पूर्व सिविल सर्जन व अकाउंटेंट के खिलाफ मामला दर्ज, कारनामा जान नहीं होगा यकीन

तरनतारन : तरनतारन जिले के सेवानिवृत्त सिविल सर्जन और मौजूदा अकाउंटेंट के खिलाफ एक दूसरे के साथ मिलीभगत करके अनाधिकृत तरीके से फंडों का दुरुपयोग करने और नियमों के खिलाफ जाने के आरोप में मौजूदा सिविल सर्जन डॉ. गुरप्रीत सिंह राय के बयानों के आधार पर थाना सिटी तरनतारन में मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है।
तरनतारन जिले के मौजूदा सिविल सर्जन डॉ. गुरप्रीत सिंह राय की ओर से दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पूर्व सिविल सर्जन डॉ. कमल पाल सिद्धू, जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं, ने अपने कार्यकाल के दौरान स्वास्थ्य विभाग में अकाउंटेंट हर्षदीप सिंह के साथ मिलीभगत की और बिना अनुमति के नीतियों और नियमों के खिलाफ काम करते हुए फंड का दुरुपयोग किया।
इस बीच पुलिस द्वारा की गई पत्र क्रमांक 258 दिनांक 29.01.25 की जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों द्वारा अपने सेवा काल के दौरान पंजाब सरकार द्वारा चलाए गए पंजाब मोतिया मुक्त अभियान के लिए भेजी गई राशि 29,30,953/-, जो ब्याज सहित 31,83,000/- रुपये हो गए थे कि उस समय के सिविल सर्जन तरनतारन डॉ. कमल पाल (सेवानिवृत्त) और हर्षदीप सिंह, अकाउंटेंट अफसर तरनतारन ने मिलीभगत करके फंड का दुरुपयोग करके अवैध रूप से और नियमों के खिलाफ जाकर एक दिन में ही एक फर्म से 31,59,067/- की खरीद की है। खरीद करने के लिए गठित कमेटी के सदस्यों से कोई सत्यापन नहीं किया गया तथा कमेटी के सदस्यों के हस्ताक्षर भी जाली प्रतीत होते हैं, क्योंकि कई सदस्यों ने इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने कमेटी के गठन के आदेश पर हस्ताक्षर किए थे।
इसके अलावा नया डिस्पैच रजिस्टर बनाना, बिना टेंडर आमंत्रित किए खरीददारी करना, सरकार की मांग पर भी धनराशि वापस न करना, बिल खुद पास करने हित 50,000 से कम राशि के 66 बिलों एक ही तारीख को तैयार करवाने के लिए नोडल अधिकारी को पूरी प्रक्रिया में शामिल न करना, आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करना, फंड का दुरुपयोग करना आदि भी उक्त लोक सेवक अधिकारियों की दुर्भावना को प्रमाणित करता है।