‘मुझे सरहद पर भेजा जाए…’ भारत-PAK तनाव के बीच हाई कोर्ट के जज ने की मांग, ले चुके हैं आर्मी की ट्रेनिंग

भारत और पाकिस्तान के बीच जारी संघर्ष के माहौल में जब पूरा देश एकजुट होकर सेना के साथ खड़ा है. तब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर पीठ में पदस्थ न्यायमूर्ति अनिल वर्मा ने देश सेवा की एक अनूठी मिसाल पेश की है. उन्होंने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत को एक पत्र लिखकर आग्रह किया है कि उन्हें अदालत की बेंच से मुक्त कर सेना या प्रशासनिक सेवाओं के जरिए सीमा पर देश की सेवा का अवसर दिया जाए.
जस्टिस वर्मा का यह अनुरोध सिर्फ भावनात्मक नहीं है, बल्कि उनकी पृष्ठभूमि और प्रशिक्षण इसे पूरी तरह से समर्थ बनाते हैं. न्यायमूर्ति वर्मा अपनी पढ़ाई के दौरान तीन सालों तक एनसीसी में रहे. इस दौरान उन्होंने सैन्य प्रशिक्षण भी लिया. साल 1986 में उन्होंने इलाहाबाद स्थित आर्मी बैरक में ग्रुप टेस्टिंग ऑफिसर की परीक्षा और इंटरव्यू पास किया था. सिर्फ 23 साल की उम्र में उन्होंने सिविल जज के रूप में सेवा शुरू की और साल 2021 में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने. इसके अलावा वह इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित दर्जनों पुस्तकें भी लिख चुके हैं, जिससे उनकी राष्ट्रभक्ति साफ झलकती है.