August 15, 2025 12:15 pm
ब्रेकिंग
भिलाई के खारुन नदी में नहाने गए किशोर की डूबने से मौत, खूंटाघाट डेम में डुबा इंजीनियर चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा, फैसला सुन कोर्ट में करने लगे हंगामा Chhattisgarh HC ने जर्जर स्कूल भवनों को लेकर जताई नाराजगी, कहा- बच्चों को खतरे में डालना मंजूर नहीं Independence Day 2025 पर छत्तीसगढ़ के 25 पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति के हाथों मिलेगा सम्मान, देखिए ल... रायपुर में जल्द ही लोगों को मिलेगी ट्रैफिक जाम से राहत, 450 करोड़ की लागत से बनाए जाएंगे 7 फ्लाईओवर ठगों ने SBI के मैनेजर को ही दे दिया झांसा, फर्जी लेटर पैड और कॉल से ट्रांसफर करवाए 17.52 लाख सावधान! रायपुर में बढ़ रहा Viral Fever...यदि ये लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें, लापरवाही न करे... सोशल मीडिया पर नाबालिग बच्चों के अश्लील वीडियो अपलोड करने वाला गिरफ्तार नि:शुल्क शव वाहन सेवा ठप, गरीब मजबूर होकर ले रहे प्राइवेट एंबुलेंस लेफ्टिनेंट कर्नल शरद देव सिंह जामवाल का मना 100वां जन्मदिन, 47 से लेकर 71 तक हर युद्ध में लिया भाग
छत्तीसगढ़

पीएम आवास में घोटाला: फर्जी फोटो अपलोड कर आधे अधूरे निर्माण को बताया पूरा

जीपीएम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना में पलीता लगाने का काम पेंड्रा में किया जा रहा है. आरोप है कि यहां पीएम आवास योजना में बड़ा घोटाला किया जा रहा है. हितग्राहियों के आधे अधूरे आवास को पूरा दिखाकर फर्जी जियो टैग किया गया है. फर्जीवाड़े के लिए आधे अधूरे आवास की जगह दूसरे हितग्राहियों के पूरे मकान की तस्वीर खीचकर लगा दी गई है. जबकी हितग्राही कहीं तिरपाल तो कहीं प्लास्टिक डालक रह रहे हैं. इससे पहले भी पेंड्रा जनपद में देश का पहला आवास चोरी होने का सनसनीखेज मामला सामने आ चुका है. मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. प्रधानमंत्री आवास योजना के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर के साथ कई आवास मित्रों पर कार्रवाई की गई. कई लोगों को बर्खास्त किया गया साथ ही कई को जेल भी जाना पड़ा था.

आधे अधूरे मकान को बात रहे पूरा: गरीबों को पक्का मकान उपलब्ध कराने के लिए चलाई जा रही योजना को उसके ही जिम्मेदार पलीता लगा रहे हैं. दरअसल योजना में भ्रष्टाचार रोकने के लिए प्रधानमंत्री योजना में अलग-अलग स्तर पर जियो टैग करने की व्यवस्था है. कोशिश है कि जैसे-जैसे आवास पूरा हो राशि का भुगतान किया जाए. कार्य पूर्ण होने के पूर्व किसी भी स्तर में भ्रष्टाचार न होने पाए.

इस तरह से कर रहे फर्जीवाड़ा: लेकिन शातिर लोग आधे अधूरे पड़े आवासों को कागजो में पूर्ण बता कर धोखाधड़ी से बाज नहीं आ रहे हैं. शिकायत मिलने पर जब मीडिया मौके पर पहुंची तो देखा कि हितग्राहियों के आवास या तो प्लिंथ लेवल पर हैं या डोर लेवल पर, मतलब आवास में अब तक छत नहीं ढली है, दरवाजे खिड़की नहीं लगे हैं. प्लास्टर नहीं हुआ है. बावजूद इसके मकान को पूरा बता दिया गया है. आरोप है कि पूरी योजना में जमीनी स्तर के कर्मचारियों के साथ जनपद कार्यालय में बैठे कर्मचारियों ने बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है. आधे अधूरे पड़े आवासों की फर्जी जियो टैगिंग की गई. हितग्राहियों को पूर्ण हो चुके आवास के सामने खड़े करके फोटो खींचकर उसकी फर्जी जियो टैगिंग की गई, या हितग्राही ही बदलकर पूर्ण हो चुके आवास की फोटो अपलोड कर दी गई.

