August 5, 2025 8:59 pm
ब्रेकिंग
उत्तराखंड में तबाही के बाद कई जिलों में रेड अलर्ट! इन इलाकों में बाढ़ की चेतावनी पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक का निधन, 3 महीने से RML अस्पताल में थे भर्ती यहां मंदिर था, यहां दुकानें थीं… उंगली दिखाकर बताया मलबे में दबा गांव, महाप्रलय की ‘आंखों देखी’ जशपुर पुलिस ने फिर पकड़ा अवैध अंग्रेजी शराब का बड़ा जखीरा,एक ट्रक से ,51लाख रु कीमत का,734 कार्टून म... हरि जायसवाल तीसरी बार बने छत्तीसगढ़ मीडिया एसोसिएशन के जशपुर जिला अध्यक्ष किसी पर लगा दाग तो कोई गया सलाखों के पीछे, वो राजनेता जो ‘बदनाम’ होने के बाद निकले पाक साफ गोंडा में चलती एंबुलेंस से सड़क पर फेंका शव, Video वायरल… पुलिस ने बताई पूरी सच्चाई मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल से संभव हुआ अंतिम दर्शन, मुंबई से गृह ग्राम हाथीबेड पहुंच... राज्य और पेंशनरों के हित में धारा 49 को विलोपित होना जरूरी - नीलकंठ टेकाम दिल्ली: 350 किस्म के आमों की प्रदर्शनी में दिखी भारत की झांकी…एलजी वीके सक्सेना ने किया उद्घाटन
पंजाब

Free इलाज से पहले पंजाबियों को लेकर हैरान करने वाला खुलासा, होश उड़ा देगी ये Report

चंडीगढ़: पंजाब सरकार 2 अक्टूबर से राज्य के हर परिवार को 10 लाख रुपए का कैशलेस इलाज देने जा रही है, लेकिन इससे पहले पंजाब के लोगों को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट ने चौंका दिया है।

 इस रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के लोग इलाज के लिए राष्ट्रीय दर से ज्यादा खर्च कर रहे हैं. पंजाब में लोगों को इलाज के लिए अपनी जेब काफी ढीली करनी पड़ रही है क्योंकि स्वास्थ्य सेवाओं पर ज्यादा खर्च किया जा रहा है। गांवों में हर परिवार हर साल अस्पतालों में इलाज के लिए औसतन 7,374 रुपये खर्च कर रहा है, जो राष्ट्रीय दर से ज्यादा है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण परिवार सिर्फ 4,129 रुपये खर्च कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं पर ज्यादा खर्च करने के मामले में केरल और हरियाणा के बाद पंजाब तीसरे स्थान पर है।

पंजाब के शहरी परिवारों को अस्पतालों में इलाज के लिए हर साल औसतन 6,963 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। इलाज पर ज़्यादा खर्च की वजह यह है कि निजी अस्पतालों में इलाज महंगा होता है और कई बार यह बीमा पॉलिसी में भी कवर नहीं होता। शहरों की तरह गांवों में भी ज़्यादातर लोगों के पास स्वास्थ्य बीमा नहीं होता, जिससे लोगों को अपनी जेब से ज़्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं। इसके अलावा, गांवों में अभी भी स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है और लोगों को इलाज के लिए शहरों में आना पड़ता है, जिससे खर्च बढ़ जाता है।

Related Articles

Back to top button