August 5, 2025 10:06 pm
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शराब सेवन को गलत नहीं मानते छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, कहा- ये हमारी पंरपराओं में शामिल

रायपुर:  छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज जनविश्वास विधेयक ध्वनिमत से पारित हुआ। इस विधेयक में छत्तीसगढ़ राज्य के नगरीय प्रशासन विभाग, नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, छत्तीसगढ़ औद्योगिक संबंध अधिनियम, और छत्तीसगढ़ सहकारिता सोसायटी अधिनियम से संबंधित 8 अधिनियमों के 163 प्रावधानों में बदलाव किया गया है। अब ऐसे मामलों में केवल प्रशासकीय जुर्माना लगेगा, जिससे व्यापार व्यवसाय में आसानी होगी। विधेयक में छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 के प्रावधान में भी संशोधन किया गया है। सार्वजनिक स्थल पर शराब के उपभोग के मामले में पहली बार सिर्फ जुर्माना और इसकी पुनरावृत्ति के मामले में जुर्माना और कारावास का प्रावधान किया गया है। सरकार के इस फैसले पर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का बड़ा बयान सामने आया है।

पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार सार्वजनिक स्थान किसे मानती है? रही बात शराब सेवन की तो मैं इसे गलत नहीं मानता हमारे परंपराओं में शामिल है। शराब सेवन के बाद उसका व्यवहार आपत्तिजनक है, तो निश्चित रूप से कार्रवाई होनी चाहिए। किसी सोसायटी द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन दाखिल करने में विलंब की स्थिति में जेल की बजाय जुर्माना वसूलने के निर्णय का स्वागत किया।

इसी तरह नगरीय प्रशासन विभाग के अधिनियम के तहत मकान मालिक द्वारा किराया वृद्धि की सूचना नहीं दिए जाने के मामले में आपराधिक मामला दर्ज किए जाने के प्रावधान को संशोधित कर अब अधिकतम 1,000 रुपये की शास्ति का प्रावधान किया गया है। इसी तरह किसी सोसायटी द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन दाखिल करने के मामले में विलंब की स्थिति में आपराधिक कार्रवाई के प्रावधान को संशोधित कर नाममात्र के आर्थिक दंड में बदल दिया गया है। विशेषकर महिला समूहों के मामलों में इसे और भी न्यूनतम रखा गया है। यदि कोई संस्था गलती से सहकारी शब्द का उपयोग कर लेती थी, तो उसे आपराधिक मुकदमे और दंड के प्रावधान के स्थान पर अब केवल प्रशासनिक आर्थिक दंड का प्रावधान है।

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