छत्तीसगढ़ का ‘झुमका’ दुल्हन की तरह हो रहा तैयार, हैदराबाद से पहुंचे कारीगर

कोरिया: झुमका जलाशय कोरिया के बेस्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक है. झुमका जलाशय पर बना झुमका बोट क्लब इन दिनों अपनी बदहाली में पड़ा है. पर्यटन विभाग जल्द ही झुमका जलाशय पर बने झुमका बोट क्लब का कायाकल्प करने वाला है. पानी में तैरते इस बोट क्लब की सुंदरता में जल्द ही चार चांद लगने वाला है. बोट क्लब को सजाने और संवारने की जिम्मेदारी हैदराबाद के कारीगरों को दी गई है. हैदराबाद से आए कारीगर बोट क्लब को फिर से दुरुस्त करने के काम में जुट गए हैं. अगर सबकुछ अपने तय समय पर हुआ तो सर्दियों के मौसम में आप इस बोट क्लब पर आकर कश्मीर के डल झील वाली फीलिंग ले सकेंगे.
झुमका बोट क्लब (झुमका जलाशय): बोट क्लब को बेहतर लुक देने के लिए हैदराबाद से आए कारीगर दिन रात मेहनत कर रहे हैं. करीब 18 महीने से झुमका बोट क्लब पर काम चल रहा है. शासन की कोशिश है कि सर्दियों के मौसम में जब पर्यटक बड़ी संख्या में कोरिया घूमने आते हैं तबतक ये बोट क्लब चालू हो जाए. झुमका जलाशय पर बना ये बोट क्लब काफी सुंदर है. आबादी से दूर ये इलाका पर्यटकों को हमेशा से पंसद आता रहा है. शासन की कोशिश है कि बोट क्लब को डेवलप कर टूरिस्टों को यहां लाया जाए. बोट क्लब पर जब टूरिस्ट बड़ी संख्या में आने लगेंगे तो रोजी रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे.
हाउस बोट में मिलने वाली सुविधाएं: झुमका जलाशय पर तैरने वाले हाउस बोट में 2 दो कमरे होंगे. हाउस बोट में आपको हॉल की भी सुविधा मिलेगी. एक साथ 50 से अधिक पर्यटक तैरते हाउस बोट का मजा ले सकेंगे. हाउस बोट की उपरी मंजिल पर किचन होगा. यहां पर्यटकों के लिए ब्रेकफास्ट तैयार किया जाएगा. नाश्ते के साथ आपको तैरते हाउस बोट में लजीज व्यंजन भी परोसे जाएंगे. छत्तीसगढ़िया व्यंजना का आनंद आप यहां पानी के बीच सकेंगे.
शासन को होगा लाखों का मुनाफा: आंकड़ों के मुताबिक सालाना करीब 18 लाख का मुनाफा शासन को होगा. हाउस बोट का ठेका जो भी लेगा उसे 5 लाख की अमानत राशि जमा करनी होगी. साथ ही डेढ़ लाख का मासिक किराया भी देना होगा. डीएमएफ मद से 3 करोड़ की लागत से बोट हाउस और शिकारा बोट चलाने प्रोजेक्ट बनाया गया है. जम्मू के श्रीनगर डल झील की तर्ज पर झुमका में 5 शिकारा बोट चलाया जाएगा.
शिकारा बोट का लेंगे पर्यटक आनंद: हाउस बोट और शिकारा बोट चलाने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे. इससे क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा. हाउस बोट की खूबियां और उससे जिला प्रशासन को होने वाले लाभ को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि यह प्रोजेक्ट इलाके के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगी. कुल मिलाकर, झुमका बोट क्लब में हाउस बोट और शिकारा बोट की शुरुआत पर्यटन स्थलों को विकसित करने के नजरिए से एक अच्छा कदम है. स्थानीय और बाहरी पर्यटकों को लुभाने का ये एक अच्छा माध्यम होगा.
झुमका महोत्सव: जब झुमका बोट क्लब की शुरुआत हुई थी तो यहां पर झुमका महोत्सव का आगाज किया गया था. बड़ी संख्या में लोग झुमका महोत्सव में शामिल होने आते थे. महोत्सव के दौरान यहां मेले जैसा माहौल रहता था. लेकिन जब बोट क्लब की दुर्दशा होने लगी तो झुमका महोत्सव बंद कर दिया गया. उम्मीद है बोट क्लब की शुरुआत होते ही झुमका महोत्सव भी शुरु किया जाएगा.
