Vande Bharat, शताब्दी, राजधानी Trains को लेकर अहम खबर, पढ़ें…

जालंधर: उत्तर रेलवे द्वारा बड़ी पहल करते हुए जालंधर स्थित डीएमयू कार शैड को इंटीग्रेटेड कोचिंग डिपो में परिवर्तित करने की योजना बनाई है, जिसमें करीब 200 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। रेलवे हैडक्वार्टर से मंजूरी मिलने के बाद मंडल स्तर पर इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। यह कदम रेलवे के रखरखाव एवं संचालन को और अधिक सुदृढ़ व एकीकृत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि डीएमयू कार शेड के पास अब तक केवल डीज़ल मल्टीपल यूनिट (डी.एम.यू.) और इलैक्ट्रिक मल्टीप्ल यूनिट (ई.एम.यू.) ट्रेनों के संचालन और मुरम्मत की जिम्मेदारी थी। इसका अब विस्तार किया जा रहा है। शैड के विस्तार के बाद यहां शताब्दी, राजधानी, वंदे भारत जैसी ट्रेनों के कोचों की भी मेंटेनेंस की जाएगी। इसके साथ ही यहां मेल/एक्सप्रैस ट्रेनों के कोचों का भी निरीक्षण, सफाई, मुरम्मत और अन्य आवश्यक तकनीकी कार्य किए जाएंगे। इस इंटीग्रेटेड कोचिंग डिपो में आधुनिक उपकरणों एवं आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की जाएगी ताकि समयबद्ध और कुशल रखरखाव सुनिश्चित किया जा सके।
इससे रेल सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी। सूत्रों के मुताबिक परिवर्तन प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी। जिसमें मौजूदा अवसंरचना का उन्नयन और कर्मचारियों का पुनःप्रशिक्षण भी शामिल है। जिक्र योग्य है कि पूरे उत्तर रेलवे में केवल जालंधर शहर में ही डी.एम.यू. कार मेंटेनेंस शैड है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के बडगाम और एक शकूर बस्ती में छोटी शैड है जहां डी.एम.यू. और ई.एम.यू. की मेंटेनेंस की जाती है। अब जालंधर में इंटीग्रेटेड कार शैड बनने से काफी लाभ होगा। यहां बता दे कि केंद्र सरकार द्वारा जिस प्रकार रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का नवीनीकरण किया जा रहा है और वंदे भारत जैसी नई ट्रेनों का निर्माण किया जा रहा है। ऐसे में जालंधर में अत्यधिक इंटीग्रेटेड शैड बनने से रेलवे और सशक्त रूप से उभर कर सामने आएगा।