पत्थलगांव बस स्टेण्ड के समीप रखियो की दुकान सजधज कर तैयार

*रक्षाबंधन पर्व के लिए इस बार फैंसी राखी,स्टोन राखी,पेयर राखी की मांग अधिक -प्यानी*
पत्थलगांव–/ रक्षाबंधन का पर्व नजदीक आने के साथ ही शहर में राखी की दुकानें सजकर तैयार हो गई हैं। बहनें अपने भाइयों की कलाई पर सजाने के लिए राखी खरीदने इन दुकानों में पहुंचने लगी हैं।
उल्लेखनीय है कि पवित्र श्रावण माह पूरा होने की ओर बढ़ चला है। 4 अगस्त को माह का अंतिम सोमवार है। इसके बाद 9 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जायेगा। श्रावण महीने की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह पर्व भाई और बहन के पवित्र संबंधों की याद दिलाता है। श्रावण मास के अग्रसर होने के साथ ही प्रतिवर्ष धूमधाम से मनाए जाने वाले पर्व को लेकर लोगों में उत्साह नजर आने लगा है। इसे लेकर शहर में राखी की दुकानें भी सजकर तैयार हो चुकी हैं। गौरतलब है कि पर्व के दौरान राखियों के लिए शहर में अस्थायी दुकानें लगाई जाती हैं। जशपुर रोड पर धर्मशाला से इंदिरा चैक तक करीब दर्जन भर अस्थायी दुकानें इस बार भी सजकर तैयार हैं। इन दुकानों में लटक रहीं रंग बिरंगी राखियां बच्चों के साथ ही बड़ों को भी आकर्षित कर रही हैं। एक दशक से भी यहां दुकान लगा रहे प्याणी राखी के संचालक निसामुद्दीन खान ने बताया कि पर्व के लिए इस बार फैंसी राखी,स्टोन राखी की बड़ी मांग है। वहीं पेयर राखी का चलन भी बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि आजकल बहनों में अपने भाइयों के साथ ही भाभियों को भी राखी बांधने की परंपरा चल रही है। और इसलिए पेयर राखी की अच्छी खासी मांग होती है क्योंकि पेयर राखी में दोनों राखियां या तो एक ही डिजायन की होती हैं या फिर यदि डिजायन अलग हो तो भी उनमें रंगों का संयोजन एक समान होता है जिससे एक साथ अपने भैया और भाभी को बांधी गई राखी अपनी छटा अलग ही बिखेरती दिखाई देती हैं। इसके साथ ही पारंपरिक राजस्थानी लुंबा और डोरी राखियां भी बिक रही हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों में कार्टून कैरेक्टरों का खासा क्रेज देखने को मिलता है। इसमें डोरेमाॅन, छोटा भीम, मिक्की माउस, सिनचैन प्रमुख हैं। इसे ध्यान में रखते हुए इन सभी कार्टून कैरेक्टरों से सजी राखियां भी उन्होंने सजा रखी हैं। वहीं घड़ी और लाईट वाली राखियां भी दुकान की शोभा बढ़ा रही हैं। उन्होंने बताया कि बारिश के कारण राखियों की बिक्री धीरे – धीरे बढ़ रही हैं। अभी वे महिलाएं एवं बालिकाएं राखी लेने पहुंच रही हैं जिनके भाई दूर रहते हैं और उन्हें अपनी राखी डाक के माध्यम से भिजवानी है। सावन के अंतिम सोमवार के साथ ही राखियों की बिक्री में तेजी से बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।