दुर्ग में एसडीएम से बदसलूकी पर चढ़ा सियासी पारा, सीएम के सुशासन पर कांग्रेस के सुलगते सवाल

दुर्ग: सब डिविजनल मजिस्ट्रेट हितेश पिस्दा के साथ हुई बदसलूकी की घटना अब सियासी रंग लेती जा रही है. कांग्रेस ने एसडीएम हितेश पिस्दा के साथ हुई घटना पर दुख जताया है. कांग्रेस ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन पर ये घटना सवाल खड़े कर रही है. भारतीय जनता पार्टी की सरकार को इसका जवाब देना चाहिए. कांग्रेस के आरोपों को काउंटर करते हुए बीजेपी की ओर से कहा गया कि ये महज 2 कारों के बीच हुई टक्कर का मामला है, इससे ज्यादा कुछ नहीं.
एसडीएम से बदसलूकी: कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि एसडीएम से गुंडागर्दी करने वाले लोग भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं. सत्ता के नशे में चूर ये लोग सरकारी कर्मचारी से भी बदसलूकी करने से बाज नहीं आ रहे. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी के तथाकथित लोग शराब बेचने में लगे हैं. कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि जो भी इस घटना में दोषी है उसको भारतीय जनता पार्टी तत्काल पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए.
प्रदेश में कैसा सुशासन है कि एक सब डिविजनल मजिस्ट्रेट से भी धक्का मुक्की करने से भारतीय जनता पार्टी के लोग बाज नहीं आ रहे हैं. सत्ता के नशे में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता दोनों चूर हैं. शराब बेचने में पार्टी के लोग लगे हैं. इसी का नतीजा है कि ये लोग सरकारी कर्मचारी से भी बदसलूकी कर रहे हैं. पार्टी को इसपर कार्रवाई करनी चाहिए. दोषियों का पार्टी से बाहर करना चाहिए. सत्ता पक्ष को इस मुद्दे पर मौन नहीं रहना चाहिए: राकेश ठाकुर, जिला अध्यक्ष, कांग्रेस
ये महज दो कारों के बीच हुई टक्कर का मामला है. भाजपा एक अनुशासित पार्टी है. यदि कोई ऐसी घटना हुई है तो संगठन उसे गंभीरता से लेकर उचित कदम उठाएगी. लेकिन यह जातिगत या साजिश वाली घटना नहीं थी. आपसी विवाद और बहस की स्थिति से मामला बढ़ा होगा: सुरेंद्र कौशिक ,जिला अध्यक्ष, भाजपा
क्या हुआ था 24 जुलाई की रात को: 24 जुलाई की रात एसडीएम हितेश पिस्दा दफ्तर का काम खत्म कर लौट रहे थे. रास्ते में पोटिया चौक के पास 3 युवकों ने शराब के नशे में चूर होकर उनकी कार में टक्कर मार दी. आरोप है कि टक्कर मारने वालों ने बताया कि वो बीजेपी युवा मोर्चा के नेता हैं. विवाद बढ़ने पर कथित भाजपा के युवा नेताओं ने एसडीएम के साथ बदसलूकी की. आरोप ये भी है कि उनके फोन को छीनने की कोशिश युवकों ने की. विवाद के दौरान कई बार एसडीएम ने अपना परिचय भी युवकों को दिया. आरोप है कि इसके बाद युवक बदतमीजी से बाज नहीं आए.
पद्मनाभपुर थाने में दर्ज कराई एसडीएम ने शिकायत: एसडीएम ने घटना की शिकायत पद्मनाभपुर थाने में दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 3 आरोपियों को हिरासत में लेकर 25 जुलाई को कोर्ट में पेश किया. बाद में सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया. अब आरोपी जमानत पर रिहा भी हो गए हैं. युवकों की रिहाई के बाद अब कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एसडीएम से हुए विवाद को सियासी रंग देते हुए सरकार के सुशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं.