August 4, 2025 4:47 pm
ब्रेकिंग
दिल्ली: 350 किस्म के आमों की प्रदर्शनी में दिखी भारत की झांकी…एलजी वीके सक्सेना ने किया उद्घाटन भूतेश्वर नाथ दर्शन करने जा रहे श्रद्धालुओं का बोलेरो वाहन पलटा, दो की मौत, तीन गंभीर घायल बाल संप्रेषण गृह में किशोर आरोपित का फिल्मी गाना देखते वीडियो वायरल, सुरक्षा पर सवाल उत्तरी छत्तीसगढ़ में होगी जोरदार बारिश, बिजली गिरने के भी आसार... IMD की चेतावनी दो दिन से पानी की किल्लत से जूझ रहे 10 हजार से अधिक लोग, टंकी की सप्लाई ठप होने से हाल बेहाल राज्योत्सव पर मिलेगा नया विधानसभा भवन, 52 एकड़ में हो रहा निर्माण, जानें क्यों है खास छत्तीसगढ़ में मनमाना किराया वसूली पर लगेगा शिकंजा, नियम न मानने पर टूरिस्ट बसों का परमिट होगा कैंसल पुलिस की बड़ी कामयाबी, 151 लापता बच्चों की तलाश कर पहुंचाया घर बिलासपुर में 21,992 राशन कार्ड संदिग्ध, खाद्य विभाग ने शुरू की जांच CG High Court के सामने घूम रहे थे मवेशी... कान पर लगे टैग से मालिक की पहचान कर लिया बड़ा एक्शन
मध्यप्रदेश

देखते ही देखते पानी की तेज धारा में बह गए पशु

मध्य प्रदेश के मैहर जिले से एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है, जिसने जनसुरक्षा और पशु कल्याण पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यहां रामनगर नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड क्रमांक चार के करौंदिया मोहल्ले में तेज बारिश के बाद उफनते नाले में सैकड़ों गाय और बैल बहते नजर आए. यह दृश्य न सिर्फ विचलित करने वाला था, बल्कि ये स्थानीय प्रशासन की अनदेखी को भी उजागर करता है.

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे मवेशी पानी की तेज धार में फंसे हुए हैं और बहते चले जा रहे हैं. स्थिति इतनी भयावह थी कि कई मवेशियों की जान जाने का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन मौके पर मौजूद स्थानीय ग्रामीणों ने जान की बाजी लगाकर कई मवेशियों को बचा लिया. करौंदिया गांव, जो कि नगर परिषद की सीमा में आता है, वहां तक कोई सुरक्षित या पक्का रास्ता मौजूद नहीं है.

इस वजह से हुआ ये हादसा

स्थानीय लोगों के अनुसार, गांववालों ने मवेशियों को बलपूर्वक पानी में उतार दिया, जिससे यह हादसा हुआ. अगर समय पर अन्य ग्रामीणों ने सूझबूझ न दिखाई होती, तो बड़ी संख्या में मवेशियों की मौत हो सकती थी. मौके पर मौजूद कुछ युवकों ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया.

प्रशासन पर बढ़ा दबाव

वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन पर कार्रवाई और जवाबदेही का दबाव बढ़ गया है. गांव में सुरक्षित रास्ते के अभाव में पशुओं की जान पर बन गई. जहां एक तरफ प्रशासन आपदा प्रबंधन और ग्रामीण विकास की योजनाओं का दावा करता है, वहीं करौंदिया जैसे गांव जमीनी सच्चाई को उजागर करते हैं.

इस घटना ने प्रशासनिक सुस्ती, बुनियादी सुविधाओं की कमी और पशु कल्याण के प्रति लापरवाही को उजागर कर दिया है. फिलहाल इस पूरे मामले पर मैहर प्रशासन ने पांच लोगों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है. इन सभी पर कार्रवाई की जाएगी.

Related Articles

Back to top button