गणेश चतुर्थी की तैयारियां जोरों पर, AI रूप वाली प्रतिमाएं और इको-फ्रेंडली मूर्तियों की बढ़ी मांग

रायपुर: गणपति की पूजा आराधना का पर्व गणेश चतुर्थी आने में अभी एक महीने का समय बचा हुआ है. 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी. 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान का विसर्जन किया जाएगा. देशभर में अलग-अलग तरह की गणेश प्रतिमाएं बनने के साथ ही बिकना भी शुरू हो गई हैं. इस बार भी बाल गणेश और AI इमेज की तरह दिखने वाली प्रतिमाओं की डिमांड है.
AI से प्रेरित और बाल गणेश की मांग: इस साल प्रतिमाओं में परंपरागत डिजाइनों के साथ-साथ तकनीक से प्रेरित प्रतिमाएं आकर्षण का केंद्र बनी हैं. विशेषकर AI इमेज और ‘बाल गणेश’ स्वरूप की मूर्तियों की मांग सबसे अधिक है. मूर्तिकारों का कहना है कि, इस बार ग्राहक ऐसी मूर्तियां मांग रहे हैं जो मॉडर्न भी लगें और पारंपरिक भाव भी दें. हमने कई डिजाइन AI इमेज से प्रेरित होकर बनाए हैं.
किस तरह हो रही पूजा: सभी क्षेत्र में अलग-अलग तरह से बप्पा को विराजने और उनकी पूजा करने की मान्यता होती है. पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी के मुताबिक, भले ही इस बार कोई बहुत अलग या खास संयोग ना हो लेकिन गणेश चतुर्थी अपने आप में खास है. गणेश उत्सव के पहले दिन भक्त बप्पा की मूर्ति घर लाने के साथ ही चौक चौराहों पर भगवान गणेश की प्रतिमा पूरे विधि विधान के साथ विराजित करते हैं.
उत्सव की तिथि और समय जानिए
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर बुधवार, 27 अगस्त को मनाई जाएगी. तिथि 26 अगस्त दोपहर 1:54 बजे से शुरू होकर 27 अगस्त दोपहर 3:44 बजे तक रहेगी.
पूजा मुहूर्त: दोपहर 11:05 से 13:40 तक शुभ समय माना गया है . हालांकि अलग-अलग पंडितों के मुताबिक और जगहों में ये अलग हो सकता है.
विसर्जन (अनंत चतुर्दशी): 10 दिन बाद, शनिवार, 6 सितंबर, 2025 को किया जाएगा.
रायपुर में पिछले साल लाखे नगर समेत कुछ जगह की प्रतिमाओं ने सबका ध्यान खींचा था. हो सकता है इस साल भी गणेशोत्सव में AI और कुछ नयी तकनीक के रंग भी दिखें.