कवर्धा में करोड़ों का गबन करने वाला क्लर्क अरेस्ट, आचार्य पंथ मुनि नाम साहेब कॉलेज का मामला

कवर्धा: कवर्धा शहर के शासकीय आचार्य पंथ मुनि नाम साहेब महाविद्यालय में 1 करोड़ 22 लाख 59 हजार 125 रुपए गबन का मामला सामने आया था. इस मामले में कोतवाली पुलिस ने कॉलेज के निलंबित क्लर्क प्रमोद वर्मा को उसके निवास से गिरफ्तार किया है. पुलिस के आने की सूचना मिलने पर आरोपी अपने छत से कूद कर भागने का प्रयास कर रहा था. लेकिन पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी को पकड़ लिया. पुलिस ने आरोपी को न्यायालय पेश किया,जिसके बाद आरोपी को ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया गया है.
छात्र संगठन ने किया था खुलासा : कॉलेज में चल रहें भ्रष्टाचार के खिलाफ छात्र संगठनों ने विरोध किया और जांच की मांग की थी. छात्र संगठन के शिकायत के आधार पर उच्च शिक्षा संचालनालय ने जांच समिति गठित किया था. समिति का नेतृत्व डॉ. आरएस खेर, प्राचार्य, शासकीय मदन लाल शुक्ल स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सीपत (बिलासपुर) ने किया.
जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी का हुआ खुलासा : जांच रिपोर्ट में वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि करते हुआ. संबंधित आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की.वहीं प्रशासन ने मुख्य आरोपी प्रमोद वर्मा को निलंबित कर दिया था. 21 मई 2024 को कॉलेज प्रबंधन और जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष रिकेश वैष्णव ने कॉलेज में राशि गड़बड़ी की शिकायत कोतवाली थाना में दर्ज कराई थी.
पुलिस जांच में जुट गई जांच में पता चला कि आरोपी बाबू ने गड़बड़ी के सबूत छिपाने कुछ जरुरी दस्तावेज को अपने घर ले गया और कुछ कॉलेज के आलमारी में लॉक कर दिया.जिसे पुलिस ने लॉक तोड़कर बरामद कर लिया. वहीं कुछ दस्तावेज को आरोपी के घर से जब्त किया था. जांच में साबित हुआ कि आरोपी बाबू ने 1 करोड़ 22 लाख 59 हजार 125 रुपए का गबन किया है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार लिया है- कृष्ण कुमार चंद्राकर, डीएसपी
- 1 करोड़ 13 लाख 28 हजार 570 रुपए बैंक और खजाने में जमा नहीं किए.
- 24 लाख 81 हजार 805 रुपए स्ववित्तीय मद से संबंधित राशि कम जमा किया.
- 2 लाख 20 हजार रुपए बिजली बिल के नाम पर निकाले गए, लेकिन जमा नहीं हुआ.
- 9 लाख 40 हजार 555 रुपए के मोबाइल बिल, ऑडोटोरियम किराया एवं अन्य मदों के लिए निकाले गए.पुलिस ने जांच के बाद आरोपी को कोर्ट में किया पेश : इस पूरे मामले में कोतवाली पुलिस ने मुख्य आरोपी प्रमोद वर्मा के गिरफ्तार कर धारा 316(5) के तहत न्यायालय में पेश किया, जहां न्यायालय ने आरोपी को ज्युडिशियल रिमांड पर जेल दाखिल किया है.