हर जगह सीमेंट ना बिछाओ साहेब,मुझे बच्चों को कीचड़ भी दिखाना है, वर्षा ऋतु पर कवि सम्मेलन

रायपुर : सामाजिक और साहित्यिक संस्था वक्ता मंच ने कवि सम्मेलन का आयोजन वृन्दावन सभागृह में आयोजित किया . जिसमें प्रदेश भर से आए 60 से अधिक कवियों ने वर्षा ऋतु विषय पर अपनी प्रस्तुति दी. इस अवसर पर 2 बाल कवयित्री दुर्ग की आद्या प्रियदर्शिनी बिनोए और रायपुर की दिव्यांका पुरोहित की विशेष प्रस्तुति रखी गई थी. इन दोनों ही बाल कवियों का कार्यक्रम में सम्मान किया गया.
देर रात तक चली कवि सम्मेलन : कार्यक्रम का प्रभावी संचालन वक्ता मंच के अध्यक्ष राजेश पराते एवं संयोजन संयोजक शुभम साहू ने किया गया. सबसे शुरुआत में संस्था की संरक्षिका ज्योति शुक्ला ने स्वागत भाषण दिया .इसके बाद देर रात तक काव्य गोष्ठी चली. आईए आपको बताते हैं कवियों की कुछ प्रमुख प्रस्तुतियां.
कवि लतिका भावे
रिमझिम रिमझिम रिमझिम रिमझिम, नूपुर बरखा रानी के,
टिप टिप टिप टिप टिप टिप टिप टिप, ढोल बरखा रानी के.
चंचल शीतल पव झकोरे पांव बरखा रानी के,
देखो हो देखो, देखो री देखो, नखरे बरखा रानी के.
कवि सूरज प्रकाश
सही को सही और गलत को गलत बताना है,
युवा पीढ़ी को हमें चीजें सही सिखाना है
और हर जगह सीमेंट मत बिछाओ साहेब
मुझे अपने बच्चों को कीचड़ भी दिखाना है.
तपती झुलसती गर्मी से मिली हमें राहत है,वर्षा रानी तुम्हारा स्वागत है
हरियाली छाई चारों ओर, जंगल में नाचे मोर,बादल बरस रहे घनघोर
वर्षा रानी तुम्हारा स्वागत है.
कवि सुषमा प्रेम पटेल
सावन की मनभावन ऋतु में, घटा श्यामल भाती है
बूंदों में हरियाली हंसती, सुषमा गीत सुनाती है.
कवि चेतन भारती
हरियर हरियर लुगरा पहिरे,दुल्हन कस खेती दमकत हे
भुईया ल सूरज के मया मिले ले, उमंग के डारा हिल हिल चमकत हे
जिन्गी म सुख के फूल फूलत हावे, छूवत रहय अंचरा के छोर.
कवि चंद्रकला त्रिपाठी
आया सावन अति मनभावन, उमड़ घुमड़ कर बरसा पानी
सूखे वस्त्र त्याग धरा ने, ओढ़ी चूनर धानी.
हरी चुनरिया ओढ के धरती,घूंघट में शरमाई,
उठा के घूंघट धरती माता,मंद मंद मुस्काई.
किन कवियों ने बांधा समा : काव्य गोष्ठी में प्रदीप जोशी, राजकुमार धर द्विवेदी, यतीश श्रीवास्तव, डॉ महेंद्र ठाकुर, टीके भोई,डॉ कमल वर्मा, मधु तिवारी, रामचंद्र श्रीवास्तव, अर्चना श्रीवास्तव, ऋषि कुमार साव, अमिताभ कुमार दीवान, शिवानी मैत्रा, चेतन भारती, लतिका भावे, राजेंद्र रायपुरी, भूपेंद्र कुमार शर्मा, मन्नूलाल यदु, जागृति मिश्रा ने प्रस्तुतियां दी.
इसके साथ ही तुलसी साहू, वीरेंद्र शर्मा, सुषमा पटेल, जितेंद्र कुमार वर्मा, राहुल साहू, बिनॉय आद्या, मुकुंद शिलेदार, ईश्वर साहू बंधी, नीता गुप्ता, आरव शुक्ला, योगेश्वर सिंह राठौर, प्रतीक कश्यप, विवेक भट्ट, अनिल राय, अदिति तिवारी, कमल सूर्यवंशी, सुषमा बग्गा, रवि कुमार देवांगन, दिव्यांका पुरोहित, गोविंद धनगर, किरणलता वैद्य, इंद्रदेव यदु, रुनाली चक्रवर्ती, चंद्रकला त्रिपाठी, तामेश्वर साहू, सत्येंद्र तिवारी सकुति, मोहन कुमार निषाद, बलजीत कौर सब्र भी कवि सम्मेलन में मौजूद रहें.
सूरज प्रकाश, राकेश निषाद, कुमार जगदलवी, डॉ गोपा शर्मा, मिनेश कुमार साहू, कमलेश अग्रवाल , डॉक्टर चंद जैन अंकुर, अश्विनी विश्वकर्मा सहित 60 से अधिक कवियों ने प्रस्तुतियां देकर तालियां बटोरी. वक्ता मंच के संयोजक शुभम साहू ने प्रस्तुत आभार प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ.