देश के पहले खरबपति हैं मुकेश अंबानी, कभी इतनी बढ़ गई थी दौलत

दुनिया के दिग्गज कारोबारी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं. आज उनका नाम अरबपतियों की लिस्ट में शुमार है. उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज भी आज दुनिया की टॉप वैल्युएबल कंपनियों में शुमार है. जहां अजा दुनिया में अरबपतियों की चर्चा होती है वहीं मुकेश अंबानी आज से कई साल पहले खरबपति बन चुके हैं. आइए जानते हैं कब मुकेश अंबानी खरबपति बने थे.
मुकेश अंबानी के पास आज अरबों की संपत्ति है. परिवार में सबसे बड़े बेटे होने के नाते मुकेश अपने पिता की विरासत को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं. अंबानी परिवार के फंक्शन, शाही शादियों, लक्जरी कारों से लेकर, 4.6 बिलियन डॉलर के 27 मंजिला घर एंटीलिया से लेकर सबकुछ काफी आलीशान है.साल 2007 में मुकेश अंबानी दुनिया के टॉप 10 अमीरों में शामिल थे और भारत के पहले खरबपति भी थे.
कब बने थे पहले खरबपति?
अक्टूबर 2007 में मुकेश अंबानी ने बिल गेट्स, कार्लोस स्लिम और वॉरेन बफेट जैसे दिग्गजों को पछाड़ते हुए दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति का स्थान हासिल किया था. उस समय उनकी संपत्ति लगभग 63.2 बिलियन डॉलर थी, जो गेट्स और स्लिम की 62.29 बिलियन डॉलर की संपत्ति से अधिक थी. अंबानी की संपत्ति 13 वर्षों में 25 बिलियन डॉलर से भी अधिक बढ़ चुकी थी.
उसी दौर में अनिल अंबानी के साथ मिलकर मुकेश अंबानी का परिवार शेयर बाजार में 100 अरब डॉलर की संयुक्त संपत्ति के साथ भारत का पहला सबसे अमीर परिवार बन गया था. स्टॉक्स में तेजी से अनिल की संपत्ति 38.5 अरब डॉलर तक पहुंच गई थी, जो उस समय अमेरिका के वाल्टन परिवार (वॉलमार्ट मालिक) से भी ज्यादा थी.
मुकेश अंबानी की रैंकिंग?
भले ही दुनिया ने दो वैश्विक आर्थिक मंदी देखी हो, लेकिन मुकेश अंबानी आज भी मजबूती से टॉप 17 अमीरों की लिस्ट में बने हुए हैं. मुकेश अंबानी का अरबपति बनने का सफर 1981 में शुरू हुआ, जब उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज में अपने पिता धीरूभाई अंबानी की मदद करनी शुरू की. कंपनी पहले से ही दूरसंचार, पेट्रोकेमिकल, खुदरा और रिफाइनिंग जैसे क्षेत्रों में थी, जिनमें अंबानी के नेतृत्व में तेज़ विकास हुआ. उनकी रणनीतियों की बदौलत रिलायंस ने 2007 तक 100 बिलियन डॉलर के मार्केट कैप को पार कर लिया और भारत की पहली ऐसी कंपनी बन गई.
समय के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने व्यापार का विस्तार कई नए क्षेत्रों में किया, जैसे—एसईजेड डेवलपमेंट, टेक्सटाइल, एंटरटेनमेंट, सोलर एनर्जी, लॉजिस्टिक्स और रिटेल. लेकिन सबसे क्रांतिकारी कदम था टेलीकॉम सेक्टर में प्रवेश और Jio का लॉन्च. इसने न केवल पूरे बाजार को हिला दिया बल्कि प्रतिस्पर्धी कंपनियों को भारी नुकसान झेलने पर मजबूर कर दिया. परिणामस्वरूप, कई टेलीकॉम कंपनियां या तो बंद हो गईं या विलय के लिए मजबूर हो गईं.