August 5, 2025 8:34 am
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मध्यप्रदेश

बाघ देकर कर्नाटक से लाए थे किंग कोबरा, ढाई महीने में हो गई मौत

मध्य प्रदेश के भोपाल में स्थित वन विहार नेशनल पार्क में बुधवार को किंग कोबरा नागार्जुन की मौत हो गई. यह एक दुर्लभ प्रजाति का सांप था, जिसे लगभग ढाई महीने पहले कर्नाटक के पिलिकुला बायोलॉजिकल पार्क, मैंगलोर से वन्य प्राणी आदान-प्रदान योजना के तहत भोपाल लाया गया था. नागार्जुन की उम्र करीब पांच साल थी और उसे वन विहार में खास निगरानी में रखा गया था.

वन विहार प्रबंधन ने बताया कि बुधवार सुबह सीसीटीवी फुटेज में कोबरा की कोई गतिविधि नजर नहीं आई. ऐसे में शक होने पर डॉक्टरों की टीम ने बाड़े में जाकर उसकी स्थिति की जांच की, जहां उसे मृत पाया गया. मौत के बाद वाइल्ड लाइफ डॉक्टर की टीम ने उसका पोस्टमार्टम किया. सांप की मौत कैसे हुई और किन वजहों से हुई. इसका पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा.

24 घंटे निगरानी में था नागार्जुन

वन विहार प्रशासन के मुताबिक, नागार्जुन की सेहत पर विशेष ध्यान दिया जा रहा था. इसके लिए मैंगलोर के एक्सपर्ट से भी कॉन्टेक्ट में रहकर लगातार उसकी एक्टिविटी का मूल्यांकन किया जाता रहा था. मंगलवार शाम तक भी उसकी हालत सामान्य बताई गई थी. लेकिन बुधवार को अचानक सांप ने एक्टिविटी बंद कर दी. जब चेक किया गया तो सांप की मौत हो चुकी थी.

24 घंटे निगरानी की जा रही थी

6 अप्रैल को कर्नाटक से दो नर किंग कोबरा आठ वर्षीय नागशयना और पांच वर्षीय नागार्जुन को भोपाल लाया गया था. दोनों को बहुत ज्यादा संवेदनशील प्रजातियों (highly sensitive species) में गिना जाता है. इसलिए सांप को लाने के बाद से ही उनकी 24 घंटे निगरानी की जा रही थी. वन विहार प्रबंधन और पशु चिकित्सा विशेषज्ञों (Sanctuary Management and Veterinary Experts) का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कोबरा की मौत की असली वजह सामने आ पाएगी.

दो बाघों के बदले में जहरीले सांप

हाल ही में किंग कोबरा को वन विहार नेशनल पार्क यहां लाया गया था. लेकिन इसकी कुछ ही समय में मौत हो गई. बाघ द पशु विनिमय कार्यक्रम के तहत कर्नाटक के पिलिकुला जैविक उद्यान से दो किंग कोबरा को भोपाल लाया गया था. दो बाघों के बदले में जहरीले सांप लाए गए थे, जिनमें से एक की मौत हो गई. अब मध्य प्रदेश में सिर्फ एक किंग कोबरा बचा है, जो इंदौर में है. सांपों को लाने के बाद, वन्यजीव अधिकारियों ने वन विहार में एक्स-सीटू संरक्षण और प्रजनन शुरू करने की योजना बनाई थी.

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