August 6, 2025 12:28 am
ब्रेकिंग
सावन का अंतिम सोमवार सुबह 4 बजे विशेष पूजा के बाद भस्म आरती कर किया जलाभिषेक दुधारू-गर्भवती गायों की एक ही रात में चोरी,गौपालक चिंतित,तस्करी की आशंका उत्तराखंड में तबाही के बाद कई जिलों में रेड अलर्ट! इन इलाकों में बाढ़ की चेतावनी पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक का निधन, 3 महीने से RML अस्पताल में थे भर्ती यहां मंदिर था, यहां दुकानें थीं… उंगली दिखाकर बताया मलबे में दबा गांव, महाप्रलय की ‘आंखों देखी’ जशपुर पुलिस ने फिर पकड़ा अवैध अंग्रेजी शराब का बड़ा जखीरा,एक ट्रक से ,51लाख रु कीमत का,734 कार्टून म... हरि जायसवाल तीसरी बार बने छत्तीसगढ़ मीडिया एसोसिएशन के जशपुर जिला अध्यक्ष किसी पर लगा दाग तो कोई गया सलाखों के पीछे, वो राजनेता जो ‘बदनाम’ होने के बाद निकले पाक साफ गोंडा में चलती एंबुलेंस से सड़क पर फेंका शव, Video वायरल… पुलिस ने बताई पूरी सच्चाई मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल से संभव हुआ अंतिम दर्शन, मुंबई से गृह ग्राम हाथीबेड पहुंच...
सरगुजा संभाग

श्री जगन्नाथ महाप्रभु की निकली भव्य रथ यात्रा,मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निभाई गजपति महाराजा की भूमिका

श्री जगन्नाथ महाप्रभु की नव मन्दिर निर्माण के प्रथम वर्ष रथयात्रा में श्रद्धालुओं की उमड़ी भारी भीड़

श्री जगन्नाथ मंदिर दोकड़ा में भव्य रथयात्रा निकाली गई ..

जशपुर 27 जून 25/मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने ज़िले के ऐतिहासिक

व प्राचीन श्री जगन्नाथ मंदिर कांसाबेल विकास खंड के ग्राम दोकड़ा में इस वर्ष भी रथ यात्रा में शामिल हुए रथयात्रा में
भव्यता व श्रद्धा के साथ किया गया भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के रथ को हजारों श्रद्धालु रस्सी खींचकर दोकड़ा का भ्रमण कराया गया भक्तों ने उत्साह के साथ रथयात्रा में शामिल हुए।

इस वर्ष की रथ यात्रा में एक विशेष आकर्षण रहा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय स्वयं गजपति महाराजा की परंपरागत भूमिका निभाई उनके साथ धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय भी शामिल थी
यह आयोजन ओडिशा के पुरी धाम की परंपरा के अनुरूप आयोजित किया गया

*1942 से हो रही रथ यात्रा, सतपथी दंपति ने रखी थी परंपरा की नींव*

बताया जाता है कि रथ यात्रा की शुरुआत दोकड़ा में सन् 1942 में हुई थी। इसकी नींव स्व. सुदर्शन सतपथी एवं उनकी धर्मपत्नी स्व. सुशीला सतपथी ने रखी थी। तब से लेकर आज तक यह परंपरा निर्विघ्न रूप से जारी है और अब यह आयोजन एक भव्य धार्मिक मेले का रूप ले चुका है।

*ओडिशा के कीर्तन मंडलियों और झांकियों से सजधज कर निकली रथ यात्रा*

रथ यात्रा के अवसर पर ओडिशा से विशेष रूप से आमंत्रित कीर्तन मंडलियां भक्ति संगीत की प्रस्तुति प्रस्तुत कर रही थी। साथ ही अनेक धार्मिक, सांस्कृतिक झांकियां भी यात्रा में शामिल रहे, जो भगवान श्री जगन्नाथ की महिमा और सांस्कृतिक विविधता को दर्शा रही थी।i

*नौ दिनों तक चलेगा धार्मिक पर्व, होंगे विविध कार्यक्रम*

श्री जगन्नाथ मंदिर समिति दोकड़ा के लोगों ने बताया कि रथ यात्रा महापर्व केवल एक दिन का नहीं होगा, बल्कि पूरा नौ दिन तक चलने वाला महोत्सव होगा। इस दौरान मंदिर परिसर एवं दोकड़ा गांव में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, बाल व युवा प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।

*श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होगा मेला*

रथ यात्रा के दौरान दोकड़ा में विशाल मेला का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय व दूर-दराज से पहुंचे श्रद्धालु भाग लेंगे। मेला में मनोरंजन, खानपान, झूले, हस्तशिल्प की दुकानों आदि की भरमार रहेगी।

यह रथ यात्रा ना केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह दोकड़ा गांव की संस्कृति, परंपरा और सामुदायिक एकता का जीवंत उदाहरण बन गई है। आयोजन समिति की ओर से श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर इस ऐतिहासिक और आध्यात्मिक उत्सव का हिस्सा बनें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button