फोटोग्राफी और पिकनिक के लिए बेस्ट प्लेस: सर्दियों के मौसम में यहां फोटोग्राफी के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. साल के आखिरी के महीने और साल की शुरुआत में पिकनिक के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. यहां का शांत वातावरण आपको अपनी ओर खींच लेता है. झुमका बांध का निर्माण अविभाजित मध्य प्रदेश के तब के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंहन ने 1982 में किया था.
कहां है झुमका जलाशय: कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के रेलवे स्टेशन से 5 किमी दूर पर झुमका जलाशय है. ये डैम पहली नजर में आपको किसी समुद्र तरह लगेगा. जहां तक नजर जाएगी वहां तक पानी ही पानी नजर आएगा. इस बांध का निर्माण 1982 में हुआ. झुमका डैम को रामानुज प्रताप सागर के नाम से भी जाना जाता है. झुमका बांध पर्यटकों का बेस्ट टूरिस्ट डेस्टिनिशन है.
किसानों के लिए डैम है वरदान: झुमका डैम किसानों के लिए भी काफी फायदेमंद है. झुमका बांध से लगभग 1100 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई होती है. डैम के पानी से 17 गांव के हजारों किसानों को लाभ मिलता है. झुमका बांध किसानों के लिए वरदान से कम नहीं है. कोरिया सहित सरगुजा संभाग के लोगों के लिए प्रमुख पर्यटन स्थल है झुमका डैम.
फिशिंग और बोटिंग की सुविधा: यहां पर्यटकों के लिए बोटिंग और फिशिंग की सुविधाएं हैं. रुकने के लिए रिजॉर्ट भी बना हुआ है. बांध के आसपास काफी खूबसूरत प्राकृतिक नजारा है. पेड़-पौधे सहित अलग तरह के पत्थरों का यहां पर ढेर है जो आपको आकर्षित करता है. झुमका जलाशय घूमने के लिए हर मौसम उपयुक्त है. झुमका डैम में सालों भर पानी भरा रहता है. बारिश के मौसम में अधिक पानी भरा होने की वजह से और भी सुंदर नजारा देखने को मिलता है. झुमका बांध लोगों की पसंदीदा जगहों में इसलिए भी खास है क्योंकि यहां बहुत बड़ा कृत्रिम मछली बना हुआ है. जिसके अंदर फिश एक्वेरियम है.
कब हुआ था इसका निर्माण: झुमका बोट क्लब की शुरुआत साल 2011 से 2012 के बीच में हुआ. एसईसीएल प्रबंधन ने इसका निर्माण कराया. झुमका बोट क्लब पर बगीचा और झूले बनाए गए. साल 2016 में 35 लाख की लागत से डीएमएफ के जरिए यहां बड़ा एक्वेरियम बनाया गया. पर इन सभी बनाए गए सामानों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. नतीजा ये हुआ कि अब ये सामान कबाड़ बनते जा रहे हैं. कांग्रेस के शासन काल में भी बोट क्लब पर काफी पैसा खर्चा किया गया.
कैसे पहुंचे यहां: अगर आप हवाई मार्ग से आते हैं तो निकटतम हवाई अड्डा दरिमा हवाई अड्डा है जो अंबिकापुर जिले में है और यह जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से लगभग 93 किमी दूर है. रायपुर हवाई अड्डा बैकुंठपुर कोरिया से लगभग 333 किमी दूर है. अगर आप ट्रेन से आते हैं तो बैकुंठपुर रेलवे स्टेशन इस झुमका बांध से लगभग 5 किमी दूर स्थित है. बैकुंठपुर रेलवे स्टेशन से झुमका बांध तक अच्छी तरह से जुड़ा हुआ सड़क मार्ग है. वहीं अगर आप सड़क मार्ग से आते हैं तो यह कोरिया जिले के जिला मुख्यालय बैकुंठपुर कोरिया से 3 किमी दूर स्थित है. सूरजपुर और अंबिकापुर से झुमका बांध के लिए प्राइवेट वाहनों की सुविधा भी मिलती है. आप चाहे तो अपनी निजी गाड़ी और टैक्सी किराए पर लेकर भी यहां आ सकते हैं.