चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी ने संत हरकेवल शिक्षा महाविद्यालय अम्बिकापुर में विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत् अयोजित किया जागरूकता कार्यक्रम*

अम्बिकापुर/विश्व स्तनपान सप्ताह 2025 के समापन अवसर पर चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी अम्बिकापुर एवं एलांयस फार बिहैवियर चेन्ज के संयुक्त तत्वावधान् में संत हरकेवल शिक्षा महाविद्यालय अम्बिकापुर में आयोजित किया गया जागरूकता कार्यक्रम ।
कार्यक्रम की शुरुवात अतिथियों के द्वारा श्री गणेश भगवान एवं मां सरस्वती के पूजा अर्चना कर किया गया। तत्पश्चात् संत हरकेवल शिक्षा महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं प्राध्यापिकाओं के द्वारा अतिथियों का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि मंगल पाण्डेय संयोजक नवा बिहान नशामुक्ति जागरूकता अभियान एवं निर्देशक चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी अम्बिकापुर ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से
विश्व स्तनपान दिवस का मनाने का उद्देश्य , स्तनपान के महत्व स्तनपान से मां एवं बच्चे को होने वाले फायदे के संबंध में विस्तार पूर्वक बताया गया।विश्व स्तनपान दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में भावी शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को स्तनपान के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य और पोषण के बारे में भी जानकारी दी गई। आज के समय में 22% मृत्यु का कारण शिशुओं को स्तनपान न होने की कमी से होता है। शिशु को जन्म के 1 घंटा के पश्चात् माँ का पहला गाढ़ा पीला दूध शिशु के लिए अमृत तुल्य है जो उन्हें कई बीमारियों से लड़ने में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। तत्पश्चात् विशिष्ट अतिथि समन्वयक अनिल कुमार मिश्रा समन्वयक नवा बिहान नशामुक्ति जागरूकता अभियान मुख्य कार्यकारी छत्तीसगढ़ प्रचार एवं विकास संस्थान ने अपने उद्बोधन में संत हरकेवल शिक्षा महाविद्यालय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमेशा ही समाज संबंधी कल्याणकारी कार्य के लिए यह महाविद्यालय हमें मंच प्रदान करता है।उन्होंने स्तनपान की बहुत सारी बातें बताईं। शिशु के जन्म के पश्चात् 6 माह तक मां का दूध” सिर्फ मां का दूध “ही देना है । इस तरह के कार्यक्रम को आंगनबाड़ी, सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों और अनेक कार्य स्थलों पर चलाना आवश्यक है और सभी स्थलों पर मातृ -शिशु कक्ष का भी होना जरूरी है। समाज सेविका सुनिधि शुक्ला अध्यक्ष शियती सोशल वेलफेयर सोसायटी ने ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता को बढ़ाने की बात कही । उन्होंने बताया कि मां का पहला दूध नवजात के लिए कितना जरूरी है। ग्रामीण महिलाओं में जागरूक करने की आवश्यकता है। क्योंकि बहुत जगह इसे बेकार समझ कर नहीं पिलाया जाता है। लेकिन उनमें यह जागरूकता लाकर के उन्हें इसके फायदे और जीवन रक्षक जैसे चीजों को बताते हुए उनको जागरूक करने की जरूरत है। श्रीमती हिना खान अध्यक्ष उमंग महिला एवं बाल उत्थान सोसायटी ने बताया कि शहरी और ग्रामीण सभी तरह की महिलाओं में जागरूकता की कमी है ।और वह अपने दूध के महत्व को नहीं समझ पाती और स्वयं की खूबसूरती के चक्कर में आने वाले भविष्य को बदसूरत बना देती हैं, कार्यक्रम को आगे बढ़ते हुए समाजसेवी संतोष विश्वकर्मा ने स्तनपान के महत्व को बताते हुए बताया कि यह किस तरह से अनेक बीमारियों से लड़ने की क्षमता स्तनपान से होता है ।मां और शिशु दोनों के लिए अत्यधिक फायदेमंद है।
कार्यक्रम की आखिरी कड़ी में संत हरकेवल शिक्षा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर अंजन सिंह ने जागरूकता फैलाने संबंधी बातों पर चर्चा करते हुए बताया कि हमें जागरुक होने के साथ ही समझदार नागरिक बनने पर भी जोर देना चाहिए ।हम एक तरफ जागरूकता और आधुनिकता पर चर्चा करते हैं और दूसरी तरफ प्राचीनता और प्रकृति एवं परंपरा का तिरस्कार भी करते हैं ।जिससे हम पूरी तरह से समझदार नागरिक कभी भी नहीं हो सकते हैं।उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि आज समाज में एक तरह की नहीं अनेक तरह की विकृतियां व्याप्त हो चुकी हैं । हमलोग किसी एक पक्ष को जागरूक करके समाज में परिवर्तन लाने जैसी बातों की कल्पना करना मिथ्या ही है ।हमें वास्तविक तथ्य को सबके समक्ष रखना चाहिए । उसकी शिक्षा आवश्यक है जैसे स्तनपान, यौन क्रिया,यौन जनित रोग एवं एच आई वी एड्स इत्यादि ।
समस्त कार्यक्रम संत हर केवल शिक्षा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर अंजन सिंह के मार्गदर्शन में और सहायक प्राध्यापक सुमन पाण्डेय ,डॉक्टर पूजा दुबे,डॉक्टर रानी पाण्डेय,चंदा सिंह, नीरू त्रिपाठी और श्वेता तिवारी के निर्देशन और निरीक्षण में तथा समस्त B.Ed तृतीय सेमेस्टर के प्रशिक्षार्थियों के सहयोग से संपन्न हुआ ।