June 8, 2025 6:24 pm
ब्रेकिंग
कौन हैं मैतेई नेता कानन सिंह, जिसकी गिरफ्तारी के बाद जल उठा मणिपुर जयमाला की प्रथा नहीं… सुनते ही भड़के बाराती, लड़की वालों का पीट-पीटकर किया ये हाल तमिलनाडु के लोग DMK सरकार के भ्रष्टाचार से हैं तंग… अमित शाह का स्टालिन सरकार पर हमला केंद्र का शासन होने के बावजूद मणिपुर में क्यों बहाल नहीं हो रही शांति? प्रियंका गांधी का बड़ा हमला मंगलुरु में बजरंग दल के पूर्व सदस्य सुहास शेट्टी की हत्या की NIA करेगी जांच, MHA ने जारी किया आदेश कानपुर के इस गांव में 34 परिवारों ने क्यों लगाए मकान बिक्री के पोस्टर? मंत्री तक पहुंची बात, फिर जो ... बरेली: IVRI के डॉक्टरों ने कर दिया कमाल, देसी तकनीक से कुत्ते का किया हिप रिप्लेसमेंट; पुलिस का डॉग ... हिंदू से लेकर मुस्लिम तक… 20 शादियां कीं, जो मिला उसी से विवाह, कहानी लुटेरी दुल्हन की जो साथ लेकर च... ‘गांव वालों कूद जाऊंगा…’ 100 फीट ऊंचे टावर पर चढ़ा युवक, 3 घंटे तक काटा बवाल, पुलिस भी पहुंची दिल्ली में झुग्गियों पर बुलडोजर चलने पर संजय सिंह बिफरे, रेखा सरकार पर बोला हमला
महाराष्ट्र

ये किसी एक व्यक्ति के कारण नहीं मिली… देश की आजादी पर मोहन भागवत का बड़ा बयान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत शुक्रवार को नागपुर में एक पुस्तक विमोचन समारोह में गए थे, जहां उन्होंने भारत की आजादी को लेकर एक बयान दिया. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों से भारत को आजाद करवाने का श्रेय कोई भी एक इकाई नहीं ले सकती. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की आजादी असंख्य लोगों और समूहों की मेहनत का परिणाम है.

दरअसल, भागवत ने उन आलोचकों के सवालों का जवाब दिया, जो लंबे समय से कह रहे थे कि RSS ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग नहीं लिया था. हालांकि RSS के समर्थक हमेशा से इस बात को खारिज करते आए हैं.

1857 क्रांति के बाद जगी आजादी की ज्वाला

RSS प्रमुख ने कहा कि भारत की आजादी किसी एक की नहीं, बल्कि भारत के प्रत्येक नागरिक के समूह की मेहनत का फल है. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन 1857 के विद्रोह से शुरू हुआ, जिसने एक संघर्ष को जन्म दिया. इसी संघर्ष के कारण भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली. उन्होंने कहा कि देश को अपनी आजादी कैसे मिली, इस चर्चा में अक्सर एक महत्वपूर्ण सच्चाई को नजरअंदाज कर दिया जाता है. यह किसी एक व्यक्ति के कारण नहीं हुआ. बल्कि 1857 के बाद पूरे देश में स्वतंत्रता संग्राम की लपटें भड़क उठीं, जिसकी वजह से आज भारत को आजादी मिली है.

RSS के आलोचकों ने एम एस गोलवलकर की बात का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन का विरोध कर उसे अस्थायी कहा था. उनका मानना था कि असली आंतरिक दुश्मनों से लड़ने की जरूरत है. आलोचकों ने कहा कि गोलवलकर का यह बयान बताता है कि उनकी प्राथमिकता अंग्रेजों से लड़ने की नहीं थी. बल्कि भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाना उनका उद्देश्य था, जो इसे तत्कालीन छत्र संगठन कांग्रेस के तहत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रीय आंदोलन के साथ जोड़ता है.

RSS में सर्वोच्च पद सामान्य स्वयंसेवक का

भागवत से पूछा गया कि RSS में सर्वोच्च पद किसका है? इस बात का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि RSS में सर्वोच्च पद सामान्य स्वयंसेवक का है. संघ में कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा संघ निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करता है. उन्होंने RSS की खूबियों और खामियों की चर्चा करते हुए कहा कि कई लोग इससे परिचित नहीं हो सकते . उन्होंने कहा कि जो लोग हमारे संगठन को समझने के लिए समय निकालते है, वे अक्सर कहते हैं कि वे इससे प्रभावित होते हैं और बताते हैं कि उन्होंने RSS से बहुत कुछ सीखा है. भागवत ने कहा कि RSS की ताकत उनके संगठन में काम करने वाले लोग हैं.

Related Articles

Back to top button