जांजगीर-चांपा जिले में दस दिवसीय आचार्य प्रशिक्षण वर्ग का शुभारंभ, 70 से अधिक शिशु मंदिरों के आचार्य होंगे शामिल

बिर्रा, जांजगीर-चांपा। भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने हेतु ग्राम भारतीय सरस्वती शिक्षा विकास समिति, जिला जांजगीर-चांपा द्वारा दस दिवसीय नवीन आचार्य प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण वर्ग 5 जून 2025 से सरस्वती शिशु मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय बिर्रा में आरंभ होगा, जिसमें जिले के विभिन्न सरस्वती शिशु मंदिरों से आए नवाचार्य भाग लेंगे।
इस आयोजन का उद्देश्य शिक्षकों को केवल विषय आधारित ज्ञान देना नहीं, बल्कि उन्हें भारतीय जीवन दृष्टि, नैतिक मूल्यों, अनुशासन, राष्ट्रभक्ति और सेवा भावना से युक्त आदर्श शिक्षक बनाना है। प्रशिक्षण में शिक्षा के विविध आयामों पर गहन चिंतन और अभ्यास कराया जाएगा जिससे शिक्षकों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके।
उद्घाटन समारोह 5 जून को प्रातः 9:00 बजे प्रारंभ होगा, जिसमें जिले के विशिष्ट अतिथि व शिक्षा क्षेत्र के गणमान्यजन शामिल होंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे घनश्याम तिवारी (सहायक नोडल अधिकारी, जिला सहकारी बैंक), जबकि अध्यक्षता करेंगे देव प्रसाद तिवारी (जिला सचिव, ग्राम भारती सरस्वती शिक्षा विकास समिति, जांजगीर-चांपा)। मुख्य वक्ता होंगे पुरंदन कश्यप, प्रांतीय सचिव (सरस्वती ग्राम शिक्षा समिति, छत्तीसगढ़)।
अन्य विशिष्ट अतिथियों में मनोज तिवारी (सेवा निवृत्त उच्च शिक्षक), डॉ. शुभम शुक्ला (MBBS MD जनरल मेडिसिन) और श्री श्रवण कुमार कश्यप (उपाध्यक्ष, आयुष बाल कल्याण समिति, बिर्रा) शामिल रहेंगे। इन सभी महानुभावों का मार्गदर्शन शिक्षकों के लिए प्रेरणादायक होगा।
इस प्रशिक्षण वर्ग में दिनचर्या को सुव्यवस्थित रूप से नियोजित किया गया है, जिसमें शारीरिक शिक्षा, योग, गीत, समूह चर्चा, विषय आधारित प्रशिक्षण सत्र और सांस्कृतिक गतिविधियों का समावेश होगा। शिक्षकों को शिक्षण पद्धति, मूल्य शिक्षा, कक्षा प्रबंधन, भाषण कला एवं विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास से जुड़ी बारीकियों की प्रशिक्षण विशेषज्ञों द्वारा दी जाएगी।
जांजगीर-चांपा जिले में संचालित लगभग 70 सरस्वती शिशु मंदिरों के शिक्षक इस वर्ग में भाग लेंगे। यह प्रशिक्षण न केवल व्यक्तिगत स्तर पर उन्हें सक्षम बनाएगा, बल्कि उनके माध्यम से विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता एवं वातावरण में भी सकारात्मक परिवर्तन आएगा। यह आयोजन जिले के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक माना जा रहा है।
इस संपूर्ण आयोजन की रूपरेखा देव प्रसाद तिवारी (जिला सचिव) के निर्देशन में तैयार की गई है, जिसमें वर्गाधिकारी मनोज तिवारी और वरिष्ठ शिक्षक सुनील तिवारी सहित समिति के अनेक कार्यकर्ता सतत् रूप से लगे हुए हैं। कार्यक्रम की सफलता के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियाँ की गई हैं।
आशा की जा रही है कि यह दस दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग शिक्षकों में नई चेतना, ऊर्जा और प्रेरणा का संचार करेगा और उन्हें “आदर्श आचार्य” के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होगा। यह आयोजन शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों की नींव को भी सुदृढ़ करने का एक सशक्त प्रयास है।