दुर्ग जेल में बंद दो ननों से मुलाकात पर सियासी संग्राम, कांग्रेस बोली दाल में है कुछ काला, गृहमंत्री ने बताया राजनीतिक नौटंकी

रायपुर : दुर्ग जेल में बंद दो ननों की गिरफ्तारी को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति में घमासान तेज हो गया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. वहीं गृहमंत्री विजय शर्मा ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक नौटंकी” करार दिया.
दीपक बैज ने निष्पक्ष जांच की मांग की : दीपक बैज ने कहा कि केरल से सांसद दुर्ग पहुंचे थे, जहां उन्हें जेल में बंद ननों से मुलाकात करनी थी, लेकिन प्रशासन ने उनके सामने अनावश्यक अड़चनें पैदा कर दी. उन्होंने सवाल किया कि मुलाकात से प्रशासन को क्या दिक्कत हो सकती है? जब तक सांसद और नेता मिलकर बात नहीं करेंगे, तब तक सच्चाई कैसे सामने आएगी? बैज ने इस पूरे प्रकरण को गंभीर बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की.
इस मामले की गूंज केरल से लेकर दिल्ली तक सुनाई दी है.केरल और दिल्ली में कांग्रेस सांसदों ने प्रदर्शन किया है. यहां तक कि भाजपा के केरल महामंत्री भी इस मसले को लेकर गृहमंत्री और मुख्यमंत्री से मिले हैं. इससे साफ है कि कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है- दीपक बैज, प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस
‘ये सब राजनीतिक नौटंकी’ : वहीं गृहमंत्री विजय शर्मा ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि ये सब नौटंकी है. सांसदों को जेल में मुलाकात से नहीं रोका गया. केरल की सांसद बेनी से बात हुई थी. उन्हें 1:30 बजे मिलने का समय दिया गया था, लेकिन वे समय पर नहीं पहुंचे.इसके बावजूद मैंने खुद जेल प्रशासन से बात करके मुलाकात कराई. कानून किसी को मिलने से नहीं रोकता, लेकिन कानून अपना काम जरूर करेगा.
इस मामले में जीआरपी थाने में FIR दर्ज है और सभी संबंधितों के बयान भी लिए गए हैं. FIR में दर्ज तथ्यों के पीछे पर्याप्त आधार हैं. ननों पर आरोप है कि वे अबूझमाड़ क्षेत्र की आदिवासी लड़कियों को बिना स्पष्ट जानकारी के लेकर जा रही थी. ऐसी घटनाएं पहले भी सामने आई है. इसलिए यह जांच का विषय है- विजय शर्मा, गृहमंत्री, छत्तीसगढ़
क्या है मामला ?: बीते दिनों दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो ननों को हिरासत में लिया गया था.इन पर आरोप था कि ये अबूझमाड़ क्षेत्र की दो नाबालिग लड़कियों को बिना उचित दस्तावेजों के साथ लेकर जा रही थीं. इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई थी, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.ये मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है. कांग्रेस इसे धार्मिक भेदभाव और मानवाधिकार उल्लंघन का मामला बता रही है, जबकि सरकार इसे कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई बताकर अपना पक्ष रख रही.