

ईरान और इजराइल की जंग तेज होती जा रही है. अस्पताल पर हमला होने के बाद इजराइल ने खामेनेई को खत्म करने की कसम खाई. इस बीच तीन सुपरपावर देशों ने ईरान को बचाने की कवायद शुरू की है. खास बात ये है कि इन तीनों ही देशों में ईरान के दोस्त कहे जाने वाले चीन, रूस और तुर्की शामिल नहीं हैं.

एक जर्मन राजनयिक के हवाले से रॉयटर्स में प्रकाशित रिपोर्ट की मानें तो जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के विदेश मंत्री आगामी शुक्रवार को जिनेवा में अपने ईरानी समकक्षों के साथ परमाणु वार्ता करने की योजना बना रहे हैं. तीनों राष्ट्रों की कोशिश है कि वे इजराइल-ईरान संघर्ष के बीच वे किसी तरह कूटनीतिक समाधान तलाशें. इसके लिए वे ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची से भी मुलाकात करेंगे.

अमेरिका की सहमति से होगी वार्ता

जर्मनी के राजनयिक के अनुसार सबसे पहले तीनों ही यूरोपीय देशों के मंत्री जिनेवा में जर्मनी के स्थायी मिशन में यूरोपीय संघ के शीर्ष राजनयिक काजा कालास से मिलेंगे. इसके बाद ईरानी विदेश मंत्री के साथ बैठक होगी. यह बातचीत संयुक्त राज्य अमेरिका की सहमति से होगी.

ट्रंप के बयान से बढ़ी चिंता

दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइल के सैन्य अभियान में अमेरिका के शामिल होने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इससे चिंता बढ़ गई है कि संकट और बढ़ सकता है. हालांकि ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि उन्होंने ईरान पर हमले करने के लिए अमेरिकी सैन्य बलों को अनुमति देने के बारे में अभी अंतिम फैसला नहीं लिया है. वह अभी इंतजार करना पसंद करेंगे.

परमाणु कार्यक्रम पर गारंटी को लेकर बातचीत

माना जा रहा है कि तीनों ही देश ईरान से बातचीत कर उसे इस बात पर राजी करना चाहते हैं कि वह परमाणु कार्यक्रम को सीमित रखेगा और इसका प्रयोग सिर्फ नागरिक उद्देश्यों के लिए ही करेगा. दरअसल इजराइल का कहना है कि वह तेहरान की परमाणु हथियार विकसित करने की क्षमता को खत्म करेगा, जबकि ईरान का कहना है कि वह परमाणु कार्यक्रम का प्रयोग सैन्य उद्देश्यों के लिए नहीं कर रहा है.

जर्मन चांसलर ने दी थी ईरान को सलाह, विदेश मंत्री ने ये कहा

जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने इजराइल का समर्थन करते हुए तेहरान से तनाव कम करने की अपील की थी. चांसलर ने ये भी कह दिया था कि अन्यथा उन्हें विनाश का सामना करना होगा. उधर जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने ईरान के नेताओं से अपील की कि वे समाधान की दिशा में काम करें और परमाणु कार्यक्रम पर आश्वासन दें.उन्होंने बर्लिन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में दोहराया कि वे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक समाधान में योगदान देने के लिए तैयार हैं.

ईरान से की बातचीत

जर्मन विदेश मंत्री वेडफुल ने फ्रांसीसी और ब्रिटिश समकक्षों और यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख के साथ सोमवार को ईरानी विदेश मंत्री के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और एक स्पष्ट प्रस्ताव रखा. वेडफुल ने इस बात पर जोर दिया कि तेहरान को तनाव कम करने की दिशा में पहला कदम उठाना चाहिए. स्काई न्यूज के उप राजनीतिक संपादक सैम कोट्स ने पुष्टि की है कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ईरान और अपने यूरोपीय समकक्षों के साथ परमाणु वार्ता में भाग लेने पर सहमति जता दी है.

Related Articles

Back to top button