भोपाल गैस त्रासदी का आखिरी कचरा 40 साल बाद हुआ स्वाहा, 337 टन को 55 दिन में किया गया खत्म

देश में 2 दिसंबर 1984 को एक ऐसी त्रासदी हुई थी, जिसमें हजारों की तादाद में लोग मारे गए थे. इसी भोपाल गैस त्रासदी के पूरे 40 साल बाद अब उसके बचे हुए आखिरी 337 टन कचरे को जलाकर खाक कर दिया गया है. दरअसल, त्रासदी के पुराने कचरे को जलाने को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था. लंबे समय तक कोर्ट में यह मामला रहा. इसी के बाद आखिरकर वो समय आया जब कचरे को भोपाल से धार जिले के पीथमपुर लाया गया. इसी के बाद कोर्ट के फैसले के बाद कचरा जलाने का काम शुरू हुआ. 29 और 30 जून की आधी रात को लगभग 1 बजे तक पूरा 337 टन कचरा जलकर खाक हो गया.
6 महीने पहले 337 टन जहरीले कचरे को कंटेनर में भरकर मध्य प्रदेश के डिस्पोसल प्लांट पीथमपुर लाया गया. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी ने कहा कि पहले संयंत्र में तीन ट्रायल के दौरान 30 टन कचरा जला दिया गया था, बाकी 307 टन कचरा 5 मई और 29-30 जून की रात के बीच जला दिया गया था.