वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर की सेवा में सबसे आगे है मुसलमान, अब उठने लगी ये मांग

वृंदावन से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। पहलगाम आतंकी हमले के एक ओर जहां, पूरे देश को हिलाकर रख दिया है वहीं मुसलमानों का बहिष्कार करने की मांग भी उठ रही है। दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले के बाद वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में मुस्लिम कारीगरों के बहिष्कार की मांग उठने लगी है।
वहीं बांके बिहारी मंदिर ने पहलगाम हमले का विरोध कर रहे संगठनों की इस मांग को खारिज कर दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक, बांके बिहारी मंदिर में सेवा देने वाले मुसलमानों का बहिष्कार किया जा रहा है। मंदिर के पुजारी व प्रशासनिक कमेटी के मैंबर ज्ञानेंद्र किशोर गोस्वामी का इस मामले को लेकर कहा कहना है कि यह व्यावहारिक नहीं है। उनका कहना है कि दशकों से बांके बिहारी के कपड़े बुनने का प्रमुख भूमिका मुसलमान कारीगर व बुनकरों द्वारा ही निभाई जा रही है। इनमें से कईयों का मंदिर में आना जाना है और बांके बिहारी पर बहुत विश्वास है। इसके साथ ही वृंदावन में कुछ जटिल मुकुट व चूड़ियां भी मुसलमानों द्वारा ही बनाई जाती है।
ज्ञानेंद्र किशोर गोस्वामी ने आगे कहा कि वह पहलगाम में हुआ आतंकी हमले की निंदा करते हैं। उनका आतंकियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन वृंदवान में हिन्दू और मुसलमान शान्ति पूर्वक एक साथ रह रहे हैं। प्रदर्शनकारी द्वारा वृंदवान में मुस्लिम दुकान-मालिकों को दुकानों पर मालिकों के नाम लिखने के लिए कह रहे हैं।
वृंदवान में एक मुकुट की दुकान चलाने वाले जावेद अली का बयान भी सामने है। जावेद अली का कहना है कि, उसकी दुकान पर साइनबोर्ड पर मालिक नाम डालने के लिए कहा जा रहा है। वह इस दुकान को 20 से अधिक वर्षों से चला रहा है। उसके पिता भी इसी दुकान में दर्जा का काम करते थे। इसके साथ वह अपने ग्राहकों को नाम, मोबाइल नंबर सहित बिल रसीद देते हैं। हम कुछ भी छिपा कर नहीं कर रहे हैं। जावेद अली ने कहा कि बांके बिहारी का हम पर आशीर्वाद है। हम शुरू से ही जहां पर शांतिपूर्ण रह रहे हैं।