उल्टा पानी: पानी और कार का गुरुत्वाकर्षण को चुनौती देने वाला ऑप्टिकल भ्रम

सरगुजा: मैनपाट में कुदरत का अजीब करिश्मा देखने को मिलता है. ये इतना नायाब है कि दूर दूर से सैलानी इस घटना को देखने आते है. इसकी चर्चा सुन केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी खुद को यहां जाने से रोक नहीं पाए. बीते दिनों भाजपा के प्रशिक्षण शिविर में पधारे शिवराज सिंह मैनपाट में उल्टापानी पहुंचे. यहां नीचे से ऊपर की ओर पानी की बहती धारा में शिवराज सिंह ने कागज की नाव भी चलाई. छत्तीसगढ़ के सभी मंत्री और विधायकों ने भी उल्टापानी को देखा और इस घटना को अपने मोबाइल में कैद भी किया.
उल्टा पानी में क्या है: जैसा इसका नाम है वैसा ही कुछ यहां देखने मिलता है. यहां पानी उल्टा बहता है, गाड़ियां उल्टी चलती है. प्रकृति के नियमों के खिलाफ यहां घटना घटित होती है. ढलान की निचली जमीन से पानी ऊपर की ओर बहता है जबकि सामान्य रूप से अगर पानी को ऊंची दिशा से बहाएंगे तो वह ढलान की दिशा में ही बहेगा. लेकिन मैनपाट में उल्टा होता है. यहां पानी नीचे से ऊपर की ओर बहता है. इसके अलावा गाड़ी को न्यूट्रल में डाल कर छोड़ने पर वह ढलान में ना लुढ़ककर, चढ़ान की ओर चल पड़ती है. जिसे देखने दूर दूर से लोग आते हैं.
उल्टा पानी देखकर हैरान हुए पर्यटक: उल्टा पानी देखने पहुंचे एक पर्यटक ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में इससे पहले कभी भी ऐसा नजारा नहीं देखा. ये भी कहा कि बिना पंप के बिना पाइप के, 3 से 4 एचपी प्रेशर के साथ पानी ऊपर बह रहा है. वहीं एक पर्यटक ने कहा हर जगह पानी ऊपर से नीचे की ओर आता है यहां नीचे से ऊपर जा रहा है. वहीं एक पर्यटक ने बताया कि पहले कभी ऐसा नजारा नहीं देखा, इतनी तेजी से पानी ऊपर की ओर जा रहा है. एक अन्य पर्यटक बताते हैं कि पानी की प्रकृति ऊपर से नीचे की ओर होती है, लेकिन यहां पानी ढलान से ऊंचाई की ओर जा रहा है.
उल्टा पानी पर क्या कहते हैं भूगोलविद्: उल्टापानी उल्टापानी पर्यटकों के लिए भले ही हैरान करने वाला घटना हो लेकिन विज्ञान के दावे इससे बिलकुल अलग है. सरगुजा के भूगोल विद प्रोफेसर अनिल सिन्हा बताते हैं “ये कोई करिश्मा नहीं है और ना ही ऐसा है कि पानी चढ़ान में बहता हो.ये एक प्रकार का ऑप्टिकल इल्यूजन (दृष्टि भ्रम) है. सामान्य सतह से लोगों को देखने पर ये जरूर दिखता है कि पानी चढ़ान की दिशा में बह रहा है लेकिन ऐसा नहीं है. इस पर हमारे यहां के एक शोधार्थी ने शोध भी किया है और उनकी रिपोर्ट में भी यही बात सामने आई है. वास्तव में जो जमीन ऊंची दिखती है वो कम है जबकि पानी के निकलने का सोर्स उससे कहीं ऊंचाई पर है.”
उल्टापानी कैसे पहुंचे: सरगुजा संभाग के अंबिकापुर जिले में मैनपाट स्थित है. अंबिकापुर से मैनपाट की दूरी करीब 45 किलोमीटर है. मैनपाट मुख्यालय कम्लेश्वरपुर पहुंचने से करीब 4 किलोमीटर पहले राइट टर्न लेना होगा. उसके बाद करीब 3 किलोमीटर कच्ची सड़क पर चलने के बाद बिसरपानी गांव पहुंचेंगे. इसी गांव में ये अद्भुत घटना देखने को मिलेगी. यहां हर जगह पर प्रशासन ने साइन बोर्ड लगवाए हैं जिससे आसानी से उल्टापानी तक पहुंच सकते हैं.