इतवारी चीला तिहार का आयोजन, पारंपरिक खेल और खानपान की भी दिखी झलक, हरेली के बाद गांवों में होता है महोत्सव

दुर्ग : हरेली पर्व के बाद छत्तीसगढ़ में चीला त्योहार मनाए जाने की परंपरा है. इसके तहत रविवार को दुर्ग जिले के ग्राम पव्वारा में इतवारी चीला तिहार महोत्सव का आयोजन किया गया. शासकीय विद्यालय के प्रांगण में आयोजित यह महोत्सव पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया गया. महोत्सव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू मुख्य रूप से शामिल हुए.
छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों का भी आयोजन : इस दौरान ग्रामीणों ने खेलकूद के साथ ही छत्तीसगढ़ी नृत्य संगीत का भी आयोजन किया था. जिसमें गांव की महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. महोत्सव के दौरान गेड़ी नृत्य, लोक नृत्य के अलावा कबड्डी, फुगड़ी जैसे खेलों का लोगों ने आनंद लिया. महोत्सव में ग्राम पाउवारा के अलावा आसपास के अनेक गांवों के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए.
चीला तिहार महोत्सव ग्रामीण उत्साह का पर्व :पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस आयोजन को ग्रामीण उत्साह का पर्व बताते हुए कहा कि यह पर्व गांव के लोग आपसी भाईचारे के साथ मिलजुल कर मनाते हैं. वहीं पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि पूर्व सरकार ने विलुप्त होते पारंपरिक त्यौहारों को प्रदेश भर में मनाने की शुरुआत की थी. महोत्सव के दौरान चीला, खुरमी, ठेठरी, फरा जैसे अनेक पारंपरिक व्यंजनों की भी प्रदर्शनी लगाई गई.