June 9, 2025 5:03 am
ब्रेकिंग
कौन हैं मैतेई नेता कानन सिंह, जिसकी गिरफ्तारी के बाद जल उठा मणिपुर जयमाला की प्रथा नहीं… सुनते ही भड़के बाराती, लड़की वालों का पीट-पीटकर किया ये हाल तमिलनाडु के लोग DMK सरकार के भ्रष्टाचार से हैं तंग… अमित शाह का स्टालिन सरकार पर हमला केंद्र का शासन होने के बावजूद मणिपुर में क्यों बहाल नहीं हो रही शांति? प्रियंका गांधी का बड़ा हमला मंगलुरु में बजरंग दल के पूर्व सदस्य सुहास शेट्टी की हत्या की NIA करेगी जांच, MHA ने जारी किया आदेश कानपुर के इस गांव में 34 परिवारों ने क्यों लगाए मकान बिक्री के पोस्टर? मंत्री तक पहुंची बात, फिर जो ... बरेली: IVRI के डॉक्टरों ने कर दिया कमाल, देसी तकनीक से कुत्ते का किया हिप रिप्लेसमेंट; पुलिस का डॉग ... हिंदू से लेकर मुस्लिम तक… 20 शादियां कीं, जो मिला उसी से विवाह, कहानी लुटेरी दुल्हन की जो साथ लेकर च... ‘गांव वालों कूद जाऊंगा…’ 100 फीट ऊंचे टावर पर चढ़ा युवक, 3 घंटे तक काटा बवाल, पुलिस भी पहुंची दिल्ली में झुग्गियों पर बुलडोजर चलने पर संजय सिंह बिफरे, रेखा सरकार पर बोला हमला
दिल्ली/NCR

फ्लैट से आ रही थी बदबू, पड़ोसी के कॉल पर पहुंची पुलिस… अंदर फंदे से लटक रहे थे भाई-बहन के शव

दिल्ली के दिलशाद गार्डन से भाई-बहन सुसाइड की हैरान करने वाली घटना सामने आई है. फ्लैट से बदबू आने पर पड़ोसी ने पुलिस को कॉल कर जानकारी दी, जब दरवाजा तोड़ कर पुलिस अंदर घुसी तो भाई और बहन दोनों की लाश फंदे से लटक रही थी. वीरेश और प्रीति बागपत के रहने वाले थे लेकिन कई साल से दिल्ली में ही रह रहे थे. आत्महत्या की वजहों का अब तक पता नहीं चल पाया है लेकिन पुलिस टीम ने इसकी गुत्थी को सुलझाने के लिये जांच शुरू कर दी है.

जानकारी के मुताबिक, वीरेश और प्रीति दिलशाद गार्डन के D-409 फ्लैट में रह रहे थे. यहां दोनों साल 2021 से साथ रह रहे थे. तीन दिन का अखबार बाहर पड़ा मिला, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि तीन दिन से कोई भी फ्लैट से बाहर नहीं निकला. इससे ये भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि तीन दिन पहले ही दोनों ने आत्महत्या कर ली थी. रविवार सुबह जब दुर्गन्ध बहुत बढ़ गई तब पड़ोसी अशोक सिंह ने पुलिस को कॉल किया.

किसी से नहीं करते थे बात

वहीं पड़ोसी योगेश अरोड़ा ने बताया कि दोनों किसी से बातचीत नहीं करते थे. घर में ही रहते थे, दरवाजा बंद रहा करता था. किसी से जान पहचान नहीं थी. उन्होंने कहा कि हम लोग उनके नाम तक नहीं जानते थे. वहीं घटना की जानकारी मिलने के बाद बागपत से सीमापुरी थाने में दोनों मृतक के कुछ रिश्तेदार पहुंचे. जिन्होंने बताया कि दस बारह साल से वीरेश और प्रीति (चिंकी) अपने रिश्तेदारों से भी संपर्क में नहीं थे.

माता-पिता की हो चुकी है मौत

बागपत से पहुंचे रिश्ते में दादा ने बातचीत में बताया कि किसी तरह की आर्थिक तंगी नहीं थी लेकिन पता नहीं क्या कारण होंगे. हमसे कभी कोई वास्ता नहीं रखा. 2011 में फौजी पिता की ऑन ड्यूटी हार्ट अटैक से मौत हुई और उसके दस साल बाद 2021 में इनकी मां की मौत बीमारी से हो गई थी. पड़ोसी की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और फ्लैट का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी. पुलिस ने देखा कि अंदर दोनों के शव फंदे से लट रहे थे. हालांकि पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.

Related Articles

Back to top button