August 11, 2025 4:32 pm
ब्रेकिंग
ईशाकनगर में अयोध्या की तर्ज पर बना भव्य मंदिर, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पहुंचे आयुष मंत्री डॉ. ... ईशाकनगर में अयोध्या की तर्ज पर बना भव्य मंदिर, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पहुंचे आयुष मंत्री डॉ. ... मेधा पाटकर को SC से नहीं मिली राहत, दोषसिद्धि को रखा बरकरार, जुर्माने को किया रद्द आजादी के जश्न में खलल डालेगी बारिश! 15 अगस्त पर दिल्ली में कैसा रहेगा मौसम? दिल्ली में सांसदों में लिए नए फ्लैट्स बनकर तैयार, जानिए क्या है इनकी खासियत? सरकार बनने पर अफसरशाही को पैरों तले कुचला जाएगा… RJD विधायक के बिगड़े बोल संसद से सड़क तक बवाल… बिगड़ी TMC सांसद की तबीयत… हिरासत में राहुल गांधी ने की ऐसे मदद सांसदों को मिले नए फ्लैट्स, नाम- कृष्णा-गोदावरी-कोसी और हुगली, मोदी क्यों बोले- कुछ लोगों को बिहार च... संसद से चुनाव आयोग तक वोटर लिस्ट पर बवाल, राहुल समेत हिरासत में लिए सभी सांसदों कों छोड़ा आवारा कुत्तों से मुक्त हो दिल्ली-NCR… सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- 8 हफ्तों में सभी को डॉग शेल्टर मे...
धार्मिक

माता-पिता के मरने के बाद बेटे को क्यों करवाना चाहिए मुंडन? गरुड़ पुराण में है इसका सही जवाब

हिंदू धर्म में जन्म से लेकर मृत्यु तक हर व्यक्ति के साथ कुछ न कुछ धार्मिक संस्कार जुड़े होते हैं. जब किसी परिवार में कोई बच्चा जन्म लेता है, तो इस नए जीवन के आगमन का जश्न मनाने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. बच्चे का छठा जन्मदिन, नामकरण संस्कार, हवन-पूजा जैसे कई अनुष्ठान पूरे किए जाते हैं. इसी प्रकार, प्रत्येक शुभ कार्य, जैसे कि नया व्यवसाय शुरू करना, नया घर खरीदना, या वाहन खरीदना, के साथ कोई न कोई अनुष्ठान जुड़ा होता है.

अगर हम मृत्यु के बाद के जीवन की बात करें तो मृत्यु के बाद एक व्यक्ति इस दुनिया को छोड़ देता है लेकिन उसके परिवार के सदस्य उसकी मुक्ति के लिए कई आवश्यक अनुष्ठान करते हैं ताकि इस दुनिया को छोड़ चुके उसके परिवार के सदस्य की आत्मा को संतुष्टि मिल सके. इनमें से एक अनुष्ठान है मुंडन संस्कार. हिंदू धर्म में, माता-पिता या करीबी रिश्तेदार की मृत्यु के बाद बेटे या किसी अन्य पुरुष का सिर मुंडवा दिया जाता है. आइये जानते हैं हिंदू धर्म में इसका धार्मिक महत्व क्या है.

गरुड़ पुराण के अनुसार घर में बच्चे के जन्म के बाद सूतक का समय लग जाता है. इसी प्रकार जिस घर में किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है, वहां भी सूतक का समय होता है. सूतक शुरू होने के बाद मृतक के परिवार के सदस्यों को 13 दिनों तक सूतक के नियमों का पालन करना होता है. इस अवधि के दौरान कई गतिविधियां निषिद्ध मानी जाती हैं. जैसे शुभ कार्य, नई चीजें खरीदना, नए कपड़े पहनना, रसोई में खाना बनाना आदि वर्जित माने जाते हैं.

सिर मुंडवाने की प्रथा

सूतक के नियमों में शेविंग भी शामिल है. बालों को भौतिक संसार से लगाव से जुड़ा माना जाता है. सिर मुंडवाने की प्रथा माता-पिता या प्रियजनों की मृत्यु के बाद उनके प्रति शोक और पीड़ा व्यक्त करने के लिए की जाती है. ताकि व्यक्ति का ध्यान कुछ दिनों के लिए सांसारिक इच्छाओं से हट सके. सिर मुंडवाना मृतक के प्रति सम्मान और शोक व्यक्त करता है. गरुड़ पुराण के अनुसार सिर मुंडा देने से पाप नष्ट हो जाते हैं.

नकारात्मक ऊर्जा होती है आकर्षित

ऐसा माना जाता है कि बाल भी नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं. इसका मतलब यह है कि मृत व्यक्ति अंतिम संस्कार और 13वें दिन तक अपने परिवार से संपर्क करने का प्रयास करता है. इसी कारण से, किसी की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा के जीवन से सभी संबंध तोड़ने के लिए मुंडन किया जाता है.

स्वच्छता का रखा जाता है ध्यान

किसी की मृत्यु के बाद सिर मुंडवाने का एक वैज्ञानिक पहलू भी है, यानी किसी की मृत्यु के बाद स्वच्छता का भी बहुत ध्यान रखा जाता है. मृतक के आसपास या श्मशान में कई प्रकार के बैक्टीरिया होते हैं. इसलिए इससे बचने के लिए कई नियमों का पालन किया जाता है. स्वच्छता और पवित्रता बनाए रखने के इन नियमों में शेविंग (सिर मुंडवाना) भी शामिल है.

Related Articles

Back to top button