बिना दूसरी शादी के नहीं चलता काम, इन सीरियल्स की कहानी का फंडा है फिक्स, कितना है कारगर?

भारतीय टेलीविजन की दुनिया में कुछ फॉर्मूले ऐसे हैं, जो दशकों से हिट रहे हैं. लेकिन कई बार दर्शकों की तरफ से इन सीरियल के मेकर्स पर ये आरोप लगते हैं कि उनके शोज में मुख्य किरदारों की कई शादियां दिखाकर कहानी को खींचा जाता है. सेंसर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने भी हाल ही में एकता कपूर के सीरियल में नजर आने वाले किरदारों की कई शादियों पर सवाल उठाए हैं. तो क्या सच में बिना लीड किरदार की दूसरी शादी के इन सीरियल्स का काम नहीं चलता? क्या ये एक ऐसा ‘फिक्स्ड फंडा’ बन गया है, जिस पर मेकर्स बार-बार भरोसा करते हैं? आइए एक नजर डालते हैं टीवी के उन सीरियल पर जिसमें शो के लीड किरदारों ने एक से ज्यादा शादियां की हैं.
अनुपमा
स्टार प्लस के नंबर वन सीरियल अनुपमा में अब तक रुपाली गांगुली का किरदार एक आदर्श बहू और पत्नी से एक स्वतंत्र महिला बनने तक का सफर तय कर चुका है. पहले अनुपमा की शादी वनराज से हुई थी, जो बाद में टूट गई और वनराज के बाद अनुपमा ने अपने जीवन में प्यार और सम्मान पाने के लिए अनुज कपाड़िया से शादी की. रुपाली गांगुली के शो के लिए ये ट्रैक टर्निंग पॉइंट साबित हुआ था.
कसौटी जिंदगी की
एकता कपूर के सीरियल ‘कसौटी जिंदगी की’ की प्रेरणा और अनुराग की प्रेम कहानी इंडियन टेलीविजन की आइकॉनिक कहानियों में से एक रही है. लेकिन इस सीरियल की कहानी भी कई शादियों और तलाक से गुजर चुकी है. खुद अनुराग की शादी पहले कोमोलिका और प्रेरणा से हुई, वहीं प्रेरणा ने भी अनुराग से अलग होने के बाद मिस्टर बजाज से शादी की थी, जिससे इन दोनों की जिंदगी में कई नए मोड़ आए.
क्योंकि सास भी कभी बहू थी
स्मृति ईरानी का ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ इंडियन टेलीविजन के इतिहास के सबसे सफल शोज में से एक है. इस सीरियल में नंदिनी का किरदार पहले अंश गुजराल से शादी करते हुए और फिर अंश की मौत के बाद में अपने पुराने प्यार करण से शादी करते हुए दिखाया गया है.
परिणीति
कलर्स टीवी के सीरियल ‘परिणीति’ में एक ही लड़के राजीव बाजवा की शादी दो सहेलियों – परी और नीति – से होती है, कहानी में कई ट्विस्ट आते हैं क्योंकि राजीव, परिणीति और नीति के बीच फंसा रहता है, जिससे रिश्तों की ये उलझन कई बार शादियों और अलगाव की ओर ले जाती है.
ये है मोहब्बतें
एकता कपूर के इस शो में रमन भल्ला की दो शादियां दिखाई गई हैं, उसकी पहली शादी शगुन से होती है, जिसके बाद उनका तलाक हो जाता है. फिर रमन (करण पटेल) को इशिता (दिव्यांका त्रिपाठी) से शादी करनी पड़ती है.
क्यों मेकर्स को भाता है ‘दूसरी शादी’ का ड्रामा?
- टीआरपी का खेल
अक्सर जब कहानी धीमी पड़ने लगती है या दर्शक बोर होने लगते हैं, तब एक नई शादी का ट्रैक कहानी में तूफान ले आता है. नए किरदार आते हैं, पुरानी केमिस्ट्री में बदलाव आता है, जिससे टीआरपी में उछाल देखने को मिलता है.
- नए किरदारों का परिचय
दूसरी शादी का मतलब है कहानी में नए परिवारों, नए रिश्तों और नए दुश्मनों की एंट्री, जो कहानी को आगे बढ़ाने में मदद करती है.
- मनोरंजन का डोस
सीरियल में होने वाली दूसरी या तीसरी शादी कहानी को प्यार, धोखा, त्याग, बदले की भावना का खूब तड़का लगाती है और दर्शक भी गुस्सा जाहिर करने के लिए ही सही, लेकिन इमोशनली कहानी के साथ जुड़ जाते हैं. एक बार जब लीड किरदार दूसरी शादी करता है, तो उसके जीवन में समस्याओं का अंबार लग जाता है और ये समस्याएं ही आगे की कहानी की नींव बनाती हैं, जिससे मेकर्स को कंटेंट की कमी नहीं होती. हालांकि, कई बार इस तरह के ट्विस्ट सीरियल को इस तरह से खींचते हैं कि, जिससे दर्शक ऊब भी सकते हैं. लेकिन इसके बावजूद भी दूसरी या तीसरी शादी का फॉर्मूला आज भी भारतीय टेलीविजन की कहानियों का एक अभिन्न अंग बना हुआ है.