नि:शुल्क शव वाहन सेवा ठप, गरीब मजबूर होकर ले रहे प्राइवेट एंबुलेंस

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के सिम्स अस्पताल में बुधवार शाम करीब 5:00 बजे एक गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया, जिसमें गरीब और जरूरतमंद लोगों को अस्पताल की ओर से उपलब्ध कराई जाने वाली नि:शुल्क शव वाहन सेवा नहीं मिल पाई। यह सुविधा विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए शुरू की गई थी ताकि वे अपने परिजनों के शव को बिना खर्च अपने घर तक पहुंचा सकें। पीड़ितों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से वाहन के नंबर सार्वजनिक तो किए गए हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर उन्हें यह कहकर टाल दिया जाता है कि वाहन खराब है। इससे मजबूर परिवारों को प्राइवेट एंबुलेंस सेवाओं का सहारा लेना पड़ता है, जिनमें मोटी रकम वसूली जाती है। यह स्थिति खासकर उन लोगों के लिए बेहद दुखद है, जिनके पास अंतिम संस्कार तक के लिए भी सीमित संसाधन होते हैं।
स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों ने बताया कि यह कोई पहली बार नहीं है, बल्कि लंबे समय से ऐसा हो रहा है। अस्पताल में खड़ी सरकारी शव वाहन अक्सर ‘खराब’ होने का बहाना बनाया जाता है। इस तरह से ये वाहन उपयोग में नहीं लाई जाती जबकि वास्तविकता में प्राइवेट वाहन मालिकों को फायदा पहुंचाने का खेल चलता है। मामले की जानकारी मिलने के बाद जनप्रतिनिधि लक्ष्मी नारायण साहू ने इस पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि गरीबों के साथ इस तरह का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाकर दोषियों पर कार्रवाई कराई जाएगी। यह घटना अस्पताल प्रबंधन और सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करती है और यह ज़रूरी बनाती है कि गरीबों के अधिकारों की रक्षा के लिए तत्काल ठोस कदम उठाए जाएं।