August 5, 2025 7:27 pm
ब्रेकिंग
उत्तराखंड में तबाही के बाद कई जिलों में रेड अलर्ट! इन इलाकों में बाढ़ की चेतावनी पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक का निधन, 3 महीने से RML अस्पताल में थे भर्ती यहां मंदिर था, यहां दुकानें थीं… उंगली दिखाकर बताया मलबे में दबा गांव, महाप्रलय की ‘आंखों देखी’ जशपुर पुलिस ने फिर पकड़ा अवैध अंग्रेजी शराब का बड़ा जखीरा,एक ट्रक से ,51लाख रु कीमत का,734 कार्टून म... हरि जायसवाल तीसरी बार बने छत्तीसगढ़ मीडिया एसोसिएशन के जशपुर जिला अध्यक्ष किसी पर लगा दाग तो कोई गया सलाखों के पीछे, वो राजनेता जो ‘बदनाम’ होने के बाद निकले पाक साफ गोंडा में चलती एंबुलेंस से सड़क पर फेंका शव, Video वायरल… पुलिस ने बताई पूरी सच्चाई मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल से संभव हुआ अंतिम दर्शन, मुंबई से गृह ग्राम हाथीबेड पहुंच... राज्य और पेंशनरों के हित में धारा 49 को विलोपित होना जरूरी - नीलकंठ टेकाम दिल्ली: 350 किस्म के आमों की प्रदर्शनी में दिखी भारत की झांकी…एलजी वीके सक्सेना ने किया उद्घाटन
पंजाब

अब पहले वाली बात नहीं, हमारे पास फालतू नहीं… पानी पर पंजाब की हरियाणा को दो टूक

पंजाब और हरियाणा के बीच भाखड़ा बांध के पानी के बंटवारे चल रहे विवाद में अब बयानबाजी तेज हो चली है. पंजाब सरकार का साफ कहना है कि वो हरियाणा को पानी नहीं देंगे. मामला इतना तूल पकड़ चुका है कि अब पंजाब विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है. यह सत्र सोमवार सुबह 11 बजे शुरू होगा. इससे पहले मीडिया से बात करते हुए पंजाब के सीएम भगवंत मान ने साफ कर दिया कि वे पानी नहीं देंगे.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा के साथ जल बंटवारे के विवाद को खारिज करते हुए कहा है कि कोई विवाद नहीं है. उन्होंने दावा किया कि आंकड़े पंजाब के पक्ष में हैं और हरियाणा अपने हिस्से से ज़्यादा पानी मांग रहा है. उन्हें 20 प्रतिशत पानी देने की बात हुई थी, जिसे वो खर्च कर चुके हैं. अब उन्हें पानी नहीं दिया जाएगा.

सीएम मान ने कहा कि हरियाणा की तरफ से लगातार पानी मांगा जा रहा है, उनका तर्क है कि पहले भी उन्हें ज्यादा पानी मिलता रहा है, लेकिन पंजाब ने अपनी नहर प्रणाली में सुधार किया है और अब अतिरिक्त पानी नहीं है. हम पहले महज 21 प्रतिशत पानी ही यूज किया करते थे. आज सिस्टम सुधारने के कारण हम लोग 60 प्रतिशत तक पानी का सही यूज कर रहे हैं. यही कारण है कि हम अब पानी नहीं देने वाले हैं.

पंजाब विधानसभा सत्र पर सबकी निगाहें

इससे पहले पंजाब और हरियाणा, दोनों ही राज्यों ने अलग-अलग सर्वदलीय बैठक की थीं, जिनमें हर दल ने अपने-अपने राज्य के हितों की पैरवी करते हुए सरकारों के रुख का समर्थन किया था. बैठकों के बाद भी कोई समाधान नहीं निकल पाया है. यही कारण है कि अब केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खटटर भी पंजाब पहुंच चुके हैं.

हालांकि पंजाब के इस विशेष सत्र पर सबकी निगाहें रहने वाली हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इस सत्र के जरिए हरियाणा को अतिरिक्त पानी नहीं देने का प्रस्ताव सदन में लाया जाएगा और बहुमत से पारित भी किया जा सकता है. मान सरकार पानी के मसले पर आर-पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रही है.

पंजाब सरकार पहले ही कह चुकी है कि हरियाणा को जरूरत के मुताबिक 4000 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है. 8500 क्यूसेक पानी की मांग नाजायज है. अतिरिक्त पानी का उपयोग हरियाणा सिंचाई के लिए करेगा. इसको लेकर केंद्र सरकार ने भी अब दखल देना शुरू कर दिया है.

Related Articles

Back to top button