राष्ट्रवाद के साथ सामाजिक न्याय की कैमिस्ट्री… PM मोदी ने तय किया NDA का आगे का रोडमैप

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला साल अगले महीने पूरा होने जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एनडीए के 20 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और 18 उपमुख्यमंत्रियों की रविवार को बैठक हुई. इस दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और जातिगत जनगणना के मुद्दे पर प्रस्ताव पास कर एनडीए की सियासी दिशा और दशा का नया खाका खींच दिया. इस तरह पीएम मोदी ने राष्ट्रवाद और सामाजिक न्याय की केमिस्ट्री के साथ एनडीए की आगे का रोडमैप तय कर दिया है.
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई एनडीए शासित राज्यों के सीएम-डिप्टी सीएम की बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हुए. बैठक का मुख्य एजेंडा सुशासन को बढ़ावा देना और विभिन्न राज्यों में लागू की गई योजनाओं का आदान-प्रदान करना था. पीएम मोदी ने बैठक में डबल इंजन को सियासी रफ्तार देने के साथ राजनीतिक एजेंडे के अमलीजामा पहनाने का संदेश दिया.
एनडीए का सियासी रोडमैप क्या तय
एनडीए के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक में दो प्रस्ताव पास किए गए. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि पहला प्रस्ताव ऑपरेशन सिंदूर को लेकर था, जो प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में चलाया गया. हमारी सेना के पराक्रम की खूब सराहना की गई. राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर प्रस्ताव पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया.
जेपी नड्डा ने आगे कहा कि जातिगत जनगणना को लेकर भी एक प्रस्ताव पारित किया गया. जाति जनगणना वाले प्रस्ताव को हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया. दोनों ही प्रस्ताप पर एनडीए के सभी नेताओं ने अपनी सहमति दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले की सराहना करते हुए उन्हें बधाई भी दी. इसके साथ ही साफ हो गया है कि एनडीए के सभी घटक दल जातिगत जनगणना और ऑपरेशन सिंदूर पर सियासी बैटिंग करते हुए नजर आएंगे.
जाति जनगणना के सहारे सामाजिक न्याय
एनडीए की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि जाति जनगणना उनकी सरकार के उस मॉडल की दिशा में एक कदम है, जिसके तहत वे हाशिए पर पड़े लोगों और हर क्षेत्र में पिछड़े लोगों को विकास की मुख्यधारा में लाएंगे. पीएम मोदी के सुर में सुर मिलाते हुए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कहा कि हमने यह साफ कर दिया है कि हम जाति की राजनीति नहीं करते, बल्कि हमारा मकसद है कि जो लोग वंचित, पीड़ित और शोषित हैं, जिन्हें अब तक नजरअंदाज किया गया है, उन्हें मुख्यधारा में लाया जाए. यही समाज की जरूरत है.
मोदी सरकार ने 30 अप्रैल को देश में जातिगत जनगणना कराने की घोषणा की थी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि इसे मूल जनगणना के साथ ही कराया जाएगा. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल जाति जनगणना कराने की मांग करते आ रहे हैं. आजादी के बाद देश में पहली बार होने जा रही जातिगत जनगणना के मुद्दे पर एनडीए के भीतर आम सहमति बनाकर स्पष्ट कर दिया कि एनडीए सामाजिक न्याय के समावेशी मॉडल को लेकर विपक्ष को सीधे तौर पर चुनौती देने को तैयार है.
जातिगत जनगणना के सहारे एनडीए सामाजिक न्याय के मुद्दे पर आगे बढ़ने की स्ट्रैटेजी बनाई है. बीजेपी ही नहीं उसके सभी सहयोगी दल अब इस मुद्दे पर दलित और पिछड़ों के बीच सियासी संदेश पहुंचाने का काम करेंगे. ओबीसी समाज लगातार जातिगत जनगणना कराने की मांग करता रहा है, जिसे मोदी सरकार ने पूरा करके बड़ा सियासी दांव चला है. 2024 में खिसके जनाधार को वापस जोड़ने की कवायद मानी जा रही है. बीजेपी और उसके सहयोगी दल जातिगत जनगणना के मुद्दे पर फ्रंटफुट पर खेलते हुए नजर आएंगे.
ऑपरेशन सिंदूर से राष्ट्रशक्ति को धार
ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई के बाद बीजेपी अपने राष्ट्रवाद के मुद्दे को धार देने में जुटी है. पीएम मोदी एक के बाद एक देश के एयरबेस का दौरा करके राजनीतिक संदेश देने की कवायद में जुटे हैं. पीएम लगातार अपने भाषण में पाकिस्तान को मैसेज देने के साथ ही सियासी एजेंडा भी सेट करते नजर आए. इसके बाद बीजेपी के तमाम बड़े नेता भी उनके सुर में सुर मिला रहे हैं तो इसमें एनडीए के घटक दलों की भी मुहर लग गई है. ऑपरेशन सिंदूर पर प्रस्ताव पास कर आतंकवाद और उसकी फंडिंग करने वाले देशों के प्रति स्पष्ट संदेश दिया गया है.
पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के आतंकी ठिकाने को नष्ट करने का काम किया है. पीएम मोदी ने आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का ऐलान किया था, जिसे पूरा करके दिखा. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार एनडीए नेताओं के साथ पीएम मोदी ने बैठक कर जानकारी दी. पीएम ने ये भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता इसकी पुष्टि करती है कि देश ने आत्मनिर्भरता की दिशा में कई उपलब्धियां हासिल की हैं. स्वदेशी डिफेंस टेक्नोलॉजी ने सटीक निशाना लगाते हुए पाकिस्तान के ड्रोन-मिसाइल मार गिराए.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में साफ कहा कि अब वक्त आ गया है जब हम आतंकवादियों और उन्हें प्रायोजित करने वाली के बीच फर्क करेंगे. इसके साथ ही यह भी बताया गया कि एनडीए के वरिष्ठ नेता आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय दौरे पर जाएंगे, जहां वे भारत की शांति और आतंकवाद विरोधी नीति को वैश्विक मंचों पर मजबूती से रखेंगे. इस तरह से राष्ट्रवाद के मुद्दे को सेट करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंक और उसके पनाह देने वाले देशों को बेनकाब करने की स्ट्रैटेजी बनाई है.
एनडीए की एकजुटता का सियासी संदेश
जागितग जनगणना और ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी की अध्यक्षता में एनडीए नेताओं की पहली बैठक थी. इसके लिए दोनों ही मुद्दों पर प्रस्ताव पास किया गया. बैठक एनडीए के लिए अपनी उपलब्धियों को जनता तक ले जाने और विपक्ष के खिलाफ एकजुट मोर्चा पेश करने का अवसर प्रदान करती है. एनडीए बैठक मेंआगामी विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर भी चर्चा हुई.
दरअसल, 2024 में लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार पीएम बने, लेकिन बीजेपी अपने दम पर बहुमत का नंबर नहीं जुटा सकी. बीजेपी को 240 सीटें मिली थीं और उसे अपने सहयोगी के सहारे सरकार बनानी पड़ी. केंद्र की NDA सरकार के पास 293 सीटें हैं जिसमें 53 सीटें अन्य सहयोगी दलों जैसे तेलुगू देशम पार्टी (TDP), जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) और दूसरी पार्टियों ने जीती थीं. इस तरह पीएम मोदी एनडीए के नेताओं के साथ मजबूती से जोड़े रखने की स्ट्रैटेजी के साथ आगे बढ़ने की रणनीति मानी जा रही है.
एनडीए के नेता गठबंधन की एकजुटता को और मजबूत करने, विपक्षी दलों के खिलाफ रणनीति तैयार करने और केंद्र व राज्यों की योजनाओं के प्रभावी प्रचार करने की रणनीति बनाई गई है. यह बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि यह एनडीए शासित राज्यों के बीच समन्वय को बढ़ावा देती है और केंद्र सरकार की ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति को मजबूत करती है. इसके साथ ही, यह गठबंधन की एकता और रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो आगामी चुनावों में विपक्ष को कड़ी चुनौती दे सकता है.
पीएम मोदी ने बीजेपी-NDA शासित राज्य सरकारों को गुड गवर्नेंस अपनाने को कहा है. जल संरक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं, स्वच्छता, युवा सशक्तिकरण, कृषि और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में राज्यों के बीच तालमेल बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है. राज्यों ने अपनी सफल योजनाओं को साझा किया, जिन्हें अन्य राज्य भी अपने यहां लागू कर प्रभावी बना सकते हैं. इस तरह बैठक को न केवल सुशासन और राज्यों की कार्यप्रणालियों के आदान-प्रदान के लिए अहमद माना जा रहा है, बल्कि आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों की रणनीति के लिहाज से भी इसे एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है.
मोदी सरकार 3.0 के एक साल
मोदी सरकार 3.0 के एक साल पूरे होने, इंटरनेशनल योग डे 10 साल पूरे होने और देश में लगी इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने जैसे कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विचार किया गया. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का एक साल 9 जून को पूरा हो रहा है. मोदी सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाने का काम बीजेपी ही नहीं बल्कि एनडीए के घटक दल के नेता भी करेंगे. पदयात्रा निकालने और इस दौरान ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के साथ ही जाति जनगणना के संदर्भ में लिए गए फैसले का प्रचार-प्रसार करने की योजना बनाई है.
एनडीए के नेता एक दिन में 20 से 25 किमी की यात्रा होगी. पदयात्रा के दौरान इसमें शामिल नेता किस एक गांव में रात्रि विश्राम करेंगे, इसकी भी रूपरेखा तैयार की जाएगी. इसके अलावा मंत्री और सांसद जाति जनगणना कराने के मोदी सरकार के एतिहासिक फैसले का भी प्रचार-प्रचार करेंगे. पूरे देश में पदयात्रा, सेमिनार, प्रेस कॉन्फ्रेंस, सोशल मीडिया पर अभियान समेत अन्य कार्यक्रमों की रूपरेखा के लिए जल्द ही पार्टी समिति गठित करेगी. पार्टी के नेता महिला, युवा, किसान और गरीब वर्ग के अलग-अलग समूहों से भी सीधा संवाद करेंगे. इस क्रम में कई जगहों पर बौद्धिक वर्ग से साथ भी संवाद होगा.