June 9, 2025 10:23 am
ब्रेकिंग
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने चिंतन शिविर 2.0 के दूसरे दिन योग से की दिन की शुरुआत कौन हैं मैतेई नेता कानन सिंह, जिसकी गिरफ्तारी के बाद जल उठा मणिपुर जयमाला की प्रथा नहीं… सुनते ही भड़के बाराती, लड़की वालों का पीट-पीटकर किया ये हाल तमिलनाडु के लोग DMK सरकार के भ्रष्टाचार से हैं तंग… अमित शाह का स्टालिन सरकार पर हमला केंद्र का शासन होने के बावजूद मणिपुर में क्यों बहाल नहीं हो रही शांति? प्रियंका गांधी का बड़ा हमला मंगलुरु में बजरंग दल के पूर्व सदस्य सुहास शेट्टी की हत्या की NIA करेगी जांच, MHA ने जारी किया आदेश कानपुर के इस गांव में 34 परिवारों ने क्यों लगाए मकान बिक्री के पोस्टर? मंत्री तक पहुंची बात, फिर जो ... बरेली: IVRI के डॉक्टरों ने कर दिया कमाल, देसी तकनीक से कुत्ते का किया हिप रिप्लेसमेंट; पुलिस का डॉग ... हिंदू से लेकर मुस्लिम तक… 20 शादियां कीं, जो मिला उसी से विवाह, कहानी लुटेरी दुल्हन की जो साथ लेकर च... ‘गांव वालों कूद जाऊंगा…’ 100 फीट ऊंचे टावर पर चढ़ा युवक, 3 घंटे तक काटा बवाल, पुलिस भी पहुंची
विदेश

चलती रहेगी हाफिज सईद के आतंक की पाठशाला, तबाही के बाद फिर से किया जा रहा खड़ा

भारत के मिसाइल हमले में तबाह हुआ पाकिस्तान के मुरीदके का वही परिसर, जो एक समय लश्कर-ए-तैयबा का गढ़ माना जाता था. अब इसे फिर से खड़ा किया जा रहा है और पाकिस्तान ने इसे ‘शैक्षिक और सेवा केंद्र’ बताकर सारे आरोप नकार दिए हैं. भारत ने 7 मई को पाकिस्तान के छह ठिकानों पर मिसाइल और एयरस्ट्राइक की. जिनमें एक था पंजाब प्रांत का मुरीदके स्थित वही 27 हेक्टेयर में फैला धार्मिक और शैक्षिक परिसर, जिसे भारत लंबे समय से लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा बताता रहा है.

यह वही आतंकी संगठन है, जिसे 2008 के मुंबई हमलों का जिम्मेदार माना गया और जिसका सरगना है हाफिज सईद. भारत का आरोप है कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, उसी नेटवर्क से जुड़े आतंकी संगठन ने अंजाम दिया. जवाबी कार्रवाई में भारतीय वायुसेना ने इस कथित आतंकी ठिकाने को भी निशाना बनाया.

“हम तो बस पढ़ाते हैं, आतंक नहीं फैलाते”

मुरीदके परिसर के मौजूदा प्रशासक मोहम्मद अजम ने भारत के सभी आरोपों को खारिज करते हुए जापानी न्यूज़ एजेंसी क्योदो से बातचीत में कहा कि यहां सिर्फ मस्जिद, स्कूल, हॉस्टल, क्लीनिक और व्यावसायिक ट्रेनिंग चलती है. ये किसी भी रूप में आतंकी अड्डा नहीं है. उन्होंने बताया कि इस पूरे परिसर की निगरानी अब पाकिस्तान सरकार कर रही है. हर संस्था के लिए अलग सरकारी अधिकारी तैनात हैं जो बच्चों की पढ़ाई से लेकर खाने और रहने तक का ध्यान रखते हैं.

तीन की मौत, फिर भी चलता रहेगा काम

अजम ने बताया कि भारत के हमले में तीन कर्मचारी मारे गए. वे लोग सरकार के निकासी आदेश के बावजूद परिसर में ही रुके थे. मस्जिद की छत गिर गई, कई रिहायशी इमारतें चकनाचूर हो गईं. लेकिन प्रशासन का दावा है कि फिर से इस केंद्र को शुरू किया जाएगा. यह वही परिसर है जिसे पहले ‘मरकज़-ए-तैयबा’ कहा जाता था. 1987 में हाफिज सईद ने इसकी नींव रखी थी. हालांकि 2019 में सईद की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान सरकार ने इस जगह को अपने कब्जे में लेकर इसका नाम बदलकर ‘गवर्नमेंट हेल्थ एंड एजुकेशन कॉम्प्लेक्स शेखूपुरा’ कर दिया. फिलहाल यहां 1,400 छात्रों के लिए दो स्कूल और 650 छात्रों वाला मदरसा चलाया जा रहा है.

Related Articles

Back to top button