बचरवाग ग्राम में मिली शिकायत: पड़ताल में पेंड्रा जनपद के बचरवार और पंचायत भाड़ी में गड़बड़ी सामने आई है. यहां ग्राउंड पर सिर्फ आवास की नींव डली है लेकिन उसे पूरा बता दिया गया है. आरोप है कि गड़बड़ी के पीछे विभाग के निचले स्तर के कर्मचारी शामिल हैं.

यहां पर मिली फर्जीवाड़े की शिकायत

  • हीरालाल पनिका, निवासी बचरवार, आरोप है कि दूसरे के पूरे आवास की फोटो लगाकर अपने मकान को पूरा दिखा दिया.
  • भोला सिंह, ग्राम भाड़ी, आरोप है कि इनका आवास प्लिंथ लेवल तक है लेकिन कागजों में आवास पूरा दिखा दिया गया.
  • देवशरण, ग्राम पंचायत भाड़ी, आरोप है कि आवास अधूरा है लेकिन दूसरे हितग्राही की फोटो अपलोड कर पूरा बताया गया.

कागजों पर बना दिए गए पूरे आवास: साल 2017-18 में जब गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला बिलासपुर जिला पंचायत एवं बिलासपुर जिले से संचालित होता था. तब पेंड्रा ब्लॉक में कागजों में आवास बना दिए गए थे. जबकि मौके पर किसी तरह का कोई आवास उपलब्ध ही नहीं था. मामले में मीडिया की पड़ताल के बाद हितग्राहियों ने थाने में आकर फर्जी आवास एवं आवास चोरी हो जाने की लिखित शिकायत दर्ज कराई. जिस पर मामला दर्ज हुआ जांच हुई ब्लॉक कोऑर्डिनेटर सस्पेंड हुए फरार हुए और अंत में जेल भी जाना पड़ा. कई आवास मित्रों को बर्खास्त किया गया, तब यह तर्क दिया गया था कि गौरेला पेंड्रा मरवाही इलाका जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर से ज्यादा दूर है इसलिए यहां मॉनिटरिंग अच्छे से नहीं हो पाई. जिला बनने के बाद यहां कलेक्टर जिला पंचायत सीईओ एवं पूरा प्रशासनिक अमला मौजूद है. बावजूद ये गड़बड़ी हो गई.

शासन को पहुंचाया नुकसान: पूर्व के भ्रष्टाचार से सबक नहीं लेते हुए इस बार भी वैसी ही गलती दोहराई गई. अब देखना ये है कि कबतक दोषियों को पकड़ा जाता है और कड़ी कार्रवाई की जाती है. लंबे वक्त से ये शिकायत भी लोगों की रही है कि असल हतिग्राहियों को पीएम आवास देर से आवंटित होता रहा है.

प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ कौन-कौन ले सकता है: आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) और निम्न आय वर्ग (एलआईजी) के लाभार्थी जो बैंकों, आवास वित्त कंपनियों और अन्य ऐसे संस्थाओं से होम लोन की मांग कर रहे हैं, वे 6.5% की दर पर 15 वर्षों की अवधि के लिए अथवा कर्ज अवधि के दौरान, इसमें से जो कम हो, के लिए ब्याज सब्सिडी के लिए पात्र होंगे.

आवेदक को क्या करना होता है: आवास योजना का फॉर्म भरने के लिए, आवेदक को तय शर्तों को पूरा करना होगा. मुख्य रूप से, आवेदक को एक वयस्क, कमाने वाला सदस्य होना चाहिए और उसके नाम पर कोई पक्का घर नहीं होना चाहिए. इसके अलावा आवेदक की सालाना आय आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) या निम्न आय समूह (LIG) में होनी चाहिए, जो 6 लाख रुपये और 3 लाख से 6 लाख रुपये तक हो.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button