क्रेडा अध्यक्ष कमीशन मामला, भाजपा ने बताया फर्जी, ठेकेदार संगठन का खंडन पत्र किया जारी

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के अध्यक्ष और भाजपा नेता भूपेंद्र सवन्नी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों को लेकर प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि क्रेडा में कार्य करने वाले वेंडर्स से काम के भुगतान के बदले 3% कमीशन मांगा जा रहा है. कांग्रेस ने एक पत्र सोशल मीडिया पर साझा कर यह दावा किया कि इनकार करने पर वेंडर्स को ब्लैकलिस्ट करने की धमकी दी जाती है.
हालांकि, भाजपा ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए इसे कांग्रेस की राजनीतिक साजिश बताया है. भाजपा का कहना है कि यह एक फर्जी शिकायत है, जिसमें न तो किसी शिकायतकर्ता का नाम है, न पता और न ही संपर्क नंबर.
भाजपा का पलटवार, कांग्रेस पर फर्जीवाड़े का आरोप: भाजपा की ओर से प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, “कांग्रेस अब केवल झूठ और फोटो के जरिए सोशल मीडिया प्रचार तक सीमित हो गई है. भ्रष्टाचार में सिर से पांव तक डूबी कांग्रेस अब फर्जी शिकायतें गढ़कर जनता को भ्रमित करना चाहती है, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी उनकी पोल खुल गई है.”
चिमनानी ने कहा कि कांग्रेस बार-बार ऐसी गुमनाम शिकायतें करवाती है जिनका न तो कोई आधार होता है और न ही प्रमाण. ऐसी शिकायतें सिर्फ फोटो खिंचवाने और सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए की जाती हैं, जबकि जांच में ये सभी शिकायतें फर्जी साबित होती हैं.

भाजपा ने जारी किया ठेकेदार संगठन का पत्र: भाजपा ने इस मामले में छत्तीसगढ़ सोलर बिजनेस वेलफेयर एसोसिएशन का एक पत्र भी सार्वजनिक किया है. इस पत्र में संगठन ने भूपेंद्र सवन्नी पर लगे आरोपों को “पूर्णतः निराधार और असत्य” बताया है. पत्र में कहा गया है कि अध्यक्ष पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से शरारतपूर्ण हैं और संगठन को उन पर पूर्ण विश्वास है.
संगठन के पत्र की वैधता पर उठ रहे सवाल: हालांकि, इस पत्र की भी वैधता पर सवाल उठ रहे हैं. इसमें छत्तीसगढ़ शब्द की स्पेलिंग में गलती, पत्र क्रमांक का अभाव और हस्ताक्षरकर्ता का नाम, पता, और नंबर न होना, कांग्रेस को नए सिरे से हमला बोलने का मौका दे सकता है. क्योंकि भाजपा ने अपने बयान में इन्हीं बातों का उल्लेख करते हुए कांग्रेस के आरोपों को फर्जी करार दिया है.
बता दें कि यह मामला अब भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी घमासान का रूप ले चुका है. कांग्रेस जहां इस मुद्दे को भ्रष्टाचार से जोड़कर जनता के सामने भाजपा को घेरना चाह रही है, वहीं भाजपा इसे कांग्रेस की फर्जी अभियान नीति करार दे रही है. अब देखना होगा कि सरकार इस मामले की कोई जांच कराती है या इसे कांग्रेस की रणनीति मानकर खारिज कर दिया जाता है.