July 8, 2025 4:36 am
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पुलिस ने रीक्रिएट करवाया क्राइम सीन, तो खुल गया पूरा राज, शातिर ने ऐसे दिया हत्या को अंजाम

रायपुर: इंद्रप्रस्थ कालोनी में हुई चर्चित Raipur Suitcase Murder मामले में नई जानकारी सामने आई है। किशोर पैंकरा की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए शातिर आरोपी अंकित उपाध्याय ने न केवल किशोर की संपत्तियां हड़प ली थी, बल्कि उसने हत्या का पाप भी दूसरों के सिर मढ़ने की गहरी साजिश रची थी। आरोपी ने किशोर की बजरंग नगर स्थित मकान और तिल्दा की 22 एकड़ पैतृक कृषि भूमि की बिक्री की रकम हड़प ली थी। गुरुवार को पुलिस ने घटना स्थल का क्राइम सीन रिक्रिएट करवाया। इस दौरान चारों आरोपी मौजूद थे।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, बजरंग नगर स्थित मकान को करीब 30 लाख रुपये में बेचा गया था, जबकि तिल्दा की कृषि भूमि की बिक्री वर्ष 2018 से 2021 के बीच की गई। इन सौदों में अंकित ने किशोर व उसकी मां को झांसा देकर बड़ी रकम हथिया ली थी। किशोर को आर्थिक रूप से पूरी तरह कमजोर करने के बाद अंकित ने उसकी हत्या की साजिश रची।

हत्या कांड में कब क्या हुआ

  • 19 जून को अंकित ने इंद्रप्रस्थ कालोनी में फ्लैट किराए पर लिया।
  • 21 जून को अंकित किशोर पैंकरा के हांडीपारा स्थित घर पहुंचा। उसी दिन उन्हें इंद्रप्रस्थ के अपने फ्लैट में लेकर आया।
  • 21 जून सुबह करीब 10 बजे अंकित और शिवानी ने किशोर की हत्या की। फ्लैट का ताला बंद करके चले गए। शाम करीब 6 बजे फिर लौटे। शव सूटकेस में भरा।
  • 21 जून को रात करीब 8.30 बजे अंकित और शिवानी गोलबाजार की पेटीलाइन पहुंचे। ट्रंक का आर्डर देकर अपने घर चले गए।
  • 22 जून करीब सुबह 9.30 बजे फिर इंद्रप्रस्थ के फ्लैट में पहुंचे। हत्या से खून लगा चाकू और कपड़े को बोरे में भरकर नाले में फेंक दिया।
  • 22 जून दोपहर करीब 12 बजे गोलबाजार पहुंचे। ट्रंक को ऑटो में लोड करवाकर इंद्रप्रस्थ के लैट में मंगवाया।
  • 22 जून की शाम हार्डवेयर की दुकान से 30 किलो सीमेंट लेकर आए। सूटकेस में रखे शव में सीमेंट लगाया। सूटकेस को ट्रंक में रख दिया। फिर घर चले गए।
  • 23 जून सुबह करीब 8 बजे अंकित और शिवानी फिर फ्लैट पहुंचे। कुछ देर बाद फिर अपने सत्यम विहार घर पहुंचे।
  • 23 जून सुबह करीब 9.30 बजे सूर्यकांत व विनयू के साथ फिर फ्लैट में पहुंचे। शव को लिफ्ट से उतारकर सुनसान जगह पर फेंक दिया।
  • 23 जून रात अंकित और शिवानी लाइट से दिल्ली फरार हो गए। वहीं पकड़े गए।

हत्या की साजिश के पीछे पत्नी भी शामिल

जांच में सामने आया है कि खुद को वकील और प्रापर्टी डीलर बताने वाला अंकित असल में कोई नियमित काम नहीं करता था। वह किशोर की संपत्ति के पैसे से ही ऐश करता था। जब किशोर उसके लिए बोझ बन गया, तो उसने अपनी पत्नी शिवानी शर्मा के साथ मिलकर उसकी हत्या की योजना बनाई।

