सरपंच और उपसरपंच हो तो ऐसा: अपने पैसों से बना दी गांव में पक्की सड़क

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: अगर इरादे नेक हों तो कोई भी मुश्किल आपके राह में रोड़ा नहीं बन सकती. भरतपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत जोलगी के सरपंच और उपसरपंच ने ये साबित कर दिया. सालों से सीसी रोड बनने की राह देख रहे सरपंच और उपसरपंच थक गए. जब रोड बनने की आशा दूर दूर तक नजर नहीं आई तब दोनों ने खुद ही रोड बनाने की ठान ली.
सरपंच और उपसरपंच हो तो ऐसा: ग्राम पंचायतों के विकास के लिए शासन की ओर से करोड़ों खर्च किए जाते हैं. कई बार गांव में बुनियादी सुविधाओं का अभाव लंबे वक्त तक बना रहता है. कुछ ऐसा ही हुआ भरतपुर विकासखंड के जोलगी ग्राम पंचायत में. यहां गांव के एक छोर सड़क नहीं होने से बड़ी दिक्कतों का समाना लोगों को कहना पड़ रहा था. बारिश के मौसम में पहाड़ से आने वाला पानी कच्चे रास्ते पर आ जाता था. स्कूल जाने और लौटने के लिए बच्चे इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं. पानी की वजह से यहां घुटनों तक कीचड़ बन जाता था. स्कूली बच्चे कीचड़ में गिरते पड़ते घर आते तो कभी स्कूल पहुंचते थे.
अपने पैसों से बना दी सीसी रोड: गांव के लोग अक्सर सरपंच और उपसरपंच के साथ मिलकर इस समस्या के समाधान पर चर्चा करते. कई बार सड़क को लेकर गांव वालों की बैठक भी हुई. सीसी रोड बनाने में लाखों की लागत आती. ग्राम पंचायत को यहां सीसी रोड के लिए पैसे मिले नहीं. ऐसे में सरपंच और उपसरपंच ने मिलकर अपने पैसों से सीसी रोड बनाने का काम शुरु किया. कुछ ही दिनों में ग्राम जनप्रतिनिधियों की मदद से सीसी रोड बनकर तैयार हो गया है. गांव के बच्चे अब आसानी से स्कूल आते जाते हैं. जिस कीचड़ भरे रास्ते से गुजरने के लिए बच्चे पहले कतराते थे, वहां से अब स्कूली बच्चे फर्राटे भरते हुए साइकिल से स्कूल जा रहे हैं.
पहाड़ से आने वाला पानी यहां से गुजरता है. पानी की वजह से यहां दलदल बन गया था. बच्चों को स्कूल और किसानों को खेत पर जाने में दिक्कत होती थी. बच्चे अक्सर कीचड़ में गिर जाते थे. बच्चों की किताब कॉपी कीचड़ और पानी में सन जाती थी. इस समस्या का समाधान हमारे सरपंच और उपसरपंच ने मिलकर निकाला. दोनों ने स्वंय के खर्चे से इस सीसी रोड का निर्माण करा दिया. अब हमें और हमारे बच्चों को बड़ा आराम हो गया है: अमर बहादुर, स्थानीय निवासी
छपरा टोला में लगभग 25 से 30 घर हैं. पहले रास्ता इतना खराब था कि पहाड़ से बहकर आने वाला पानी पूरे मार्ग को कीचड़ में तब्दील कर देता था. स्कूली बच्चे कीचड़ में गिर जाते थे, जिससे कई बार वे स्कूल नहीं जा पाते थे. लेकिन अब जब से सीसी रोड बन गया है, लोगों को चलने में सहूलियत हो रही है और बच्चों को भी स्कूल आने जाने में कोई दिक्कत नहीं है: जयबीर सिंह, निवासी छपरा टोला
गांव वाले बताते हैं कि उपसरपंच जगदीश प्रसाद भुर्रतिया कई बार अपने पैसों से गांव में सड़क का निर्माण करा चुके हैं. गांव वाले बताते हैं कि पांच बार से यहां के उपसरपंच हैं. हर कार्यकाल के अंत में वो गांव में कोई न कोई सड़क जरुर बनवा देते हैं. अपने पहले पंचवर्षीय में ग्राम लाखनटोला में बजरंगबली मंदिर तक सीसी सड़क बनवाया, दूसरे पंचवर्षीय में तरतोरा गांव में हरफर नाला से बंधा तक रोड निर्माण कराया. चौथे पंचवर्षीय में तरतोरा तक 300 मीटर सीसी रोड बनवाया, जो वर्षों से लंबित था. अब 5वें कार्यकाल में छपरा टोला के बैगापारा में लगभग 30 मीटर लंबी सीसी रोड का निर्माण करवा कर ग्रामीणों को बरसात की समस्या से मुक्ति दिलाई है.
बरसात में इस क्षेत्र की हालत सबसे ज्यादा खराब हो जाती थी. लोगों को चलने-फिरने में बेहद कठिनाई होती थी. बच्चे स्कूल जाने के बजाय घर में बैठने को मजबूर हो गए थे. बच्चों और किसानों की समस्या का हमने समाधान किया. अब कोई भी बच्चा स्कूल जाने से नहीं डरता है: जगदीश प्रसाद भुर्रतिया, उपसरपंच
इस सीसी रोड के निर्माण में शासकीय फंड का कोई उपयोग नहीं किया गया है. यह कार्य उपसरपंच जगदीश भुर्रतिया के आर्थिक सहयोग और निजी इच्छाशक्ति से पूरा हुआ है. उपसरपंच जगदीश प्रसाद भुर्रतिया की मदद से सीसी रोड बनकर तैयार हुआ है: शकुंतला सिंह, महिला सरपंच
गांव वालों ने की तारीफ: गांव के लोगों ने महिला सरपंच और उपसरपंच के कामों की जमकर तारीफ की. गांव वालों ने कहा कि जमीनी स्तर पर काम करने से उसका सीधा फायदा लोगों को मिलता है. हमारे सरपंच और उपसरपंच ने जो काम किया है उसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है. सरपंच और उपसरपंच ने कहा कि हम आगे भी गांव वालों के हित में काम करते रहेंगे. ग्राम पंचायत जोलगी की यह कहानी ये बताने के लिए काफी है कि अगर जनप्रतिनिधि ईमानदार हों और वाकई अपने गांव की भलाई चाहते हों, तो किसी भी समस्या का समाधान जरुर निकलता है.