दिल्ली विधानसभा में क्या थमेगा विवाद? ‘फांसी घर’ हटाकर लिखा गया ‘टिफिन कक्ष’

दिल्ली विधानसभा में जिस हिस्से पर पहले ‘फांसी घर’ लिखा था, उसको हटाकर स्पीकर ने ‘टिफिन कक्ष’ लिखवा दिया है. इस बात की जानकारी खुद स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने सदन में चर्चा के दौरान दी. पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 9 अगस्त 2022 को इस कथित फांसी घर का उद्घाटन किया था. इससे पहले दिल्ली विधानसभा परिसर में कोई ‘फांसी घर’ न होने पर जोर देते हुए स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा था कि इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेजा जाएगा.
गुप्ता ने पहले सदन को बताया था कि जिस ढांचे का जीर्णोद्धार और उद्घाटन 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ‘फांसी घर’ के रूप में किया था, वह रिकॉर्ड के अनुसार वास्तव में एक ‘टिफिन घर’ था. स्पीकर ने कहा कि उन्होंने आप को फांसीघर के अस्तित्व के अपने दावों के समर्थन में “ठोस तथ्य और दस्तावेज” पेश करने का समय दिया था, लेकिन वे ऐसा करने में विफल रहे.
फांसी घर को लेकर विवाद
उन्होंने सदन को बताया, “फांसीघर के बाहर केजरीवाल और सिसोदिया के नाम वाली पट्टिका हटा दी जाएगी. 1912 का नक्शा जिसमें इसे टिफिन रूम के रूप में दर्शाया गया है, उसे भी प्रदर्शित किया जाएगा.”
गुप्ता ने कहा कि जब पिछली केजरीवाल सरकार ने घोषणा की थी कि वहां एक फांसीघर है, तो उन्होंने इसे शहादत स्थल के रूप में सम्मानित किया था. उन्होंने कहा, “तीन दिनों की चर्चा के बाद, और किसी भी ठोस सबूत के अभाव में, राष्ट्रीय अभिलेखागार, भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद और आईजीएनसीए द्वारा प्रदान किए गए दस्तावेजों ने पुष्टि की कि उस स्थल पर कभी कोई फांसीघर नहीं बनाया गया था.”
स्पीकर ने आप पर साधा निशाना
गुप्ता ने कहा, “जब हम विपक्ष में थे, तो हमें विश्वास दिलाया गया था कि यहां एक फांसीघर है. हम भावनात्मक रूप से भी उस स्थल से जुड़े हुए थे.” हालांकि, स्पीकर बनने के बाद उन्होंने गहन शोध किया और पाया कि विचाराधीन संरचना वास्तव में एक टिफिन घर थी, जो “बहुत परेशान करने वाली” बात थी. उन्होंने कहा, “इतिहास को विकृत किया गया और उन्होंने (आप) लोगों की भावनाओं के साथ खेला. यह सब धोखा है. लोग उन्हें इसके लिए माफ नहीं करेंगे.”