प्रोविजनल डिग्री के लिए 48 सौ यूएस डॉलर की वसूली पर मांगा जवाब, हाई कोर्ट ने डीएमई व एमयू को जारी किए नोटिस

जबलपुर: मध्यप्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर के प्रशासनिक न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन व न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने प्रदेश में एनआरआई कोटे से एमबीबीएस करने वालों से प्रोविजनल डिग्री के लिए 48 सौ यूएस डालर यानि करीब चार लाख 20 हजार रुपये की वसूली को चुनौती पर जवाब मांग लिया है। इस सिलसिले में राज्य शासन, डीएमई, मेडिकल विश्वविद्यालय जबलपुर और प्रवेश व फीस निर्धारण समिति के सचिव को नोटिस जारी किए गए हैं।
याचिकाकर्ता बैतूल निवासी डा. सर्वज्ञ चौहान की ओर से अधिवक्ता सुघोष भमोरे व निशांत मिश्रा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता ने वर्ष 2024 में एमबीबीएस की परीक्षा दी थी। अब उसे प्रोविजनल डिग्री की जरूरत है। दलील दी गई कि एनआरआई कोटे से एमबीबीएस करने वालों को इसके लिए 48 सौ यूएस डॉलर देने कहा जाता है, जबकि भारतीय छात्रों से केवल 200 रुपये लिए जाते हैं। यह भेदभावपूर्ण नियम है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि फिलहाल याचिकाकर्ता को उक्त फीस जमा कराने पर प्रोविजनल डिग्री दे दी जाए। यदि याचिकाकर्ता कोर्ट से जीत जाता है, तो सरकार याचिकाकर्ता को उक्त वसूल की गई फीस वापस करने के लिए बाध्य होगी।