July 4, 2025 9:38 am
ब्रेकिंग
ग्राम बूढ़ाडाढ़ के वासी दो दिनों से अंधेरे में है, बिजली नही होने से ग्राम में पीने की पानी की किल्लत आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की समस्त योजनाओं का मिले समुचित लाभ -उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा छत्तीसगढ़ में डिलीवरी का अनोखा केस, महिला ने 3 बच्चों को दिया जन्म... एक बलरामपुर में तो दो 80 किमी ... रोबोटिक्स-एडवांस टूल वाला 1188.36 करोड़ का ITI MoU रद्द, आधुनिक प्रशिक्षण योजना पर लगा ब्रेक 17वीं किस्त जारी, जुलाई महीने में 7 हजार महिलाएं लिस्ट से बाहर रायपुर के पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, 27 थाना प्रभारियों का हुआ तबादला दलित युवती से दुष्कर्म और गर्भपात कराने वाले नबी आलम खान को आजीवन कारावास रायपुर के सैलून में महिला से रेप, छेड़छाड़ से बचने दुकान में ली थी शरण, संचालक ने ही शटर गिराकर रातभ... स्मार्ट ​मीटर से हैं परेशन तो अपनाएं ये तरीका, 1 रुपए भी नहीं भुगतान करना होगा बिजली का बिल राशन कार्ड धारकों को बड़ी राहत.. अब इस तारीख तक होगा राशन वितरण, सरकार ने बढ़ाई समय सीमा
बिलासपुर संभाग

कुष्ठ रोगियों के सेवार्थ समर्पित महात्मा पद्मश्री बापट जी को जयंती पर श्रद्धांजलि

कात्रेनगर, चांपा में सहकार भारती पदाधिकारियों ने किया नमन

चांपा, 29 अप्रैल।

भारतीय कुष्ठ निवारक संघ कात्रेनगर, चांपा में आज पद्मश्री दामोदर गणेश बापट जी की जयंती के अवसर पर सहकार भारती के प्रदेश कोषाध्यक्ष रामप्रकाश केशरवानी तथा पैक्स प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक घनश्याम तिवारी ने बापट जी को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

 

श्री बापट जी का जन्म 29 अप्रैल 1935 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले के ग्राम पथरोट में हुआ था। बाल्यकाल से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़कर उन्होंने जीवन पर्यंत सेवा कार्य को ही ध्येय बना लिया। 1971 में वे चांपा आये और 1977 में भारतीय कुष्ठ निवारक संघ के सचिव पद का दायित्व संभाला। उन्होंने चांपा के सोठी ग्राम स्थित कुष्ठ आश्रम को सेवा कार्य का केंद्र बनाकर हजारों रोगियों को नया जीवन दिया।

 

आश्रम में वर्तमान में लगभग 200 कुष्ठ रोगी निवास करते हैं। चिकित्सा, शिक्षा, पुनर्वास तथा आत्मनिर्भरता के विविध प्रकल्प यहां संचालित हैं। मोमबत्ती निर्माण, कृषि, गोपालन, सिलाई, कंप्यूटर प्रशिक्षण से लेकर बच्चों के लिए विद्यालय और छात्रावास तक की व्यवस्था है।

 

बापट जी को उनके अतुलनीय सेवाभाव के लिए वर्ष 1995 में ‘विवेकानंद सेवा सम्मान’ और 2017 में भारत सरकार द्वारा ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया था। 17 अगस्त 2019 को उनका निधन हुआ, जिसके बाद उनकी देह को चिकित्सा छात्रों के अध्ययन हेतु दान कर दिया गया।

 

इस अवसर पर सहकार भारती के पदाधिकारियों ने बापट जी के सेवामूलक जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button