June 30, 2025 11:49 pm
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साइबर क्राइम के जाल में फंस रहे बुजुर्ग, 9 महीने में 36 सीनियर सिटीजन हुए ‘शिकार’

भले ही इंटरनेट की वजह से आज हम लोगों की जिंदगी काफी आसान हो गई है लेकिन इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता है कि ऑनलाइन साइबर क्राइम का खतरा भी दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है. खासतौर से सीनियर सिटीजन, बुजुर्ग साइबर ठगी करने वालों का आसानी से शिकार बन रहे हैं और इसकी वजह है बुजुर्गों की डिजिटल समझ का सीमित होना. हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट से इस बात का पता चला है कि पिछले 9 महीनों में 36 सीनियर सिजिटन के साथ ठगी हुई है.

बैंकिंग सर्विस के डिजिटल होने, कम्युनिकेशन और डे टू डे सर्विसेज सबकुछ ऑनलाइन हो गया है जिस वजह से साइबर ठगी करने वालों के सबसे सॉफ्ट टारगेट बुजुर्ग बनते जा रहे हैं. गोवा पुलिस ने मामले की जांच में पता चला है कि पिछले साल सितंबर 2024 से अब तक, 9 महीने में 36 वरिष्ठ नागरिकों के साथ फ्रॉड की घटना हुई है जिनमें 15 बुजुर्ग डिजिटल अरेस्ट स्कैम का शिकार हुए हैं.

ज्यादातर मामलों में तो पीड़ित शर्म, डर और जानकारी के अभाव के चलते अपने साथ हुई घटना के बारे में रिपोर्ट तक करते हैं. कुछ लोग अपने जीवन भर की जमापूंजी गंवा बैठते हैं, यहां तक कि कुछ लोग तो डिप्रेशन तक का शिकार हो जाते हैं. ऐसा नहीं है कि केवल गोवा में बल्कि पूरे भारत में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनमें वरिष्ठ नागरिकों को साइबर अपराधियों के कारण लाखों रुपए गंवाने पड़े हैं.

ऐसे चल रहा ठगी का ‘खेल’

कभी ठगी करने वाले फर्जी बैंक अधिकारी बन जाते हैं तो कभी पुलिस अधिकारी. इसके बाद ठगी करने वाले बुजुर्गों को अपनी बातों के जाल में फंसाकर आसानी से शिकार बनाते जा रहे हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर क्राइम SP राहुल गुप्ता का कहना है कि वरिष्ठ नागरिकों को साइबर धोखाधड़ी से बचाना सिर्फ साइबर सुरक्षा का मामला नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का भी मामला है. सही जागरूकता, सपोर्ट के जरिए हम इस डिजिटल युग में बुजुर्ग आबादी की गरिमा और वित्तीय सुरक्षा कर सकते हैं.

बुजुर्गों को दें ये जरूरी जानकारी

  • अनजान नंबर से कॉल करने वाले व्यक्ति के साथ ओटीपी, बैंकिंग डिटेल्स आदि शेयर न करें.
  • अगर कोई भी अनजान व्यक्ति खुद को पुलिस या बैंक अधिकारी बताकर निजी जानकारी पूछे तो डिटेल शेयर न करें.
  • किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें.

Cyber Crime Helpline Number

आप लोगों के लिए 1930 की सुविधा उपलब्ध है, ये नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर है. अगर किसी भी व्यक्ति के साथ साइबर क्राइम जैसी घटना होती है तो उस व्यक्ति को बिना देर किए इस नंबर पर कॉल कर या फिर नजदीकी पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत दर्ज करनी चाहिए.

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