August 4, 2025 8:15 am
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RCB के खिलाफ FIR, विक्ट्री परेड के बीच चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 11 फैन्स की गई थी जान

बेंगलुरु भगदड़ मामले में आरसीबी, डीएनए (इवेंट मैनेजर), केएससीए प्रशासनिक समिति और अन्य के खिलाफ कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई. एफआईआर में भगदड़ की घटना में आपराधिक लापरवाही की बात कही गई है. आईपीएल-2025 के फाइनल में आरसीबी की जीत के बाद 4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी के खिलाड़ियों के लिए सम्मान समारोह रखा गया था. इस दौरान स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई थी.

भगदड़ मामले में गुरुवार को कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई भी हुई. हाई कोर्ट ने 11 लोगों की मौत और 50 से अधिक लोगों के घायल होने के मामले में सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेने के बाद राज्य सरकार को नोटिस जारी किया. इसमें 10 जून तक डिटेल्ड स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव और जस्टिस सीएम जोशी की पीठ ने कोर्ट की रजिस्ट्री से कहा है कि वह इस मामले को स्वत: संज्ञान जनहित याचिका के रूप में देखे.

दोषारोपण सही नहीं है: शशि किरण शेट्टी

एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने कहा, स्टेडियम में फ्री एंट्री के ऐलान की वजह से गेट पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे भगदड़ मच गई. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मामले को नकारात्मक रवैये से नहीं देखना चाहती. दोषारोपण सही नहीं है. हमारा मकसद ये जानना है कि क्या गलत हुआ और यह तय करना है कि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो.

एसओपी का पालन करना था: हाई कोर्ट

जश्न के दौरान सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के बारे में उन्होंने बताया कि स्टेडियम के बाहर स्थिति अनियंत्रित हो गई थी. स्टेडियम और उसके आसपास 2.5 लाख से ज्यादा लोग जमा हो गए थे. जबकि स्टेडियम की क्षमता करीब 30 हजार है. लोगों को स्टेडियम के अंदर भारी भीड़ होने का अंदाजा नहीं था. इस पर पीठ ने कहा कि बड़े सार्वजनिक आयोजनों के लिए एसओपी का पालन किया जाना चाहिए था.

किसी को बख्शा नहीं जा रहा है

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने कहा, घटनास्थल पर एंबुलेंस होनी चाहिए थी. इसके साथ ही पास के अस्पतालों के बारे में पूरी डिटेल होनी चाहिए थी. इस पर शशि किरण शेट्टी ने कहा कि एंबुलेंस वहां मौजूद थीं लेकिन इतनी बड़ी घटना के हिसाब से पर्याप्त नहीं थीं. मजिस्ट्रेट जांच पहले ही शुरू हो चुकी है और यह 15 दिन में पूरी हो जाएगी. चूक कहां हुई, हम इसकी जांच कर रहे हैं. किसी को बख्शा नहीं जा रहा है.

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