हत्या का आरोप दूसरे पर मढ़ने की कोशिश

हत्या के बाद अंकित ने चालाकी से पूरा आरोप चंद्रप्रकाश कुर्रे नामक व्यक्ति पर डालने की साजिश की। चंद्रप्रकाश और किशोर के बीच एक मकान बिक्री को लेकर पहले से कोर्ट में मामला चल रहा था, जिसकी जानकारी अंकित को थी। इसी विवाद को आधार बनाकर उसने पुलिस के समक्ष चंद्रप्रकाश को प्रमुख साजिशकर्ता बताया।

झूठी निकली कहानी

अंकित की निशानदेही पर पुलिस ने चंद्रप्रकाश से पूछताछ की। घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज का उसकी कद-काठी से मिलान किया। जांच में पाया गया कि चंद्रप्रकाश का इस हत्याकांड से कोई लेना-देना नहीं है। अंकित ने पूरी कहानी रची थी।

अब हत्या व धोखाधड़ी के एंगल से हो रही जांच

फिलहाल पुलिस अंकित उपाध्याय के खिलाफ हत्या के साथ-साथ धोखाधड़ी, संपत्ति की हेराफेरी और साजिश के तहत मामला मजबूत करने में जुटी है। साथ ही उसकी पत्नी की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

पुलिस के पास अहम सबूत

पहला सबूत- दुकान से खरीदी पेटी

अंकित ने पहले किशोर का गला दबाया। संभावना है कि वह मर चुका था, लेकिन पति-पत्नी कंफर्म नहीं थे, इसलिए अंकित ने चाकू से गले पर वार किया, जिससे किशोर के शरीर से ज्यादा खून निकला। लाश को सूटकेस में ले जाकर कहीं डंप करने की साजिश थी, लेकिन सूटकेस खून से पूरी तरह रंग गया।

दूरा सबूत- इलेक्ट्रिक स्कूटी से पेटी खरीदने गए

पेटी लेने के दौरान पति-पत्नी ने मुंह में कपड़ा बांधा था। वे सफेद रंग की ग्रीन नंबर प्लेट वाली इलेक्ट्रिक स्कूटी में गए थे। जिसे पुलिस के लिए पहचानना आसान हो गया। पेटी खरीदने के बाद वे ई-रिक्शा में लोड कर इंद्रप्रस्थ की बिल्डिंग में लाए।

तीसरा सबूत- 60 हजार में आल्टो कार

आरोपितों ने साजिश के मुताबिक, महीने भर पहले 60 हजार में आल्टो कार इसीलिए खरीदी थी कि इसमें आसानी से सूटकेस में लाश रखकर फेंक सके, लेकिन बाद में पेटी खरीदी। जो कार के भीतर नहीं आ पाई, जिसे पीछे में डिक्की खोलकर रखनी पड़ी।

चौथा सबूत- आनलाइन पेमेंट किया

आरोपित अंकित ने कार खरीदने और फ्लैट को रेंट में लेने के लिए फर्जी आधार कार्ड बनवाया था। उसमें कोरबा का एड्रेस डलवाया था। लेकिन पेटी खरीदने और फ्लैट का रेंट देने के लिए उसने आनलाइन किया। जिससे पुलिस ने बैंक का डिटेल पता लगाकर नाम कंफर्म कर लिया, जो केस में अहम सबूत बने

पांचवां सबूत- लाश से बदबू आने लगी

अंकित और शिवानी का प्लान तब फेल हुआ, जब लाश से तेज बदबू आनी शुरू हो गई। उन्होंने फ्लैट में परफ्यूम डालकर गंध रोकने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाए। उन्होंने हड़बड़ा कर लाश में 30 किलो सीमेंट डाला। फिर पेटी भी खरीदी, लेकिन वजन ज्यादा हो गया। जिससे दो लड़कों को बुलाना पड़ा।

छठवां सबूत- दिल्ली में रहने फ्लाइट बुक कराई

आरोपितों ने हत्या कर कार को डेंटिंग-पेंटिंग के बहाने एक गैराज में खड़ी कर दिया। घटना के बाद पति-पत्नी ने दिल्ली में किराए के मकान में रहने का प्लान किया था। जिससे वे लंबे समय तक फरार हो पाए। पत्नी ने अपने साथ खर्च के लिए गहने और पर्याप्त कपड़े रख लिए थे।

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