छत्तीसगढ़ को पीएम जनमन योजना के तहत मिली 375 करोड़ से अधिक के लागत की 100 पुलों की स्वीकृति

# नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीण संपर्क सुदृढ़ करने छत्तीसगढ़ को केंद्र से मिली ₹195 करोड़ की स्वीकृति*
*मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा – केंद्र सरकार की पहल पीवीटीजी समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में ऐतिहासिक कदम, छत्तीसगढ़ सरकार करेगी कार्यों का शीघ्र और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन*
रायपुर, 7 अगस्त 2025/
प्रधानमंत्री जनमन योजना (PM-JANMAN) के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को 375.71 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 6,569.56 मीटर लम्बाई के कुल 100 पुलों की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह स्वीकृति 2025–26 बैच–II के अंतर्गत दी गई है। इस ताज़ा स्वीकृति के साथ अब तक राज्य को कुल 715 सड़कें (2,449.108 किलोमीटर) और 100 पुल प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत स्वीकृत किए जा चुके हैं।इस स्वीकृति पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि जन-मन योजना के माध्यम से विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTG) को सशक्त बनाने की जो दूरदर्शी पहल केंद्र सरकार द्वारा की गई है, वह छत्तीसगढ़ जैसे आदिवासी बहुल राज्य के लिए महत्वपूर्ण है। हम इस स्वीकृति को केवल पुलों और सड़कों की स्वीकृति नहीं, बल्कि विकास, विश्वास और समावेश की नई राह के रूप में देखते हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की भावना के अनुरूप इन सभी स्वीकृत कार्यों को फास्ट ट्रैक मोड पर, पूर्ण गुणवत्ता और पारदर्शिता के साथ पूरा करेगी, ताकि इसका प्रत्यक्ष लाभ पीवीटीजी आबादी को शीघ्र मिल सके। इन सड़कों और पुलों के निर्माण से न केवल इन दुर्गम क्षेत्रों में जीवन सुगम होगा, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा, बाजार और शासन से जुड़ाव भी सुनिश्चित हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल माननीय प्रधानमंत्री जी के ‘विकसित भारत @2047’ के संकल्प की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी नागरिक, चाहे वह देश के कितने ही सुदूर या वंचित क्षेत्र में क्यों न हो, विकास की मुख्यधारा से वंचित न रहे।
मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि वे स्वीकृत पुलों और सड़कों का निर्माण कार्य प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र प्रारंभ करें और सभी कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग, स्थानीय जनसुनवाई, एवं समयबद्ध प्रगति रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के पीवीटीजी समुदायों के जीवन में ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिलेगा।
*नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीण संपर्क सुदृढ़ करने छत्तीसगढ़ को केंद्र से मिली ₹195 करोड़ की स्वीकृति*
*मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय का जताया आभार, कहा – यह राशि वंचित अंचलों के लिए विकास, विश्वास और शांति की सशक्त आधारशिला बनेगी*
रायपुर, 7 अगस्त 2025/छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दुर्गम और वनवासी अंचलों में ग्रामीण संपर्क और आधारभूत संरचना को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत सरकार ने सड़क संपर्क परियोजना “RCPLWEA (Road Connectivity Project for Left Wing Extremism Affected Areas)” के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए छत्तीसगढ़ को ₹195 करोड़ की केंद्रीय सहायता राशि स्वीकृत की है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस महत्वपूर्ण स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्वीकृति छत्तीसगढ़ के उन सुदूर अंचलों में विकास का नया प्रकाश लेकर आएगी, जो दशकों से नक्सल हिंसा और भौगोलिक दुर्गमता से जूझते रहे हैं। यह राशि वहां के लोगों के लिए विकास, विश्वास और स्थायी शांति की सशक्त आधारशिला सिद्ध होगी। हमारी सरकार इस निधि का उपयोग पूर्ण पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ करेगी।
