स्वच्छ शहर इंदौर में अब हर घर का होगा डिजिटल पता

इंदौर। देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब डिजिटल शहर बनने जा रहा है। शहर में अब हर घर का डिजिटल पता होगा। हर घर के बाहर प्लेट के रूप में क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। यह क्यूआर कोड उस घर का डिजिटल पता होगा। इसे स्कैन करते ही बिजली, पानी, संपत्ति कर का बिल जमा करने, शिकायत करने जैसी 20 अलग-अलग सुविधाएं मिलेंगी।
मेहमान को घर का रास्ता बताने में भी यह क्यूआर कोड मददगार साबित होगा। उन्नत तकनीक की मदद से क्यूआर कोड घर की लोकेशन की सटीक जानकारी देगा, साथ ही घर की तस्वीर भी साझा करेगा। महापौर ने कहा कि भारत सरकार के डिजिपिन प्लेटफार्म से जुड़ने वाला पहला शहर बनने का गौरव इंदौर को प्राप्त हुआ है।
वार्ड 82 से डिजिटल पता पायलट योजना का शुभारंभ
रविवार को महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने वार्ड 82 से डिजिटल पता पायलट योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर निगमायुक्त शिवम वर्मा, महापौर परिषद सदस्य निरंजन सिंह चौहान, अभिषेक शर्मा बबलू, अश्विनी शुक्ला, मनीष शर्मा मामा, पार्षद शानू शर्मा, अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा सहित बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी उपस्थित थे।
महापौर ने कहा कि रविवार का दिन इंदौर के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। सुदामा नगर से इंदौर डिजिटलाइज होना शुरू हुआ है। डिजिटल क्रांति की शुरुआत यहां से हो रही है। महापौर ने वार्ड 82 के रहवासियों से अपील की कि वे अगले सात दिन तक अपने मोबाइल की डीपी पर डिजिटल पता की प्रोफाइल को अपलोड करें।
नागरिकों को मिलेंगे ये लाभ
- नगर निगम से जुड़ी 20 से ज्यादा सेवाएं एक स्कैन पर उपलब्ध होंगी। क्यूआर कोड स्कैन कर संपत्तिकर, जलकर, स्वच्छता कर, डोर टू डोर कचरा कलेक्शन कर जमा कर सकेंगे। सुविधाओं से जुड़ी शिकायतें ऑनलाइन कर सकेंगे, सफाई की निगरानी आसान होगी। सेवाओं में पारदर्शिता आएगी।
- ई-कामर्स, डाक, सरकारी योजनाओं में सटीक डिलीवरी।
- संपत्ति स्वामित्व में प्रमाणिकता।
- आपदा या मेडिकल इमरजेंसी में लोकेशन ट्रेसिंग आसान हो जाएगी।
ऐसे करेगा काम
आपके घर के बाहर एक यूनिक क्यूआर कोड प्लेट लगाई जाएगी। उस कोड को मोबाइल से स्कैन करते ही एक डिजिटल पेज खुलेगा। यहां से आप संपत्तिकर, जलकर सहित नगर निगम से जुड़े अन्य कर जमा कर सकते हैं। शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
प्रमाण-पत्र मांग सकते हैं। किसी मेहमान को घर का रास्ता बताना हो तो इस क्यूआर कोड को उन्हें भेज देना पर्याप्त होगा। इस क्यूआर कोड की मदद से आपात परिस्थिति में एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड या पुलिस जैसी सेवाएं सीधे और सही जगह पर पहुंचने में मदद मिलेगी।
साहित्यकार के घर से हुई शुरुआत
रविवार को इस प्रोजेक्ट की शुरुआत वार्ड 82 में साहित्यकार सदाशिव कौतुक के घर के बाहर क्यूआर कोड की प्लेट लगाकर की गई। इस अवसर पर निगमायुक्त शिवम वर्मा ने कहा कि यह अद्भुत कार्य हो रहा है।
वार्ड 82 से जो नवाचार हो रहा है, इससे सभी घरों पर डिजिटल पता दर्शाने वाली मेटल की शीट लगाई गई है। महापौर भार्गव ने बताया कि क्यूआर कोड स्कैन करने पर नगर निगम की सारी सुविधाएं, अधिकारियों के नाम-नंबर, उपलब्ध रहेंगे। रहवासियों को कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पायलट प्रोजेक्ट वार्ड 82 से शुरू कर रहे हैं। जल्द ही इसे पूरे शहर में लागू करेंगे।