August 14, 2025 12:44 pm
ब्रेकिंग
बिजनौर में नेशनल हाईवे पर गंगा बैराज पुल बंद, 11 दिनों से परेशान हैं लोग मुंबई में दही हांडी रिहर्सल के दौरान ऊपर ने नीचे गिरा नाबालिग, हो गई मौत, नहीं था सुरक्षा का कोई इंत... सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोलीं मेनका गांधी, कहा- जानवरों के साथ दुर्व्यवहार का कोई समर्थन नहीं भारी बारिश से पानी-पानी हुई दिल्ली, जलभराव और जाम से त्राहिमाम… अगले दो दिनों तक भारी बारिश का है अल... हिमाचल के किनौर में फटा बादल, कैंप और गाड़ियां बहीं… 325 सड़कें बंद; इन जिलों में भारी बारिश का अलर्... प्रेम जाल, शादी और नई पहचान… बांग्लादेशी मुस्लिम महिलाएं ऐसे बना रहीं हिंदू पुरुषों को अपना शिकार, म... आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, SG ने कहा- बहुमत पीड़ितों का, आदेश रखा सुरक्षित बिहार: NSUI के राष्ट्रीय महासचिव चुन्नू सिंह लापता, 3 दिन हुए, मोबाइल भी बंद, पुलिस के भरोसे परिवार श्री हनुमान बालाजी भारतीय चिकित्सा चैरिटेबल स्वास्थ्यवर्धक संस्थान में अयोध्या की तर्ज पर बना भव्य म... सावधान! रायपुर में बढ़ा कुत्तों का आतंक... डॉग बाइट के मामले हुए दोगुने
उत्तरप्रदेश

जिसकी हत्या में 3 साल जेल काटी, वही मरा शख्स निकला जिंदा; अब उसी की गवाही पर हुआ रिहा

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जिसमें एक शख्स करीब 3 साल तक जिसकी हत्या के आरोप में बंद रहा वह आखिर में जिंदा निकला. जिसके बाद शख्स को कोर्ट से रिहा किया गया है. चलिए जानते हैं आखिर क्या है मामला और ऐसा कैसे हो गया?

3 साल पहले एक हत्या के झूठे आरोप में जेल भेजे गए अयोध्या निवासी नरेंद्र दुबे को आखिरकार कोर्ट ने दोष मुक्त कर दिया है. जिस व्यक्ति की हत्या के आरोप में नरेंद्र को जेल भेजा गया था, वह हाल ही में बिहार में जिंदा मिला. इस खुलासे के बाद कोर्ट ने नरेंद्र दुबे को रिहा करने के आदेश दिए हैं.

पूरा मामला 2022 का है जब नरेंद्र दुबे पिता कृष्ण चंद्र दुबे ट्रेन से सफर कर रहे थे. यात्रा के दौरान एक व्यक्ति से उनका विवाद हुआ और आरोप लगा कि नरेंद्र ने उक्त व्यक्ति को ट्रेन से धक्का देकर मार डाला. मृतक की पहचान एताब पुत्र याकूब, निवासी ग्राम तार सन, थाना डीह, जिला मुजफ्फरपुर (बिहार) के रूप में हुई. पहचान के लिए परिजनों को बुलाया गया था. परिजनों ने शव की पहचान एताब के रूप में की गई. इसी आधार पर शाहजहांपुर जीआरपी ने नरेंद्र दुबे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

वकील की पड़ताल में सामने आया सच

नरेंद्र के पिता कृष्ण चंद्र दुबे ने अपना केस स्थानीय अधिवक्ता मुन्नालाल पाल को सौंप दिया. अधिवक्ता पाल ने मामले की गहराई से पड़ताल की और यह साबित कर दिया कि एताब नामक व्यक्ति अभी जीवित है. कुछ समय पहले उसके परिजनों ने एताब का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया. जिसमें वह स्पष्ट रूप से जीवित नजर आ रहा था. जानकारी के अनुसार जिस समय घटना हुई थी उस वक्त एताब गुजरात की एक फैक्ट्री में काम कर रहा था. बाद में वह अपने घर बिहार गया जहां उसका वीडियो बनाया गया.

खुद शख्स ने दी गवाही

वीडियो को साक्ष्य के रूप में कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट ने एताब को गवाही के लिए बुलाया. उसने कोर्ट में खुद उपस्थित होकर बताया कि वह जीवित है और उसके साथ कोई घटना नहीं हुई थी. इसके बाद अपर जिला जज पंकज कुमार श्रीवास्तव ने नरेंद्र दुबे को बरी करने का आदेश दिया. हालांकि न्याय मिल गया, लेकिन सवाल यह उठता है कि तीन साल जेल में बिताने वाले नरेंद्र दुबे को उसका समय कौन लौटाएगा?

Related Articles

Back to top button