यह स्वीकृति वित्त मंत्रालय की “जस्ट-इन-टाइम” फंड रिलीज़ प्रणाली के अंतर्गत सिंगल नोडल एजेंसी स्पर्श मॉडल के माध्यम से दी गई है। मदर सैंक्शन सक्षम प्राधिकरण की अनुमति से तैयार किया गया है और यह PFMS (Public Financial Management System) पर अपलोड किया गया है।
कुल ₹195 करोड़ में से ₹190.6125 करोड़ कार्यक्रम निधि और ₹4.3875 करोड़ प्रशासनिक निधि के रूप में स्वीकृत किए गए हैं, जो भारतीय रिज़र्व बैंक के माध्यम से राज्य को प्राप्त होंगे। स्पर्श दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी भी समय केवल एक सक्रिय मदर सैंक्शन मान्य रहेगा, और पूर्व शेष राशि को इसी में समाहित किया जाएगा।
यह निधि विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों—दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, कांकेर, बस्तर, राजनांदगांव, बलरामपुर, कोंडागांव और जशपुर—के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन ऑल-वेदर सड़कों, मौजूदा मार्गों के सुदृढ़ीकरण, सेतु निर्माण और क्रॉस-ड्रेनेज संरचनाओं के विकास के लिए दी गई है।
इन संरचनाओं के माध्यम से बस्तियों को ब्लॉक व जिला मुख्यालयों, बाजारों, विद्यालयों और स्वास्थ्य केंद्रों से जोड़ा जाएगा, जिससे शासन की पहुंच और सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों में उल्लेखनीय सुधार होगा। विशेषकर बाढ़ग्रस्त और वर्षा ऋतु में अवरुद्ध हो जाने वाले क्षेत्रों में यह संपर्क संरचना जीवनरेखा का कार्य करेगी।
₹4.3875 करोड़ की प्रशासनिक निधि का उपयोग मॉनिटरिंग एवं मूल्यांकन (M&E), तकनीकी सहायता, क्षमता निर्माण, एवं MIS प्लेटफॉर्म के माध्यम से डेटा प्रबंधन हेतु किया जाएगा।
यह स्वीकृति पूर्व स्वीकृत परियोजनाओं के अंतर्गत समायोजित की गई है: बैच-I (2019-20) के तहत ₹56.82 करोड़, बैच-I (2022-23) के तहत ₹133.79 करोड़ समायोजित किए गए हैं।
इस समायोजन के पश्चात बैच-I (2022-23) के लिए ₹217.39 करोड़ की राशि आगामी रिलीज़ हेतु शेष रहेगी। इस प्रक्रिया में पूर्व में जारी राशि और अर्जित ब्याज को सम्मिलित किया गया है, तथा ई-बिल क्लियरेंस, संशोधित मदर सैंक्शन और सिंगल नोडल एजेंसी – स्पर्श प्रणाली के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया गया है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि निधियों का उपयोग योजना दिशा-निर्देशों के अनुसार त्वरित और प्रभावी रूप से सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, वित्त मंत्रालय के 13 जुलाई 2023 के कार्यालय ज्ञापन (पैरा 3(v)) के अनुसार यह भी स्पष्ट किया गया है कि योजना पूर्ण होने के पश्चात सभी सिंगल नोडल एजेंसी खातों को बंद कर अपरीक्षित केंद्रीय अंश को भारत की समेकित निधि (CFI) में वापस करना आवश्यक होगा। राज्य अंश की अपरीक्षित राशि को राज्य की समेकित निधि में एवं राज्य कोष में रखे किसी भी केंद्रीय अंश को भी CFI में लौटाया जाना अनिवार्य होगा।
यह स्वीकृति ग्रामीण विकास मंत्रालय को प्रदत्त अधिकारों के अंतर्गत तथा संविलियन वित्त प्रभाग (Integrated Finance Division) से परामर्श के उपरांत जारी की गई है।
यह निर्णय न केवल छत्तीसगढ़ के दुर्गम अंचलों में संपर्क सुविधाओं के विस्तार को बल देगा, बल्कि सामाजिक समरसता, सुशासन, सेवा-सुलभता और स्थायी शांति की दिशा में एक निर्णायक कदम सिद्ध होगा।