छत्तीसगढ़ में कमजोर मानसून ने बढ़ाई टेंशन, लोगों की चिंता दूर करने वाले बांध भी ‘प्यासे’

रायपुर: जून का महीना अपने अंतिम पड़ाव पर है और छत्तीसगढ़ में मानसून की कमजोर शुरुआत ने चिंता बढ़ा दी है। प्रदेश में इस साल जून में औसत से 40 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है, जिससे जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सामान्य तौर पर जून में 115.6 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार अब तक केवल 68.8 मिमी बारिश ही हुई है। इधर प्रदेश के जलाशय भी सूखे हैं। स्थिति यह है कि प्रदेश के प्रमुख 46 जलाशयों में औसत 23 प्रतिशत ही पानी है।
27 जून से बारिश की उम्मीद
मौसम विभाग के अनुसार 27 जून से बारिश होने की उम्मीद है। एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण मध्य उत्तर प्रदेश के दक्षिणी भाग में 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक स्थित है। वहीं एक ट्रफ लाइन मध्य उत्तर प्रदेश के दक्षिणी भाग से उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक, उत्तर-पूर्व मध्य प्रदेश, झारखंड और उत्तर ओडिशा तक 1.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक विस्तारित है।
एक अन्य ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे लगे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, तटीय आंध्र प्रदेश से दूर तथा दक्षिण ओडिशा तट के ऊपर 5.8 किलोमीटर से 7.6 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैला हुआ है। इन मौसमी प्रणालियों के प्रभाव से 27 जून से अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।
किसानों को उम्मीद बोआई के समय हो जाएगी बारिश
किसानों को उम्मीद है कि अभी बारिश नहीं हो रही है, लेकिन धान बोआई के समय किसी भी प्रकार दिक्कत नहीं होगी अगर सही समय पर पानी गिर जाएगा तो। और इसी उम्मीद में किसान बैठे हैं।
प्रमुख जलाशयों की स्थिति
गंगरेल बांध: धमतरी जिले में स्थित इस महत्वपूर्ण बांध में पानी का स्तर गिरकर मात्र 30 प्रतिशत रह गया है।
हसदेव बांगो बांध: कोरबा जिले के इस प्रमुख बांध में भी केवल 25 प्रतिशत पानी बचा है।
तांदुला बांध: बालोद जिले का यह बांध सबसे अधिक प्रभावित है, जिसमें पानी का स्तर गिरकर मात्र 16 प्रतिशत पर आ गया है।
मुरुमसिल्ली बांध: धमतरी जिले का यह बांध तो लगभग सूख चुका है, जिसमें पानी का स्तर 0 प्रतिशत दर्ज किया गया है।
सोंढूर बांध: धमतरी में स्थित इस बांध में 18.27 प्रतिशत पानी है।
दुधावा बांध: कांकेर जिले के दुधावा बांध में भी केवल 19.14 प्रतिशत पानी बचा है।
खारंग जलाशय: बिलासपुर जिले में स्थित इस जलाशय में पानी का स्तर 32.00 प्रतिशत है, जो अन्य की तुलना में थोड़ा बेहतर है, लेकिन फिर भी सामान्य से काफी कम है।