August 3, 2025 12:20 pm
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हिमाचल प्रदेश

98 मौतें, 1500 से ज्यादा घर जमींदोज, 387 सड़कें ब्लॉक…हिमाचल में मौसम का कहर; उत्तराखंड में भी तबाही

पहाड़ी राज्यों पर बारिश कहर बनकर बरस रही है. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश ने खूब तबाही मचाई है. दोनों राज्यों में लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से बाढ़ के हालात बने हुए हैं. अलग-अलग इलाकों में सड़कें जलमग्न हो गई हैं और लोगों के घरों तक में पानी घुस गया है. हिमाचल के अलग-अलग जिलों से अब तक बादल फटने कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. वहीं उत्तराखंड में भूस्खलन की वजह से कई लोग घायल हो गए.

हिमाचल प्रदेश को पिछले महीने 20 जून को आए मानसून के बाद से एक अगस्त तक बारिश के चलते 1,678 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है. अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक बारिश के दौरान हुई घटनाओं में 98 लोगों की मौत हो चुकी है और 37 लोग अभी भी लापता हैं. यही नहीं लगभग 1526 लोगों के आशियाने उजड़ गए. हिमाचल में अब तक बाढ़ के चलते 47 घटना सामने आ चुकी हैं, जिनमें से 28 बादल फटने और बिजली गिरने की शामिल हैं. वहीं भूस्खलन की भी 42 घटनाएं सामने आई हैं.

लोगों के घरों में घुस गया पानी

हिमाचल के ऊना में शुक्रवार को रात भर भारी बारिश हुई. इससे कई इलाकों में पानी भर गया, जिसके बाद लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. शनिवार को चंडीगढ़-धर्मशाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी कई स्थानों पर जलभराव हुआ. इस दौरान घरों में लगभग 10-10 फीट तक पानी भर गया, जिसकी वजह से लोग अपनी छतों पर रहने को मजबूर हो गए. ऊना में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. औद्योगिक क्षेत्र, आवासीय इलाकों और सरकारी कार्यालयों को भी काफी नुकसान झेलना पड़ा है.

ऊना के जिला मजिस्ट्रेट जतिन लाल ने बताया कि लगातार हो रही बारिश की वजह से कई इलाकों में बाढ़ आ गई और सड़कें बंद हो गई हैं. हालात को देखते हुए छात्रों की सुरक्षा के लिए अगली सूचना तक स्कूल बंद कर दिए गए हैंकई स्थानों पर विकास परियोजनाओं के साथ-साथ सरकारी और प्राइवेट प्रोपर्टी को भी भारी नुकसान हुआ है, जिसका आंकलन किया जा रहा है. हालांकि, राहत एंव बचाव कार्य भी लगातार जारी है.

राज्य में 387 सड़कें ब्लॉक हो गईं

यही नहीं हमीरपुर में सुजानपुर टीरा के पास नदी पर बने पुल के एक हिस्से में दरारें आ गईं. ऐसे में पानी का स्तर बढ़ने से सुजानपुर टीरा और सैंडहोल के पास खैरी के बीच सड़कें ब्लॉक हो गईं. राज्य में चंडीगढ़-मनाली, मनाली-लेह, औट-लुहरी और खाब-ग्राम्फू समेत 387 सड़कें ब्लॉक हो गईं. इन सड़कों में से सबसे ज्यादा 187 सड़कें मंडी और 68 कुल्लू की सड़कें हैं.

747 पॉवर वितरण ट्रांसफार्मर प्रभावित

इसके अलावा राज्य भर में 747 पॉवर वितरण ट्रांसफार्मर (power distribution transformer) और 249 जलापूर्ति योजनाएं (water supply schemes) पर भी असर देखने को मिला. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की और आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास को लेकर जमीन मुहैया कराने के लिए उपायों की मांग की

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को हाल ही में बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ की वजह से राज्य को हुए नुकसान को बताया. उन्होंने कहा कि इमारतों, सड़कों, पुलों, जलापूर्ति योजनाओं और आवासीय संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है और सबसे ज्यादा बड़ा नुकसान लोगों की जान जाने का हुआ. उन्होंने इस आपदा की वजह से बेघर हुए लोगों के पुनर्वास के लिए एक बीघा जमीन आवंटित करने की अनुमति देने की अपील की.

उत्तराखंड में 12 मजदूर घायल

उत्तराखंड के चमोली में भी भूस्खलन की घटना हुई, जिसमे कई मजदूर घायल हो गई. ये घटना शनिवार को जल विद्युत परियोजना स्थल (power distribution transformer)पर शनिवार को चमोली के हेलंग के पास THDC की विष्णुगाड पर हुई. जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि भूस्खलन के समय परियोजना स्थल पर लगभग 300 मज़दूर काम कर रहे थे. पहाड़ से पत्थर लुढ़कने लगे तो मजदूर जान बचाने के लिए भागने लगे, लेकिन 12 मजदूर घायल हो गए, जिनमें से 4 की हातल नाजुक है.

सभी घायल मज़दूरों को पीपलकोटी स्थित विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने बताया कि एक मज़दूर के पैर में चोट आई है, जबकि दूसरे मजदूर को एम्बुलेंस से पौड़ी ज़िले के श्रीनगर स्थित एक अस्पताल ले जाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि दूसरे मजदूर की रीढ़ की हड्डी का MRI होना है. परियोजना स्थल पर काम को रोक दिया गया है.

भूस्खलन की जानकारी मिलने के बाद राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF), पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. टीएचडीसी जोशीमठ के पास हेलंग से अलकनंदा नदी के पानी को रोकने के लिए एक बैराज का निर्माण कर रहा है. इस बैराज से अलकनंदा नदी का पानी एक सुरंग के जरिए पीपलकोटी लाया जाएगा, जहां टर्बाइन के जरिए बिजली पैदा की जाएगी.

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