ननों की गिरफ्तारी का मामला : NIA कोर्ट लेगी जमानत पर फैसला, सेशन कोर्ट का सुनवाई से इंकार, बजरंग दल ने मनाया जश्न

दुर्ग : दुर्ग में ननों की गिरफ्तारी के बाद जमानत याचिका लोअर कोर्ट के बाद सेशन कोर्ट ने खारिज कर दी है. सेशन कोर्ट से जज अनीश दुबे FTSC ने कहा हमें यह प्रकरण सुनने का अधिकार नही है. यह मानव तस्करी से जुड़ा मामला था. जिसकी सुनवाई बिलासपुर की NIA कोर्ट में हो सकती है.जिसके बाद अब वकील बिलासपुर के NIA कोर्ट में याचिका दायर करेंगे.
सुनवाई तक जेल में ही रहेंगी नन : कोर्ट ने थाना प्रभारी को निर्देश दिए हैं कि मानव तस्करी मामले में केंद्रीय एजेंसी को पूरी जानकारी साझा करें.जब तक कोर्ट में इस मामले की सुनवाई नहीं हो जाती तब तक ननों को जेल में ही रखा जाएगा.अब इस मामले में जांच के बाद ही जो रिपोर्ट पेश की जाएगी,उसी के आधार पर ननों की जमानत को लेकर फैसला कोर्ट सुनाएगा.
ननों की जमानत याचिका पर सेशन कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट का कहना है कि मानव तस्करी के मामले की सुनवाई एनआईए कोर्ट में होती है,इसलिए वो अब एनआईए कोर्ट में अपना आवेदन प्रस्तुत करेंगे.हम वहां भी अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे, कोर्ट को मानव तस्करी और धर्मांतरण के बारे में हम जानकारी देंगे- हेमंत मिश्रा, अधिवक्ता
वहीं बजरंग दल ने ननों की गिरफ्तारी के मामले में कहा कि विपक्ष के नेता खुलकर समर्थन में आए हैं.लेकिन छत्तीसगढ़ के हिंदू नेता इस पूरे मामले में कुछ भी नहीं कह रहे हैं.हम चाहते हैं कि हमारे नेता भी धर्मांतरण और मानव तस्करी के मामले में अपना पक्ष रखें.
हमारे क्षेत्र में इतना बड़ा मामला हुआ जो नन लोगों के धर्मांतरण के काम में लगी हुईं थी,उनके खिलाफ अपराध पंजीबद्ध हुआ है.फिर भी विपक्ष के नेता राहुल गांधी ट्वीट करते हैं,उनके समर्थन में वो अपने नेताओं को भेज रहे हैं.प्रदेश सरकार के खिलाफ बयान दे रहे हैं.लेकिन हमारे नेता इस मामले में कुछ भी जवाब नहीं दे रहे हैं. ऐसे नेताओं को हिंदुओं ने बनाया है,फिर भी वो हमारी बातों को गंभीरता से नहीं उठा रहे हैं. यूपी में योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा है कि वो हिंदुओं के साथ हैं,लेकिन हमारे यहां के नेताओं ने कुछ भी नहीं किया- रवि निगम, बजरंग दल
प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप : आपको बता दें कि दुर्ग में दो ननों को मानव तस्करी के आरोप में अरेस्ट किया गया है.जो फिलहाल दुर्ग जेल में बंद है.इस मामले में जमकर राजनीति हो रही है. कांग्रेस और सीपीआई के डेलीगेट्स ने ननों से मुलाकात की है. मुलाकात के बाद दोनों ही पार्टियों ने सरकार पर दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया है.दोनों ही राजनीतिक दलों ने प्रदेश की बीजेपी सरकार को आदिवासियों और ईसाईयों का विरोधी करार दिया है. वहीं सीपीआई नेता वृंदा करात ने कहा है कि झूठे केस में ननों को गिरफ्तार करके जेल में डालना अन्याय है. हिंदुत्व की संकीर्ण सोच का शिकार ननों को होना पड़ रहा है.