August 10, 2025 6:35 pm
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सेना प्रमुख ने बताया- ऑपरेशन सिंदूर से दुनिया को कौन सा मैसेज दिया, पाकिस्तान के नैरेटिव पर भी बोले

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आईआईटी मद्रास में एक सभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान की नैरेटिव मैनेजमेंट प्रणाली के बारे में बताते हुए कहा कि असली जीत दिमाग में होती है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इसी रणनीति के तहत अपने नागरिकों को यह यकीन दिलाने में कामयाब रहा कि हालिया संघर्ष में उसकी जीत हुई है. उन्होंने कहा कि यही एक तरीका है कि आप अपने देश की जनता, दुश्मन देश की जनता और तटस्थ लोगों को प्रभावित कर सकते हैं.

सेना प्रमुख ने कहा कि नैरेटिव मैनेजमेंट प्रणाली एक ऐसी चीज है, जिसे हम बड़े पैमाने पर महसूस करते हैं. क्योंकि जीत दिमाग में होती है और यह हमेशा दिमाग में ही रहती है. उन्होंने कहा कि यदि आप किसी पाकिस्तानी से पूछेंगे कि आप हारे या जीते, तो वह कहेगा कि मेरा प्रमुख फील्ड मार्शल बन गया है तो, हम ही जीते होंगे.

सोशल मीडिया के जरिए जनता तक पहुंचाते रहे खबर

सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान की रणनीति का अपने अनुसार मुकाबला किया. उन्होंने कहा कि हम सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों का इस्तेमाल करके जनता तक अपना संदेश पहुंचाते रहे. क्योंकि यह रणनीतिक संदेश जनता तक पहुंचाना बहुत जरूरी था. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद सोशल मीडिया के जरिए हमने हमने जो पहला संदेश दिया, वह था ‘न्याय हुआ’. उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि आज दुनिया में हमें जितने भी हिट मिले हैं, उनमें से सबसे ज्यादा हिट इसी पोस्ट से मिले.

पूरी दुनिया में फैला संदेश

थल सेना प्रमुख कहा कि भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना की दो महिला अधिकारियों द्वारा आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस, जिसके जरिए ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तृत जानकारी मिली, उसकी ओर इशारा करते हुए कहा कि यह रणनीतिक संदेश बहुत ही सधारण तरीके से दिया गया था, लेकिन यह दुनिया भर में फैल गया.

ऑपरेशन सिंदूर के लोगो पर बोले सेना प्रमुख

सेना प्रमुख ने कहा कि दुनिया भर में आप ऑपरेशन सिंदूर के जिस लोगो (Logo) को देख रहे हैं, उसे एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक एनसीओ ने बनाया था. उन्होंने कहा कि हमने यह सब मिलकर तैयार किया था. सेना प्रमुख ने बताया कि जब हम इस तरह के ऑपरेशनों में शामिल होते थे, तो हम इन चीजों पर भी ध्यान देते थे, जो रणनीतिक संदेश के लिए जरूरी हो, क्योंकि नैरेटिव मैनेजमेंट सिस्टम महत्वपूर्ण होता है. इसमें बहुत समय और मेहनत लगती है.

सैन्य अभियान की तुलना की शतरंज खेल से

जनरल द्विवेदी ने इस सैन्य अभियान की तुलना शतरंज के खेल से की, जहां दुश्मन की अगली चाल का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. सेना प्रमुख ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में हमने शतरंज खेला. हमें नहीं पता था कि दुश्मन की अगली चाल क्या होगी और हम क्या करने वाले हैं. इसे ग्रे जोन कहा जाता है. ग्रे जोन का मतलब है कि हम पारंपरिक ऑपरेशन नहीं कर रहे हैं. हम जो कर रहे हैं, वह पारंपरिक ऑपरेशन से थोड़ा कम है. हम शतरंज की चालें चल रहे थे, और दुश्मन भी शतरंज की चालें चल रहा था. कहीं हम उन्हें शह और मात दे रहे थे और कहीं हम अपनी जान गंवाने के जोखिम पर भी हार मान रहे थे. उन्होंने कहा कि लेकिन यही तो जिंदगी है.

राजनीतिक इच्छाशक्ति को दिया श्रेय

सेना प्रमुख ने एयर चीफ मार्शल एपी सिंह की उस बात को दोहराया जिसमें उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिणाम बताया. उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्री ने सेनाओं को अपना अगला कदम तय करने की पूरी आजादी दी. सेना प्रमुख ने उस दिन को याद करते हुए कहा कि हमले के एक दिन बाद 23 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय सशस्त्र बलों के प्रमुखों के साथ बैठक की और उन्होंने कहा कि बस, बहुत हो गया.

उन्होंने कहा कि तीनों सेना प्रमुख इस बात पर बिल्कुल स्पष्ट थे कि कुछ तो करना ही होगा. इसको लेकर रक्षा मंत्री ने पूरी छूट देते हुए कहा था कि आप तय करें कि क्या करना है. उन्होंने कहा कि इस तरह का आत्मविश्वास, राजनीतिक दिशा और राजनीतिक स्पष्टता हमने पहली बार देखी.

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